पटना: बिहार विधानसभा की दो और लोकसभा की एक सीट पर अगले महीनेहोनेवाले उपचुनावको लेकरप्रदेश में सियासीपारा चढ़ने लगाहै. एनडीए में शामिल सत्ताधारी दल जदयू ने एक ओर जहां साफ कर चुकाहै कि वह उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा.वहीं, अब भाजपा और एनडीए के अन्य घटक दलों में ही उम्मीदवार उतारने को लेकरराजनीतितेजहो गयी है. इन सबके बीच उपचुनाव को लेकर राजद और कांग्रेस के बीचभी खींचतान जारी है. एनडीए में पेच जहानाबाद की सीट को लेकर फंस गया है. भाजपा का अररिया की लोकसभा व भभुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना तय है. इसी के मद्देनजर सोमवार को उपचुनाव को लेकर भाजपा कोर कमेटी की बैठक भी है. वहीं, उपचुनाव की सभी सीटों पर राजद की दावेदारी से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. खासकर भभुआ विधानसभा सीट पर पेच फंस गया है.
मालूम हो कि अगले महीने की 11 तारीख को अररिया लोकसभा सीट और विधानसभा की जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीट को लेकर उपचुनाव होना है. तीनों सीटें निधन के कारण खाली हुई हैं. भभुआ विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा था, जबकि अन्य दोनों सीटें राजद के कब्जे में थी. वहीं, हाल में राजस्थान में हुए उपचुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगा था. नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में शामिल होने के बाद से बिहार में यह पहला उपचुनाव हो रहा है. इस वजहसे इसकी महत्ता बढ़ गयी है. भाजपा गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टनर है. जदयू ने उपचुनाव न लड़ने की घोषणा कर गेंद भाजपा के पाले में डाल दी है. एनडीए में पेच जहानाबाद की सीट को लेकर फंसता दिख रहा है. भाजपा का अररिया व भभुआ से चुनाव लड़ना तयमानाजा रहा है. हालांकि, इस पर अंतिम फैसले को लेकर सबकी निगाहें भाजपा की ओर से आयोजित बैठकों पर जा टिकी हैं.
जहानाबाद सीट को लेकर एनडीए में फंसा पेच
पिछले विधानसभा में जहानाबाद सीट पर रालोसपा का उम्मीदवार था. इस बार भी रालोसपा दावा ठोंक रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद रालोसपा भी दो गुट में बंटा हुआ है. एक का नेतृत्व उपेंद्र कुशवाहा कर रहेहैं, तो दूसर धड़े का नेतृत्व जहानाबाद के सांसद डाॅ अरुण कुमार कर रहे है. अरुण कुमार ने इस सीट पर अपना दावा भी ठोंक दिया है. कहा जा रहा है कि इसमें अरुण कुमार की राजनीतिक पकड़ की भी परीक्षा होगी.
वहीं, जीतनराम मांझी के नेतृत्व वाली हम की नजर भी इस सीट पर है. इस कारण जहानाबाद सीट भाजपा से हट कर ही एनडीए के किसी और घटक दल को ही मिलने की चर्चा अधिक है. वैसे किस सीट पर कौन-से दल का उम्मीदवार होगा, आनेवाले दिनों में एनडीए के वरिष्ठ नेताओं की होनेवाली बैठक के बाद ही पता चल सकेगा. इन सबके बीच उपचुनावसे जदयूके खुदको अलग कर लेने के बाद अब सारा दारोमदार भाजपा के पासआ गया है. हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद रायभी इस मामले पर कुछ कहने से बच रहे है. लेकिन, वे कहते हैं कि एनडीए तीनों सीट पर चुनाव लड़ेगा.
