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बिहार : जायद को कैद से छुड़ाने के लिए पुलिस जवानों और अपहरणकर्ताओं के बीच खूब हुई थी पटका-पटकी..जानें पूरी घटना के बारे में
पुलिसकर्मियों की आईडी व लोगो लगी बाइक और कार का इस्तेमाल करता था सरगना शशि रंजन पटना : पटना पुलिस की टीम को छात्र मोहम्मद जायद को बरामद करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा था. पुलिस घर तक पहुंची और अंदर घुसी तो शशि रंजन व अन्य काे होने की जानकारी हो गयी. […]
पुलिसकर्मियों की आईडी व लोगो लगी बाइक और कार का इस्तेमाल करता था सरगना शशि रंजन
पटना : पटना पुलिस की टीम को छात्र मोहम्मद जायद को बरामद करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा था. पुलिस घर तक पहुंची और अंदर घुसी तो शशि रंजन व अन्य काे होने की जानकारी हो गयी. इस दौरान पुलिस और अपहरणकर्ताओं के बीच जबरदस्त उठापटक शुरू हो गयी. इस भिड़ंत में कई पुलिसवालों को चोटें भी आयी हैं. काफी जोर-अजमाइश के बाद पांचों को पुलिस ने पकड़ा.
चालाकी से दिया वारदात को अंजाम : जानकारी के मुताबिक अपहरणकर्ताओं ने अपहरण की वारदात को पूरी चालाकी से अंजाम दिया. अपहरण में प्रयुक्त कार का नंबर उन लोगों ने हटा दिया था. मो जायद को उठा लेने के बाद भीखाचक स्थित घर पर लाया गया. इसके बाद उक्त कार में फिर से नंबर प्लेट लगा दिया गया था. हालांकि सीसीटीवी कैमरा के वीडियो फुटेज व मोबाइल के नंबर का अध्ययन करने के बाद पुलिस को सफलता मिल गयी थी.
इधर, एसएसपी शशि रंजन के रिवॉल्वर का लाइसेंस रद्द करने के लिए भी डीएम से अनुशंसा करेंगे. दूसरी ओर पाटलिपुत्र थाने में शशि रंजन समेत सात लोगों के खिलाफ अपहरण, मारपीट करने व जालसाजी करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गयी है. एसएसपी ने बताया कि रिवॉल्वर के लाइसेंस को रद्द करने के लिए अनुशंसा की जायेगी. साथ ही अनुसंधान जारी है.
और जिन लोगों की संलिप्तता सामने आयेगी, उनकी गिरफ्तारी कर जेल भेजा जायेगा.पांचों अपहरणकर्ताओं को भेजा गया जेल : पुलिस ने अपहरण मामले में पकड़े गये शशि रंजन समेत पांचों को मंगलवार को जेल भेज दिया और उसके साथ ही रिमांड पर लेने के लिए आवेदन भी दिया है. दूसरी ओर छात्र मो जायद का न्यायालय में बयान कराया गया है. न्यायालय में मो जायद ने अपने साथ हुई पूरी घटना की जानकारी दे दी है.
जरूरत के अनुसार बदलता था गाड़ी का नंबर प्लेट
मास्टरमाइंड शशि रंजन काफी शातिर है और वह जरूरतके अनुसार अपनी गाड़ी का नंबर प्लेट बदलता था. उसकी गाड़ी के शीशा पर काली फिल्म लगी है और वह जब निकलता था तो पुलिस की लोगो लगी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करता था, ताकि वह पुलिस से आसानी से बच सके.इसके अलावा उसके पास कई पुलिस अधिकारियों के आइडी कार्ड थे, जिसका इस्तेमाल भी वह पुलिस से बचने के लिए करता था. उसने पुलिस की आइडी बना रखी थी. इसके अलावा उसके संबंध में यह बताया जाता है कि वह शराब का काफी शौकीन था और महंगी शराब पीता था. इसके साथ ही उसका दिल्ली भी बराबर आना जाना लगा रहता था.
पकड़ाया वकार और फिर भीखाचक पहुंची पुलिस
बताया जाता है कि मो जायद के अपहरण होने के बाद भी मो वकार घर पर ही मौजूद था. वह जयाद के फ्लैट में ही किरायेदार था और अनुसंधान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहा था. 11 बजे जब अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की रकम मांगी तो वह नंबर पुलिस के हाथ लग गया. हालांकि वह नंबर फर्जी नाम व पते पर लिया था. पुलिस ने उसे पकड़ा, लेकिन उक्त व्यक्ति की संलिप्तता नहीं थी.
इकसे बाद पुलिस ने उस नंबर का सीडीआर निकाला तो यह जानकारी मिली कि अपहरण के कुछ देर पहले और फिर बाद में भी लगातार एक नंबर पर अपहरणकर्ताओं की बात होती रही. पुलिस ने उस नंबर की जानकारी ली कि वह किरायेदार मो वकार का निकला. पुलिस का शक पुख्ता हो गया और उसे पूछताछ के नाम पर बुलाया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद पूछताछ में उसने सारी जानकारी दे दी और शशि रंजन के भीखाचक स्थित घर की जानकारी दे दी. पुलिस भीखाचक पहुंची और फिर मो जयाद को बरामद किया गया.
अपने ही बुने जाल में फंस गये अपराधी
पटना : मोहम्मद जायद का अपहरण करनेवाले चारों अपराधी अपने ही बुने हुए जाल में फंस गये हैं. इस गैंग ने इस कांड का सबसे बड़ा सबूत पुलिस को थमा दिया है. दरअसल अपहरण करने के बाद मोहम्मद जायद जिस मकान में रखा गया था, वहां पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था. अंदर-बाहर कैमरे लगे थे.
जब अपराधी उसे कमरे में लेकर गये तब से लेकर पुलिस द्वारा जायद को मुक्त कराये जाने की एक-एक फुटेज मौजूद है. फुटेज में जायद को अंदर जाया जा रहा है, पलंग पर बैठाकर उसके साथ मारपीट व हाथ-पैर को जंजीर से बांधा जा रहा है.
उसके बाद उसे लिटाकर उसके शरीर पर चादर डाली जा रही है. पुलिस ने हार्ड डिस्क को जब्त किया है. अब इस मामले में चार्जशीट करने के साथ पुलिस सीसीटीवी फुटेज को कोर्ट में दाखिल करेगी. कानून के जानकार मानते हैं कि इस फुटेज के आधार पर चारों अपराधियों को सजा होनी तय है.
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