बिहार : भूमिहीन किसानों को सुविधा देने के लिए सरकार बनायेगी विशेष रणनीति : सुशील मोदी

मंथन. बजट पूर्व समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री बोले पटना : राज्य सरकार जल्द ही सूबे के गैर-रैयत या भूमिहीन किसानों को कृषि क्षेत्र में हर तरह की सहूलियत प्रदान करने के लिए विशेष रणनीति तैयार करेगी. इन्हें भी आसानी से ऋण मुहैया कराने, कृषि यांत्रिकीकरन समेत अन्य सभी योजनाओं का ज्यादा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2018 7:48 AM
मंथन. बजट पूर्व समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री बोले
पटना : राज्य सरकार जल्द ही सूबे के गैर-रैयत या भूमिहीन किसानों को कृषि क्षेत्र में हर तरह की सहूलियत प्रदान करने के लिए विशेष रणनीति तैयार करेगी. इन्हें भी आसानी से ऋण मुहैया कराने, कृषि यांत्रिकीकरन समेत अन्य सभी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने की कवायद की जायेगी. डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह जानकारी दी.
बुधवार को वह मुख्य सचिवालय के सभागार में कृषि, पशुपालन ए‌वं मत्स्य संसाधन और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बजट पूर्व समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सभी जिलों से आये किसानों, पशुपालकों, दुग्ध व्यवसायियों, पैक्स सदस्यों समेत अन्य से सुझाव लिये और उनकी समस्याएं भी सुनीं. साथ ही आगामी बजट में उचित सलाहों को शामिल करने का भी आश्वासन दिया
.
उन्होंने कहा कि बिहार में भूमिहीन किसानों की आबादी काफी है. इन्हें हर तरह से सुविधा मुहैया कराकर सशक्त बनाने का प्रयास किया जायेगा. जमीन का मालिकाना हक जिनके पास है, वह बना ही रहेगा.
उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं आयेगा. इनकी खेती करने वाले भूमिहीन बटाईदारों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. डिप्टी सीएम ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष से बटाईदारों से भी धान अधिप्राप्ति की शुरुआत की गयी है. अब तक 61 हजार किसानों से साढ़े चार लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है, जिसमें 47 फीसदी धान की खरीद बटाईदारों से ही की गयी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसानों को खेती में लागत कम करने के लिए बिजली की विशेष व्यवस्था करने पर खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है. आगामी दो वर्ष में राज्य के सभी जिलों और प्रखंडों में कृषि के
लिए अलग बिजली फीडर की व्यवस्था कर दी जायेगी. अभी किसानों कोडीजल आधारित पटवन के कारण खेती की लागत काफी बढ़ जाती है.बिजली आधारित खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी को दोगुनी की जा सकती है.मोदी ने कहा कि सब्जी के उत्पादन और मार्केटिंग के लिए अलग सहकारिता का गठन किया जायेगा. किसानों को कर्ज का भुगतान समय पर करने की अपील करते हुए कहा कि इससे उन्हें महज तीन फीसदी की ब्याज देना पड़ेगा. डिप्टी सीएम ने कहा कि 13 फरवरी को ज्ञान भवन के बापू सभागार में एग्रो-फॉरेस्ट्री पर राज्य स्तरीय सेमिनार होगा.
महत्वपूर्ण सुझाव
नेपाल व बांग्लादेश में प्याज उत्पादन नहीं होता, एक्सपोर्ट को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बने.
ट्रैक्टर को कृषि यांत्रिकीकरण योजना में शामिल किया जाये.
पटवन में सोलर पंप का उपयोग किया जाना चाहिए.
गन्ना में डीजल अनुदान और क्षतिपूर्ति अनुदान की व्यवस्था हो.
बांस की स्थानीय प्रजाति को प्रोत्साहित किया जाये.
उन्नत बीज प्रसंस्करण की व्यवस्था हो आदि.

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