स्कूलों में अब ‘‘डिजिटल ब्लैकबोर्ड””, 25 केंद्रीय विद्यालयों में प्रयोग शुरू : कुशवाहा
नयी दिल्ली : डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने में जुटी सरकार ने देश के सभी स्कूलों को भी अब ‘‘डिजिटल ब्लैकबोर्ड’ से जोड़ने का फैसला किया है जिसके तहत ‘पायलट परियोजना’ के आधार पर 25 केंद्रीय विद्यालयों में इसे आगे बढ़ाया गया है. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने यह जानकारी दी. उपेंद्र […]
नयी दिल्ली : डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने में जुटी सरकार ने देश के सभी स्कूलों को भी अब ‘‘डिजिटल ब्लैकबोर्ड’ से जोड़ने का फैसला किया है जिसके तहत ‘पायलट परियोजना’ के आधार पर 25 केंद्रीय विद्यालयों में इसे आगे बढ़ाया गया है. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने यह जानकारी दी.
उपेंद्र कुशवाहा ने ‘भाषा’ से विशेष बातचीत में कहा, ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के तहत पायलट परियोजना के आधार पर जिन 25 केंद्रीय विद्यालयों में इसे लागू किया गया है, वहां स्कूलों को टैबलेट भी मुहैया कराये गये हैं. उन्होंने कहा कि पहले चरण में स्कूलों को स्मार्ट बोर्ड से लैस किया जायेगा. केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की हाल की बैठक में इस बारे में राज्यों ने सहमति दे दी है. यह अभियान करीब 60 साल पहले चलायेगये ब्लैक बोर्ड अभियान की तरह ही पूरे देश में चलेगा. यह योजना अभी थोड़ी मंहगी है, लेकिन केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ नगरीय निकाय, कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) और जनभागीदारी के जरिए इसके लिए फंड जुटाया जायेगा
उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि कक्षाओं के डिजिटल बोर्ड से लैस होने के बाद छात्रों की पूरी पढ़ाई इसी के जरिए दी जायेगी. इसके जरिए वह किताबें, इंटरनेट और टीवी से भी सीधे जुड़ सकेंगे. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने बताया कि देश भर में 13-14 लाख अप्रशिक्षित शिक्षक हैं. राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) नियमों में कहा गया है कि स्कूलों में एक भी अप्रशिक्षित शिक्षक नहीं होना चाहिए चाहे सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट स्कूल. उन्होंने कहा कि ऐसे में हमने आरटीई कानून में संशोधन करके यह तय किया है कि 31 मार्च 2019 तक सभी अप्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर लें अन्यथा इसके बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी.