पटना : बिहार अररिया जिले के जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरफराज आलम ने शनिवार को एक बार फिर राजद का दामन थाम लिया. सरफराज आलम सीमांचल के गांधी कहे जाने वाले राजद के स्व. सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन के बेटे हैं. सरफराज आलम का विवादों से पुराना नाता रहा है. हाल तक सरफराज आलम जदयू के बिहार विधानसभा सदस्य थे. आलम ने विधानसभा से विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद, जदयू भी छोड़ दिया और राजद की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है. कहा जा रहा है कि सरफराज आलम अररिया लोकसभा सीट से राजद की टिकट पर उपचुनाव लड़ेंगे. अररिया सीट सरफराज आलम के पिता और राजद नेता तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद खाली हो गयी थी, जिस पर चुनाव आयोग ने 11 मार्च को उपचुनाव का एलान किया है.
सरफराज आलम को अररिया जिले में जोकिहट से विधानसभा के लिए चुनेगयेथे. आलम को पहली बार 2000 में राष्ट्रीय जनता दल की टिकट पर विधानसभा के लिए चुना गया था. आलम को पुलिस ने 2010 में एक हमले के आरोप में गिरफ्तार किया था. 23 जनवरी 2016 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायक सरफराज आलम को डिब्रूगढ़-नई राजधानी राजधानी एक्सप्रेस पर एक महिला के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के लिए निलंबित कर दियाथा. उनके खिलाफ पटना जंक्शन में जीआरपी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था था और आईपीसी की धारा 341, 323, 290, 504 और 354 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था.
सरफराज आलम पर 17 जनवरी 2016 को डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करने के दौरान एक दंपति के साथ दुर्व्यवहारऔरछेड़छाड़करने का आरोप लगा था. बाद में सरफराज ने पुलिस पूछताछ के दौरान यह स्वीकारा था कि उन्होंने उक्त ट्रेन से यात्रा की थी. सरफराज पहले उक्त ट्रेन से सफर करने की बात से इनकार कर रहे थे. इस मामले में जदयू ने सरफराज आलम को पार्टी से निलंबित कर दिया था. बाद में इस मामले में विधायक को कोर्ट से जमानत मिल गयी थी. उस समय भी कयास लगाया जा रहा था कि सरफराज आलम पार्टी छोड़ देंगे.
इस मामले में पुलिस ने विधायक को एसएमएस व वाट्सअप के माध्यम से नोटिस भेजा था, उसके बाद पटना जंकशन जीआरपी में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. मामले की पूरी जानकारी एडीजी (मुख्यालय) सुनील कुमार ने कहा था कि अगर विधायक नोटिस के बाद भी नहीं आते हैं, तो उन पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. रेल एसपी पीएन मिश्र ने भी इसकी पुष्टि की थी. एडीजी ने कहाथा कि इस मामले में राजधानी एक्सप्रेस के टीटीइ समेत अन्य कर्मियों और सहयात्रियों के भी बयान ले लिये गये थे. पटना और कटिहार जंकशनों पर सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की गयी थी. तमाम सबूतों की जांच में यह मामला पूरी तरह से सही पाया गया था.
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