अररिया, भभुआ सीट पर भाजपा की दावेदारी
अररिया में पिछली बार भाजपा के टिकट पर प्रदीप कुमार सिंह ने चुनाव लड़ा था. दो लाख 61 हजार से अधिक वोट लाकर वे दूसरे स्थान पर रहे थे. इस नाते भाजपा अररिया सीट पर अपनी स्वाभाविक दावेदारी जता रही है. वहीं, भभुआ विधानसभा से भाजपा के ही एबी पांडेय विधायक थे. सीटिंग सीट होने के कारण भभुआ पर स्वत: ही दावेदारी बन रही है. इन दोनों सीटों पर टिकट किसे मिलेगा, इस पर अभी चर्चा जारी है. भभुआ में दिवंगत विधायक के परिजन या किसी और को टिकट दिया जाए, इस पर चर्चा जारी है. अररिया लोकसभा सीट को लेकर पार्टी के दावेदार पटना से लेकर दिल्ली दरबार तक का दौरा लगा रहे हैं. औपचारिक घोषणा होने तक कई नेता अपने आप को दावेदार मान रहे हैं.
राजद से कांग्रेस को झटका, भभुआ विस सीट पर फंसा पेच
आगामी लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव की सभी सीटों पर राजद की दावेदारी से कांग्रेस को बड़ा झटका लगने की उम्मीद जतायी जा रही है. खासकर भभुआ विधानसभा सीट पर पेच फंसतादिख रहा है. जिसे लेकर राजद व कांग्रेस दोनों ने दावेदारी की है. रविवार को पूर्णिया में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुत्र व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सभी सीटों पर राजदकेउम्मीदवार उतारे जानेसंबंधी बयान देकर राजनीति गरमा दी है. वहीं राजद की दावेदारी पर फिर प्रतिक्रिया देते हुए कौकब कादरी ने कहा कि नेता लोग अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए ऐसे बयान देते रहते हैं. सीट पर प्रत्याशी बड़े नेता मिल कर तय करेंगे.
गौर हो कि बीते दिनों बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा था कि पार्टी की भभुआ विधानसभा सीट पर दावेदारी है. इसी बीच राजद ने भी यहां अपना दावा ठोंक दिया है. हालांकि राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह के अनुसार उनकी पार्टी सभी सीटों पर आम राय के अनुसार चुनाव लड़ेगी.
निधन से खाली हुई तीनों सीटें
बता दें कि सितंबर में राजद सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन से अररिया लोकसभा सीट रिक्त है, जबकि अक्टूबर में राजद विधायक मुंद्रिका सिंह यादव के निधन के बाद से जहानाबाद विधानसभा सीट पर 11 मार्च को उपचुनाव होना है. वहीं, भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडेय का नवंबर में निधन होने से भभुआ विधानसभा सीट खाली है. चुनाव आयोग एक साथ इन सीटों पर उपचुनाव कराने जा रहा है.
राजद की तरफ से इनकी चर्चा
राजद की बात करें तो भभुआ सीट पर प्रत्याशी तय करने में वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. वैसे पूर्व विधायक रामचंद्र यादव की दावेदारी अभी तक आगे दिख रही है. रामचंद्र महागठबंधन के पहले समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, जो बाद में लालू के साथ आ गये थे. जहां तक अररिया लोकसभा सीट की बात है, जदयू छोड़ राजद में आये पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम की दावेदारी तय मानी जा रही है. लालू प्रसाद यादव को यहां अपने पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन का उत्तराधिकारी मिल गया है.
उधर, जहानाबाद विधानसभा सीट के लिए भी राजद की दावेदारी तय है. यहां मुंद्रिका सिंह यादव के परिवार में घमासान है. बड़े-छोटे पुत्र उदय और सुदय यादव के बीच टिकट हथियाने की होड़ है. यहां पार्टी मुंद्रिका सिंह यादव की पत्नी को भी मैदान में उतार सकती है. वैसे पूर्व विधायक सचिदानंद यादव और मुनीलाल यादव की भी चर्चा है. मुनीलाल को पिछली बार लालू ने आश्वासन भी दे रखा था, लेकिन मुंद्रिका के सामने दावेदारी फीकी पड़ गयी थी.
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