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बिहार : अब राज्य में रिवर मॉडल स्ट्रक्चर मापेगा बाढ़ की विभीषिका
राजदेव पाण्डेय पटना : बाढ़ की विभीषिका से बचाने और नदी बहाव का पूर्वानुमान जानने के लिए वर्ल्ड बैंक की मदद से वीरपुर में कोसी नदी का इंडोर मॉडल स्ट्रक्चर तैयार किया जायेगा. 108 करोड़ की लागत से 2022 तक बनने वाला यह दुनिया के पांचवें ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का हिस्सा हाेगा. ये स्ट्रक्चर नेपाल-भारत […]
राजदेव पाण्डेय
पटना : बाढ़ की विभीषिका से बचाने और नदी बहाव का पूर्वानुमान जानने के लिए वर्ल्ड बैंक की मदद से वीरपुर में कोसी नदी का इंडोर मॉडल स्ट्रक्चर तैयार किया जायेगा. 108 करोड़ की लागत से 2022 तक बनने वाला यह दुनिया के पांचवें ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का हिस्सा हाेगा. ये स्ट्रक्चर नेपाल-भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर वीरपुर जहां कोसी नदी भारत (बिहार) में प्रवेश करती है, पर बनेगा.
स्ट्रक्चर में ‘बिहार का शोक’ कही जाने वाली कोसी नदी के बहाव और उसमें आने वाले उतार-चढ़ाव का फिजीकल अध्ययन किया जायेगा. बिहार में बनने वाला देश का यह अपनी तरह का पहला आधुनिकतम फिजीकल मॉडलिंग सेंटर होगा. हालांकि देश और दुनिया का पहला रिवर मॉडल स्ट्रक्चर 1926 में पूना में खड़कवासला नदी का मॉडल सेंटर बनाया गया था.
इसका निर्माण ब्रिटिश इंजीनियर एचओ विलीफोर्ड ने किया था. ये ऑटोमैटिक सिस्टम नहीं था. विभागीय जानकारों के मुताबिक सुपोल जिले के वीरपुर में फिलीकल मॉडलिंग सेंटर बनाने के लिए डीपीआर हाल ही में जल संसाधन विभाग को मिली है. इसके तकनीकी परीक्षण की औपचारिकता पूरी होने के तत्काल बाद ये प्रोजेक्ट प्रारंभ हो जायेगा.
..जैसे ही पानी स्ट्रक्चर में बहेगा, वो नदी के तटबंध को छुएगा, तोड़ेगा या टकरायेगा अथवा
किसी खास क्षेत्र में उसका पानी कहां तक पहुंच सकेगा, इसका प्रत्यक्ष अनुमान लग जायेगा. ये अनुमान अगले तीन दिन या सात दिन तक का हो सकता है. उसी के आधार पर आपात प्रबंधन किये जायेंगे.
प्रोजेक्ट का होगा विस्तार
प्रोजेक्ट में अभी केवल कोसी नदी का स्ट्रक्चर बनेगा, इसके बाद इस तरह का रिवर का मॉडल स्ट्रक्चर दूसरी नदियाें मसलन गंडक, सोन, बागमती, महानदी आदि के लिए भी तैयार होगा. बिहार में बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए रिवर बहाव में आने वाले उतार-चढ़ाव के पूर्वानुमान लगाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जा रहा है. इस सेंटर का पहला चरण बीते रोज पूरा हुआ जब मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर का लोकार्पण बीते रोज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. मॉडल रिवर स्ट्रक्चर बन जाने के बाद सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पूरा हो जायेगा.
बाढ़ प्रबंधन में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सटीक पूर्वानुमान के लिए जाने जाते हैं.
– रिवर स्ट्रक्चर इस तरह लगाया जायेगा अनुमान
नेपाल से कोसी नदी जैसे ही भारत में सुपौल जिले के वीरपुर के पास प्रवेश करेगी, वहां पर कोसी नदी का एक मॉडल रिवर स्ट्रक्चर तैयार किया जायेगा.
ये स्ट्रक्चर हू-ब-हू कोसी नदी का होगा. उस समय कोसी नदी के कैचमेंट में जितनी बारिश रिकॉर्ड की जायेगी, उतनी बारिश की मात्रा का फ्लो स्ट्रक्चर में बहाया जायेगा.
– अब तक के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’
दुनिया में अब तक बने ऐसे सेंटरों मेंबांग्लादेश का आईडब्लूएम, श्रीलंका में एलएचआई, डेनमार्क में डीएचआई और ब्रिटिश भारत पूना में खड़कवासला सबसे अहम हैं.
बिहार में एफएमआईएससी के ज्वाइंट डायरेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि रिवर मॉडल स्ट्रक्चर की डीपीआर मिल गई है. जल्दी ही इस पर काम चालू हो होगा.
– मॉडल सेंटर की खूबी
पटना में बाढ़ विभीषिका के पूर्वानुमान के लिए मैथमेटिकल सेंटर शुरू किया गया. ये बिहार में फ्लड मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सेंटर के तहत काम करेगा.
इसमें कुछ खास सॉफ्टवेयर के जरिये नदी के बहाव का पूर्वानुमान लगाया जाता है.
इसमें अभी डेनमार्क के माइक सीरीज के सॉफ्टवेयर, यूएस आर्मी ऑफ कोस्ट का हैक्ट्रास आदि का इस्तेमाल किया जाता है. शुरुआती दौर में मैथमेटिकल सेंटर बाढ़ की तीन दिन पूर्व सूचना देगा, लेकिन भविष्य में इस भविष्यवाणी को सात दिन तक बढ़ाया जा सकता है.
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