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टेंडर मामले में पीएमसीएच के पूर्व सुपरिटेंडेंट पर होगी एफआईआर

पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक सहित अन्य कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. अदालत ने पूर्व अधीक्षक डाॅ लखींद्र प्रसाद समेत अन्य दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी व न्यायाधीश नीलू अग्रवाल की खंडपीठ ने बबन प्रसाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2018 8:42 AM
पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक सहित अन्य कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. अदालत ने पूर्व अधीक्षक डाॅ लखींद्र प्रसाद समेत अन्य दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी व न्यायाधीश नीलू अग्रवाल की खंडपीठ ने बबन प्रसाद सिंह द्वारा दायर एलपीए पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत ने राज्य की निगरानी अन्यवेषण ब्यूरो को कहा कि उसके जांच में जिन जिन लोगों की संलिप्तता सामने आयी हैं
उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई शुरू करे. अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया है कि पटना के पीएमसीएच में हर जगह लगे हुए एसी की देखरेख के साथ उसके मेंटेनेंस के लिए एक विज्ञापन निकाला गया था. याचिकाकर्ता ने भी उसमे अपना टेंडर डाला था. याचिकाकर्ता का रेट बहुत कम का था. कम रेट होने के बाद भी यह काम उसे नहीं दिया गया. बाद में पता चला कि पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने उस काम को अपने किसी खास व्यक्ति को दे दिया है. इस बात की जानकारी होने पर हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गयी थी.
पटना. पटना विवि में हो रहे छात्र संघ चुनाव को रोकने के लिए दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए विवि प्रशासन से इस मामले में 12 फरवरी को जवाब मांगा गया है.
न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने अमर आजाद एवं अन्य द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि पटना विवि में अभी कई विषयों की परीक्षाएं चल रही हैं. इन परीक्षाओं के बीच की अवधि में ही पटना विवि प्रशासन द्वारा छात्र संघ चुनाव कराने के लिए कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गया है. छात्रसंघ का चुनाव होने से चुनाव लड़ रहे छात्र प्रत्याशियों के साथ अन्य विद्यार्थियों को भी कठिनाइयां हो रही हैं. याचिकाकर्ता का अनुरोध था की सभी परीक्षाएं समाप्त होने के बाद नये सिरे से चुनाव की तिथि निर्धारित हो.
कब तक ठीक होंगे खराब पड़े सरकारी नलकूप : हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में सरकार से जानकारी मांगी है कि कब तक खराब पड़े सरकारी नलकूपों को ठीक कर लिया जायेगा. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने एक लोकहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार से जानकारी मांगी. अदालत ने विभाग के प्रधान सचिव को कहा कि वह छह सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर बताये की राज्य में कितने सरकारी नलकूप हैं. इनमें कितने ठीक हैं तथा कितने अभी भी खराब पड़े हुए हैं. साथ ही यह भी बताएं कि इन्हें ठीक कराने को सरकार ने अभी तक कितने पैसे दिये हैं.

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