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बिहार : निगम में व्यापारियों के लिए ट्रेड लाइसेंस होगा अनिवार्य

पटना : निगम क्षेत्र में व्यापारियों को दुकान खोलने को लेकर ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है. इस प्रस्ताव को गुरुवार को आयोजित निगम बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया गया, जिसे निगम बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. अब बिहार गजट में प्रकाशित करने को लेकर […]

पटना : निगम क्षेत्र में व्यापारियों को दुकान खोलने को लेकर ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है. इस प्रस्ताव को गुरुवार को आयोजित निगम बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया गया, जिसे निगम बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. अब बिहार गजट में प्रकाशित करने को लेकर विभाग को प्रस्ताव भेजा जायेगा. गजट प्रकाशित होने के बाद सख्ती से ट्रेड लाइसेंस जारी किया जायेगा, जिससे निगम के राजस्व की बढ़ोतरी होगी.
बोर्ड की बैठक में ट्रेड लाइसेंस से संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए मेयर सीता साहू ने कहा कि पूर्व में जटिल प्रक्रिया थी, जिससे ट्रेड लाइसेंस देने में काफी विलंब हो रहा था. अब प्रक्रिया को सरल किया गया है.
इस प्रस्ताव पर डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू सहित कई पार्षदों से सवाल उठाते हुए कहा कि पहले भी दो बोर्ड से ट्रेड लाइसेंस से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया है, फिर भी लागू नहीं किया गया. अब क्या गारंटी है कि पारित प्रस्ताव को सख्ती से लागू किया जायेगा. इसके जवाब में नगर आयुक्त केशव रंजन प्रसाद ने कहा कि ट्रेड लाइसेंस लेने को लेकर सिर्फ दो शर्तें हैं और ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गयी है. एक फोटो पहचान पत्र के साथ-साथ व्यावसायिक एकरारनामा से संबंधित कागज के साथ आवेदन करेंगे, तो निर्धारित समय सीमा के भीतर लाइसेंस निर्गत कर दिया जायेगा.
निगम बोर्ड से स्वीकृत कर्मचारियों व अधिकारियों की संख्या और रिक्त पदों की सूची से संबंधित प्रस्ताव सदन के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इस सूची पर सवाल उठाते हुए वार्ड संख्या 32 के पार्षद पिंकी यादव ने कहा कि निगम में वार्डों से संख्या 75 हो गयी है और सफाई निरीक्षकों के रिक्त पद 18 हैं. मुख्य सफाई निरीक्षक के स्वीकृत पद तीन हैं, जबकि अंचलों की संख्या चार है. पार्षदों के विरोध के बाद निर्णय लिया गया कि निगम में आवश्यकता के अनुरूप अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची तैयार की जाये, जिसको पारित पर विभाग को भेजा जा सके.
अपशब्द कहने पर दो अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश : बैठक में वार्डों में चल रही योजनाओं की समीक्षा पर चर्चा शुरू हुई. चर्चा शुरू होते ही वार्ड संख्या 35, 27, 40, 38 आदि के पार्षद एक साथ खड़े हो गये और कहने लगे जर्जर लाइन को दुरुस्त करने के लिए शहरी योजना के उप निदेशक सत्येंद्र कुमार सिंह को फोन करते हैं, तो वे अपशब्द बोलते हैं. वहीं, कंकड़बाग के सिटी मैनेजर को सफाई से संबंधित शिकायत करते हैं, तो जवाब मिलता है कि सभी पार्षद चोर हैं. मेयर ने अधिकारियों को निलंबित करते हुए जांच का आदेश दिया.
एक भी योजना का टेंडर नहीं हुआ फाइनल
वार्ड संख्या 70 के पार्षद ने कहा कि नये बोर्ड का गठन हुए आठ माह से अधिक समय हो गया और आठ माह में एक भी टेंडर फाइनल नहीं किया जा सका है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं किया जा सका है और न ही पहली किस्त का भुगतान हुआ है.
वार्ड स्तर पर 60-60 बल्ब लगाये जाने थे. बल्ब लग गये और राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है. इस मामले पर भी सदन में उपस्थित आधे से अधिक पार्षद खड़े हो गये. नगर आयुक्त ने सदन को आश्वासन देते हुए पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी करते हुए शौचालय व लाइट की राशि का भुगतान सुनिश्चित करें.

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