नीति आयोग ने जारी की ‘हेल्दी स्टेट्स, केरल शीर्ष पर, बिहार और ओड़िशा का प्रदर्शन खराब
नयी दिल्ली : नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक में केरल शीर्ष पर रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है. केरल के बाद पंजाब, तमिलनाडु व गुजरात का स्थान है. खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में राजस्थान, बिहार व ओड़िशा हैं. वार्षिक स्तर पर प्रगति के मामले में झारखंड सबसे आगे है, फिर […]
नयी दिल्ली : नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक में केरल शीर्ष पर रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है. केरल के बाद पंजाब, तमिलनाडु व गुजरात का स्थान है. खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में राजस्थान, बिहार व ओड़िशा हैं.
वार्षिक स्तर पर प्रगति के मामले में झारखंड सबसे आगे है, फिर जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. इन राज्यों ने बीते कुछ महीनों में नवजात मृत्यु दर, पांच से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर संपूर्ण टीकाकरण और एचआइवी संक्रमित लोगों के इलाज जैसे संकेतकों के मामले में अच्छा सुधार किया है.
शुक्रवार को जारी नीति आयोग की ‘हेल्दी स्टेट्स, प्रोग्रेसिव इंडिया’ रिपोर्ट के मुताबिक छोटे राज्यों के स्वास्थ्य सूचकांक में मिजोरम पहले स्थान पर आया है. जबकि मणिपुर दूसरे और गोवा तीसरे स्थान पर हैं. केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सबसे आगे है. नीति आयोग के सदस्य विनोद पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य सूचकांक में अंतिम प्रदर्शन और प्रदर्शन में सालाना बढो़तरी का आकलन किया गया है जो राज्यों को एक-दूसरे से सीखने के लिए प्रेरित करेगा.
नीति आयोग ने यह रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व बैंक के साथ मिलकर तैयार किया है. रिपोर्ट में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश को बडे, छोटे तथा संघ शासित प्रदेशों की तीन वर्ग में रखा गया है ताकि एक समान राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के बीच आसानी से तुलना की जा सके.
झारखंड जैसे राज्यों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी प्रगति की है. नीति आयोग मानता है कि स्वास्थ्य सूचकांक प्रतियोगी संघवाद को हासिल करने में मददगार साबित होगा और इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर परिणाम हासिल करने की रफ्तार बढ़ेगी.
–अमिताभ कांत, नीति आयोग के सीईओ