बिहार : हुआ खुलासा, बुद्ध के प्रमुख स्थानों पर दहशत फैलाना था आतंकियों का टारगेट

पटना : बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में आईईडी बम मिलने के मामले की जांच मुख्य रूप से एनआईए कर रही है. अन्य खुफिया एजेंसियों को भी इससे जुड़ी कई जानकारी मिली है. हालांकि कोई एजेंसी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं कर रही है. जांच में यह पता चला है कि बोधगया, राजगीर, वैशाली समेत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2018 8:50 AM
पटना : बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में आईईडी बम मिलने के मामले की जांच मुख्य रूप से एनआईए कर रही है. अन्य खुफिया एजेंसियों को भी इससे जुड़ी कई जानकारी मिली है.
हालांकि कोई एजेंसी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं कर रही है. जांच में यह पता चला है कि बोधगया, राजगीर, वैशाली समेत बौद्ध से जुड़े अन्य प्रमुख स्थानों पर दहशत फैलाना इनका मेन टारगेट था. परंतु, प्राइम टारगेट बोधगया था, क्योंकि बौद्ध का यह सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल है और शीर्ष बौद्ध गुरु दलाई लामा समेत दुनियाभर के बौद्ध धर्मावालंबी यहां आते हैं. लेकिन, राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी से आतंकी साजिश का पर्दाफाश हो गया. इसमें शामिल दो-तीन फरार संदिग्धों की तलाश चल रही है.
गया के अलावा पटना, दरभंगा व जहानाबाद में भी आतंकियों के मूवमेंट नोटिस किये गये हैं. इसमें जहानाबाद में एनआईए की टीम छापेमारी कर चुकी है. बम रखने वाले स्लीपर सेल के संदिग्ध जहानाबाद में किराये पर मकान लेकर करीब एक महीना रहे थे.
ये लोग हमेशा बोधगया आते थे. महाबोधि मंदिर के आसपास के इलाके की बारीकी से रेकी की थी. इस बार भी स्लीपर सेल का ताल्लुक यहां से होने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता. पटना जिले में इनका कहीं-कहीं मूवमेंट नोट किया गया है, लेकिन यहां ठहरने की बात अभी तक पूरी तरह से साबित नहीं हुई है.
बांग्लादेश से मुर्शिदाबाद, फिर बिहार आये थे आतंकी
बांग्लादेश से काफी समय बाद किसी आतंकी संगठन की गतिविधि भारत खासकर बिहार में देखी गयी है. इससे पहले जितनी आतंकी हलचल देखी गयी वह सभी नेपाल के रास्ते ही आये थे. बांग्लादेश से जेयूएम के आतंकी ट्रेनिंग लेकर पहले पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद पहुंचे थे. इसके बाद ये लोग बिहार आये थे. इन दिनों यह स्थान स्लीपर सेल का मुख्य केंद्र बना हुआ है. आतंकियों का बिहार में गतिविधि का यह नया रूट देखने को मिला है. इस रूट और इससे जुड़े सभी स्लीपर सेल या संदिग्धों को चुन-चुन कर दबोचने का अभियान तेजी से शुरू हो गया है. इसको लेकर हाल में कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर छापेमारी भी हुई है. इसमें सबसे बड़ी समस्या उन स्लीपर सेल को पकड़ने में आ रही है, जिनका पहले कोई रिकॉर्ड नहीं है.

Next Article

Exit mobile version