देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति, सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में : शरद यादव
चंडीगढ़ : जदयू के पूर्व नेता शरद यादव ने आज केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में एक अघोषित आपातकाल की स्थिति है और सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं. शरद यादव ने यह आरोप भी लगाया कि संविधान को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष […]
चंडीगढ़ : जदयू के पूर्व नेता शरद यादव ने आज केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में एक अघोषित आपातकाल की स्थिति है और सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं. शरद यादव ने यह आरोप भी लगाया कि संविधान को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है.
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, देश मुश्किल समय से गुजर रहा है. देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है. इस आपातकाल और चार दशक पहले लगे आपातकाल के बीच एकमात्र अंतर यह है कि वह प्रत्यक्ष था और तब हमने संघर्ष किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में अल्पसंख्यकों पर विभिन्न आधार पर हमले हो रहे हैं. उन्होंने भाजपा की नीतियों को ‘‘घातक बताया, जिसने लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है.”
शरद यादव ने कहा कि लव जिहाद के नाम पर समुदायों के बीच विभाजन पैदा किया जा रहा जबकि गाय के नाम पर लोगों की हत्या की जा रही. उन्होंने कहा, ‘यह समाज के लिए खतरनाक है.’ उन्होंने कहा कि उन लोगों (भाजपा) ने विदेशों में जमा काला धन वापस लाने का वादा किया था. लोगों को वादा किया गया कि उनके बैंक खातों में 15 लाख रुपये आयेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक सक्षम नेता हैं जो किसी भी महागठबंधन का नेतृत्व कर सकते हैं, जिसका भविष्य में गठन होगा. शरद ने बिहार की राजनीति पर कहा कि उन्होंने (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत धड़ा ने) भाजपा से हाथ मिला कर 11 करोड़ लोगों के जनादेश का अपमान किया.
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