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दिल्ली में बैठे अफसरों को गंगा की हालत का नहीं है एहसास

बोले सीएम. गंगा का भी अध्ययन करे मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली में बैठे अधिकारियों को गंगा की हालत का एहसास नहीं है. पुराने आंकड़ों के आधार पर अध्ययन कर एलायनमेंट तैयार कर लिया जाता है, जबकि वास्तविक स्थिति कुछ और होती है. सिर्फ गंगा नदी की निर्मलता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2018 3:55 AM
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बोले सीएम. गंगा का भी अध्ययन करे मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली में बैठे अधिकारियों को गंगा की हालत का एहसास नहीं है. पुराने आंकड़ों के आधार पर अध्ययन कर एलायनमेंट तैयार कर लिया जाता है, जबकि वास्तविक स्थिति कुछ और होती है. सिर्फ गंगा नदी की निर्मलता कहने से काम नहीं चलेगा, इसकी अविरलता भी जरूरी है. जब गंगा अविरल रहेगी, तभी स्वच्छ रहने की क्षमता ज्यादा होगी. मुख्यमंत्री ने शनिवार को मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर (गणितीय प्रतिमान केंद्र) का पटना में उद्घाटन किया.
अनिसाबाद स्थित जल संसाधन भवन में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में इस केंद्र को स्थापित किया गया है. इसके जरिये बिहार की नदियों का आंकड़ों के आधार पर अध्ययन किया जायेगा और बाढ़ आने व तटबंध टूटने की स्थिति से 72 घंटे पहले किसी भी आपात स्थिति का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा.
दिल्ली में बैठे…
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर में फिलहाल कोसी और बागमती नदी का अध्ययन होना है, लेकिन इससे दूसरी नदियों को भी जोड़े. खास कर गंगा नदी को इसमें अविलंब शामिल करना चाहिए और उसका अध्ययन करना चाहिए. गंगा देश के लिए लाईफलाइन है. गंगा को लेकर जागरूक करना होगा. बिहार में ही गंगा नदी में दूसरी नदियों से पानी आता है. बिहार में गंगा के प्रवेश के समय 400 क्यूमेक्स पानी आना होता है,
जबकि डिस्चार्ज के समय 1600 क्यूमेक्स हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. गंगा में शिल्ट (गाद) की वजह से पानी का तेजी से बहाव नहीं हो पा रहा है. गंगा के अप स्ट्रीम में कई स्ट्रक्चर बन जाने और फरक्का बराज के कारण शिल्ट का डिपोजिट हो जा रहा है और वह बंगाल की खाड़ी में नहीं जा पा रहा है. जब पानी में बहाव रहेगा तो शिल्ट भी निकलता जायेगा, लेकिन जब तक इको फ्लो नहीं होगा, शिल्ट निकालने से काम नहीं चलेगा.
शिल्ट डिपोजिट होने से स्थिति बद से बदतर हो रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र से बार-बार आग्रह किया गया है और केंद्र ने कमेटी भी बनायी है. इसमें बिहार सरकार के भी प्रतिनिधि हैं, लेकिन सिर्फ पुराने आंकड़ों के आधार पर नदियों का अध्ययन करने से काम नहीं चलेगा. सीएम ने कहा कि नदियों के साथ छेड़छाड़ का नतीजा खराब होगा.
आज हम अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हैं और कुदरत से छेड़छाड़ करते हैं. नदियों से सिंचाई और बाढ़ के समय कैसे बचाव करना है इसका इंतजाम करना चाहिए, लेकिन हम उसके साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं. समारोह में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह, प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि सत्यप्रिय समेत अन्य मौजूद थे.

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