केंद्रीय मंत्री पर प्राथमिकी का मामला : गिरिराज ने घटना के पीछे तेजस्वी का हाथ होने की जतायी आशंका, दी सलाह
पटना : केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर राजद नेता तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि जमीन फर्जीवाड़े की पहली जानकारी उनके ही ट्वीट से मिली है. ऐसा लगता है कि इसके आर्किटेक्ट वही हैं. वहीं, उन्होंने प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बारे में कहा […]
पटना : केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर राजद नेता तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि जमीन फर्जीवाड़े की पहली जानकारी उनके ही ट्वीट से मिली है. ऐसा लगता है कि इसके आर्किटेक्ट वही हैं. वहीं, उन्होंने प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बारे में कहा है कि प्राथमिकी किस आधार पर की गयी है, यह जानकारी के अभाव में नहीं कह सकता. लेकिन, कानून का हमेशा सहयोग करूंगा. साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में तेजस्वी यादव को सलाह भी दी है. केंद्रीय मंत्री ने लिखा है कि तेजस्वी यादव अपने पिता के सजायाफ्ता करार दिये जाने और राजद की डूबती नैया बचाने पर चिंतन करें, उनके लिए यही बेहतर होगा.
तेजश्वी जी के ट्वीट से पहली जानकारी मिली,ऐसा प्रतीत होता है कि इसके आर्किटेक्ट वही है
FIR के मेरिट पर जानकारी के अभाव में कुछ नही कह सकता।
लेकिन कानून का हमेशा सहयोग करूँगा।
तेजस्वी जी अपने पिता जी के कन्विक्शन और उसके बाद डूबती राजद की नैया बचने पर चिंतन करे तो भला होगा। https://t.co/w5OFGszOfz— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 8, 2018
इससे पहले तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा दो एकड़ 56 डिसमिल जमीन पर जबरन कब्जा किये जाने से संबंधित ट्वीट कर पटना व्यवहार न्यायालय के आदेशनुसार दानापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज किये जाने की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने मंत्री के घर से करोड़ों रुपये कैश की बरामदगी की बात कहते हुए लिखा है कि ‘फिर भी ईमानदार हैं, क्योंकि कोई खबर नहीं है.’
क्या है मामला
केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री गिरिराज सिंह सहित 33 लोगों के खिलाफ पटना व्यवहार न्यायालय के आदेश पर जमीन फर्जीवाड़े को लेकर दानापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. दर्ज कांड संख्या 54/18 में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम की धारा भी शामिल है. प्राथमिकी में दर्ज सभी आरोपितों पर जमीन को फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री कराने और विरोध करने पर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. पटना अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश, एससी-एसटी न्यायालय ने आसोपुर निवासी रामनारायण प्रसाद के दायर परिवाद पत्र पर सुनवाई के बाद पुलिस को मामला दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया था. वादी ने याचिका में बताया था कि मुझे मेरे मामा बिपत राम से दो एकड़ 60 डिसमिल जमीन निबंधित बख्शीशनामा के माध्यम से हासिल हुई थी, जिसकी फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री का खेल आरोपितों द्वारा 1957 से ही किया जा रहा है.
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