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बिहार : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में सुविधा, 12वीं पास को सेंट्रल इंटरेस्ट सब्सिडी का मिलेगा लाभ
पटना : बिहार के 12वीं पास छात्र-छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए सेंट्रल स्कीम फॉर इंटरेस्ट सब्सिडी का लाभ मिलेगा. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में छात्र-छात्राएं इसका लाभ उठा सकेंगे. जिस परिवार की सालाना आमदनी 4.50 लाख रुपये से कम होगी, उनके बच्चों को सिर्फ बैंक में आय प्रमाणपत्र जमा कराना होगा और उन्हें सेंट्रल […]
पटना : बिहार के 12वीं पास छात्र-छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए सेंट्रल स्कीम फॉर इंटरेस्ट सब्सिडी का लाभ मिलेगा. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में छात्र-छात्राएं इसका लाभ उठा सकेंगे. जिस परिवार की सालाना आमदनी 4.50 लाख रुपये से कम होगी, उनके बच्चों को सिर्फ बैंक में आय प्रमाणपत्र जमा कराना होगा और उन्हें सेंट्रल स्कीम फॉर इंटरेस्ट सब्सिडी मिल जायेगी.
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में कोर्स खत्म होने के बाद या कोर्स चलते समय ही एक निश्चित समय सीमा में ऋण के रूप में ली गयी राशि छात्रों को लौटानी होती है, लेकिन सेंट्रल स्कीम फॉर इंटरेस्ट सब्सिडी में कोर्स पूरा होने के एक साल बाद तक छात्र को कोई ब्याज नहीं देना होता है.
अगर कोई छात्र तीन साल के कोर्स के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की राशि लेते हैं और उन्हें सेंट्रल स्कीम फॉर इंटरेस्ट सब्सिडी का लाभ भी मिलता है तो कोर्स के चलने और खत्म होने के एक साल तक कोई ब्याज नहीं देना होगा. इस दौरान अगर वे ऋण के रूप में ली गयी राशि लौटाना चाहते हैं तो बिना ब्याज के ही मूल राशि वे लौटा सकेंगे.
इसके बारे में सभी कॉलेजों के साथ-साथ कोचिंग संस्थानों में छात्र-छात्राओं को बताया जायेगा और इसका प्रचार-प्रसार भी कराया जायेगा. राज्य सरकार इसकी तैयारी कर रही है और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में नये वित्तीय वर्ष होने वाले नये प्रावधान में इसको लागू भी किया जायेगा.
जॉब लगने के छह माह बाद से लौटानी होगी राशि
बैंकों की जगह शिक्षा वित्त निगम से मिलने वाली स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की राशि रिकवरी के लिए राज्य सरकार नियमों में बदलाव करने जा रही है. इसमें जॉब लगने के छह महीने के बाद या कोर्स पूरा होने के एक साल बाद से किस्तवार राशि की वसूली हो सकेगी.
छात्रों को दि गये अधिकतम चार लाख की राशि छह से सात साल में किस्तवार लौटानी होगी. इसमें हर महीने की एक किस्त निर्धारित की जायेगी और जिसे छात्रों को दे देना होगा. इसमें उन्हें चार से पांच प्रतिशत का ब्याज देना होगा.
डीपीओ की स्वीकृति अंतिम होगी
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में हो रहे नये प्रावधान में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की स्वीकृति अंतिम होगी. थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन के बाद जिले से ही डीपीओ इसे अंतिम रूप से स्वीकृत कर शिक्षा वित्त निगम को भेज देंगे.
शिक्षा वित्त निगम औपचारिकता को पूरा कर वित्त विभाग से राशि जारी करने की सिफारिश करेगा, जिसके बाद स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए जिस संस्थान में छात्र नामांकित हैं, वहां के बैंक खाते और किराये पर रहने के लिए छात्र के खाते में राशि चली जायेगी.
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