बाढ़ आने से 72 घंटे पहले मिलेगी सूचना : राजीव रंजन सिंह

पटना : मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि इसके काम करने लगने से 72 घंटे पहले बाढ़ आने की सूचना मिल सकेगी. बाढ़ प्रबंधन को लेकर बिहार सरकार के काम में बड़ा सहयोग मिलेगा. राज्य सरकार मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर के काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2018 3:55 AM

पटना : मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि इसके काम करने लगने से 72 घंटे पहले बाढ़ आने की सूचना मिल सकेगी. बाढ़ प्रबंधन को लेकर बिहार सरकार के काम में बड़ा सहयोग मिलेगा. राज्य सरकार मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर के काम का लाभ इसी साल से लेने जा रही है.

मई दूसरे सप्ताह से लेकर सितंबर महीने तक बाढ़ को लेकर प्रबंधन किया जाता है. इस साल कोसी और बागमती नदी के गाज और आंकड़ों के आधार पर पूर्वानुमान किया जायेगा. इसमें 72 घंटे पहले पता लगाया जा सकेगा कि नदियों में पानी कितना बढ़ने वाला है, कौन सा तटबंध पानी का दबाव नहीं झेल सकता है और उससे पानी का फैलाव कहां तक हो सकता है. इससे तैयारी की जा सकेगी और बचाव के उपाय किये जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर के बाद नवंबर महीने तक फिजिकल मॉडयूलिंग सेंटर बनेगा. इसमें नदियों की वास्तविक स्थिति के आधार पर अध्ययन होगा.

कोसी खतरनाक नदियों में से एक : विजेंद्र यादव
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि विश्व की सबसे खतरनाक नदियों में से कोसी एक नदी है. यह कब रास्ता बदल लेगी किसी को पता नहीं. बिहार में बारिश नहीं होने के बाद भी नदियों में पानी रहता है. गर्मी में जहां हिमालय पर बर्फ पिघलता है तो नदियों में पानी आता है, वहीं बारिश में नेपाल, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में ज्यादा बारिश होने से पानी आ जाता है. नदियों में आने वाली बाढ़ का पूर्वानुमान होने से सिर्फ बिहार नहीं बल्कि देश को लाभ होगा.
बाढ़ आने से 72 घंटे पहले मिलेगी इसकी सूचना
सिर्फ निर्माण में दिलचस्पी नहीं दिखाएं इंजीनियर
मुख्यमंत्री ने कहा इंजीनियरों की ज्यादा दिलचस्पी निर्माण के काम और डिजाईन बनाने में रहती है. इंजीनियरों को अपने दिमाग को खोलना चाहिए और पर्यावरण के बारे में भी सोचना चाहिए. ऐसा करेंगे तो आने वाली पीढ़ियों के लिए नदियां सुरक्षित रहेंगी. नहीं तो सिर्फ गंगा की स्थिति देख लें कि क्या हो गयी है? हम सब सिर्फ अपनी सुविधा का ही ध्यान रख रहे हैं.
मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर हो यूनिक: सीएम ने कहा कि मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर यूनिक सेंटर के रूप में उभरे. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सिर्फ नाम नहीं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस काम भी होना चाहिए. वहीं नवंबर तक सुपौल के वीरपुर में फिजिकल मॉडलिंग सेंटर की भी स्थापना की जायेगी. इससे नदियों का गाद के आधार पर उसका वास्तविक अध्ययन किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर और उसकी फिजिकल मॉडलिंग सेंटर के साथ आने से नदियों का आंकड़ों और वर्तमान स्थिति के आधार पर अध्ययन हो सकेगा. उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचाव बहुत जरूरी है.

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