मोबाइल लोकेटर सिस्टम मशीन के लिए भेजा प्रस्ताव
पटना : पटना पुलिस को जल्द ही मोबाइल लोकेटर सिस्टम मशीन मिल जायेगा. इसके लिए डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है. अगर पुलिस मुख्यालय से उक्त प्रस्ताव स्वीकृत हो जायेगा तो यह पटना पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. इस मशीन की कीमत पांच करोड़ […]
पटना : पटना पुलिस को जल्द ही मोबाइल लोकेटर सिस्टम मशीन मिल जायेगा. इसके लिए डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है. अगर पुलिस मुख्यालय से उक्त प्रस्ताव स्वीकृत हो जायेगा तो यह पटना पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. इस मशीन की कीमत पांच करोड़ से दस करोड़ के आसपास होती है. इस मशीन की खासियत यह है कि इससे एक मिनट के अंदर ही अपराधियों के मोबाइल का लोकेशन पुलिस को मिल जायेगा. अभी पुलिस को अपराधियों का मोबाइल लोकेशन तुरंत प्राप्त नहीं होता है, बल्कि कुछ देर इंतजार करना पड़ता है और तब तक अपराधी अपना लाेकेशन चेंज भी कर सकते है. जिसका नतीजा यह है कि अपराधियाें को पकड़ने में समय लगता है.
सौ मीटर के रेंज में बताता है लोकेशन
सूत्रों के अनुसार इस सिस्टम के संबंध में यह बताया जाता है कि यह काफी करीब का लोकेशन बताता है. मसलन मोबाइल के सौ मीटर के दायरे का लोकेशन बताता है. जबकि मोबाइल कंपनियों द्वारा जो लोकेशन बताया जाता है कि उसका दायरा करीब आधा किलोमीटर तक होता है, जिसमें भी पुलिस को अपराधियों तक तुरंत पहुंचने में परेशानी होती है.मोबाइल कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता है पुलिस को
अब अगर हम पुलिस की जांच की बात करें तो इसमें टेक्निकल सर्विलांस का अहम योगदान है.
हाल यह है कि इस टेक्निकल सर्विलांस के लिए पुलिस को मोबाइल कंपनियों पर नर्भिर रहना पड़ता है. अपराधियों के मोबाइल का सीडीआर या लोकेशन निकालने के लिए इन मोबाइल कंपनियों की मदद लेनी पड़ती है और इन प्रक्रियाओं के होते-होते अपराधी इलाका छोड़ कर निकल जाता है. इसके बाद उन्हें पकड़ना काफी मुश्किल हो जाता है. मोबाइल कंपनी प्रशासन की इच्छा हो तो वह जल्दी भी डिटेल दे देती है, नहीं तो उसे देने में दो-तीन दिन लगा देते है.
इतना समय अपराधियों के लिए काफी होता है. सूत्रों के अनुसार अगमकुआं इलाके में विक्की ने रौनक का अपहरण करने के बाद ही किसी को कुछ करने का मौका नहीं दिया और कुछेक घंटों में ही उसकी हत्या कर दी. इसके बाद वह रात भर घूम-घूम कर फिरौती की रकम के लिए फोन करता रहा. लेकिन पुलिस के हाथ नहीं आया. रात का समय हो चुका था, जिसके कारण लोकेशन मिलने में और भी परेशानी हो रही थी.