राबड़ी देवी को जदयू ने भेजा खुला पत्र, तेजस्वी की न्याय यात्रा को दिया यह चैलेंज, पढ़ें

पटना : बिहार में इन दिनों जदयू और राजद के बीच राजनीतिक लड़ाई जारी है. इस दौरान दोनों ओर से बयानबाजी के साथ सोशल मीडिया के जरिये एक दूसरे पर हमला जारी है. इसी क्रम में राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा और तेजस्वी यादव के न्याय यात्रा को लेकर भी राजनीति तेज हो गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2018 12:12 PM

पटना : बिहार में इन दिनों जदयू और राजद के बीच राजनीतिक लड़ाई जारी है. इस दौरान दोनों ओर से बयानबाजी के साथ सोशल मीडिया के जरिये एक दूसरे पर हमला जारी है. इसी क्रम में राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा और तेजस्वी यादव के न्याय यात्रा को लेकर भी राजनीति तेज हो गयी है. जदयू के विधान पार्षद सह प्रवक्ता नीरज कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री और राजद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राबड़ी देवी के नाम से खुला पत्र जारी किया है. इस पत्र में नीरज कुमार ने राबड़ी के अलावा पार्टी नेता तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए चैलेंज भी किया है.

नीरज कुमार ने दिनांक 8 फरवरी 2018 को लिखे अपने पत्र में कहा है कि माननीय पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जी, सबसे पहले आपको अपनी पार्टी राजद के उपाध्यक्ष बनने पर बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं. आपके पुत्र और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद जी अपनी कथित संविधान बचाओ न्याय यात्रा पर10फरवरी को जा रहे हैं. परंतु यहां भी उनके उच्च शिक्षा नहीं ग्रहण करना,आड़े आ गयी. नीरज ने आगे लिखा है कि किसी विद्वान ने कहा हैकि विद्या सब से बड़ा धन है,जीवन में और दूसर नाए. मात-पिता दुश्मन बना,जो बच्चों को नहीं दिया पढ़ाए. नीरज कुमार ने आगे लिखा है कि खैर,यह गलती तो आपलोगों से हो गयी. परंतु,यह सत्य है कि भारत का संविधान इतना कमजोर नहीं की कोई उसे खराब या बर्बाद कर दे.

उन्होंनेलिखा है कि यह देश का ग्रंथ हम पुरखों के बलिदान और उनके निःस्वार्थ कुर्बानी की देन है. इस कारण यह इतना कमजोर नहीं कि कोई इसे क्षति पहुंचा सके. आपके पुत्र ने अपनी यात्रा के नामकरण भी माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की यात्रा न्याय यात्रा के नाम की नकल की है. खैर,तेजस्वी जी की मजबूरी है. नीरज ने आगे एक और चौपाई लिखते हुए कहा है कि करम है मूल जगत में,चंचल मन है अंधकार, ऊंच नाच के भरम में,जाये गिरे बीच मंझधार. नीरज कुमार ने लिखा है कि वे नेता बनने के भ्रम में मंझधार में फंस गये हैं. उनका कर्म उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है. तेजस्वी जी,कुछ बोलने के पूर्व आप लोगों (लालू जी और आपके) के नेतृत्व में चली सरकार के कार्यकाल को भूल जाते हैं.

उन्होंने पत्र में लिखा है कि जदयू की अपेक्षा है कि तेजस्वी जिस जिले में अपनी यात्रा के दौरान पहुंचे,उससे पूर्व वे अपने पिताजी और माताजी के कार्यकाल के विकास कार्यों का ब्योरा भी प्रस्तुत करें. उन जिलों में राजद के शासन काल में अपराध,शिक्षा,दलित,अति पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के विकास के लिए चलायी गयी योजनाओं,छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए चलायी गयी योजनाओं,सड़क और बिजली जैसी बातों का भी लेखा-जोखा प्रस्तुत करें, इसके अलावे तेजस्वी जी यह भी बताएं कि उनके नाम कितनी बेनामी संपत्ति उन जिलों में है. आखिर यह न्याय यात्रा है?

नीरज ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि यह जानना बिहार के लोगों का हक है और यही उनके साथ सच्चा न्याय भी है. पूर्व उपमुख्यमंत्री जी और आप,अगर इन ब्योरों को अगले24घंटे के अंदर नहीं प्रस्तुत कर सकते,तो जदयू अपने कर्तव्यों को निर्वाह करते हुए यात्रा के पूर्व जिला वार यहां के लोगों को दोनों सरकार में अंतर को बताने का कार्य करेगी. आपसे निवेदन है,अब खुद तो नहीं परंतु अपने पुत्रों को सार्वजनिक जीवन में त्याग,धर्मनिपरपेक्ष और समाजवाद का पाखंड छोडकर,जाति के नाम पर लोगोको लड़ाने की रणनीति छोडकर आगे बढ़ने की सलाह दीजिए. वरना,बिहार के लोग राजद के शासनकाल को याद कर अब भी कहते हैं- ये जो तेरे हाथों में फूलों का गुलदस्ता है, वे मेरे पांव के कांटों पे बहुत हंसता है.

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