बिहार में शुरू हुई शहीदों पर सियासत, तेजस्वी के बयान के बाद जदयू ने किया पलटवार, पढ़ें
पटना : बिहार में इन दिनों किसी भी मसले पर राजनीति तुरंत शुरू हो जाती है. सत्ता पक्ष और विरोधी दल के नेता कोई बयान देते हैं और उसके तुरंत बाद जवाब भी मिल जाता है. इसी क्रम में श्रीनगर में शहीद हुए जवानों को लेकर तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट राज्य सरकार और मुख्यमंत्री […]
पटना : बिहार में इन दिनों किसी भी मसले पर राजनीति तुरंत शुरू हो जाती है. सत्ता पक्ष और विरोधी दल के नेता कोई बयान देते हैं और उसके तुरंत बाद जवाब भी मिल जाता है. इसी क्रम में श्रीनगर में शहीद हुए जवानों को लेकर तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ किया. उसके बाद फिर क्या था, जदयू प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने भी तेजस्वी पर पलटवार किया है.
बिहार में दो जाबाँज सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। लेकिन नीतीश सरकार का एक भी मंत्री वीर जवानों को श्र्द्धांजलि देने और अंतिम संस्कार में सम्मिलित नहीं हुआ।
नीतीश जी संघ के वक़ील मत बनिए। ये राजनीतिक आरोप नहीं शहीदों के सम्मान की बात है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 14, 2018
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहारके दो जांबाज सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए. लेकिन नीतीश सरकार का एक भी मंत्री वीर जवानों कोश्रद्धांजलि देने और अंतिम संस्कार में सम्मिलित नहीं हुआ.तेजस्वी ने लिखा कि नीतीश जी संघ के वकील मत बनिये. ये राजनीतिक आरोप नहीं शहीदों के सम्मान की बात है.
मोदी जी की नोटबंदी ने आतंकवाद की ऐसी कमर तोड़ी ऐसी तोड़ी कि विगत एक माह में हमारे 45 बहादुर सैनिक शहीद हो चुके है।
ऊपर से मोहन भागवत का सेना ज्ञान।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 14, 2018
तेजस्वी ने आगे ट्वीट किया कि मोदी जी की नोट बंदी ने आतंकवाद की ऐसी कमर तोड़ी ऐसी तोड़ी कि विगत एक माह में हमारे 45 बहादुर सैनिक शहीद हो चुके है. ऊपर से मोहन भागवत का सेना ज्ञान.
उसके तुरंत बाद जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने अपने बयान में कहा कि राज्य सरकार ने सैनिकों को राजकीय सम्मान दिया है. तेजस्वी जी अपने पिता के जमानत की चिंता तो आपको है नहीं, खुद तो राजनीति में रैली कर रहे हैं, पिता को देखने के लिए विधायक भोला यादव को, आपने एक जनप्रतनिधि के सम्मानित पद सेउठाकर अदना सा कर्मचारी बनाकररख दिया है. पिता के प्रति जो आपका धर्म है, उसका स्वरूप तो यह है कि इतने समय बीत गये जेल में लेकिन आपने अपने सियासी स्वार्थ के लिए एक बार के अलावा दोबारा झांकने तक वहां नहीं गये.पिताचाहेजैसा भी हो, पिता-पिताही होता है. जब उस जिम्मेदारी का आप पालन नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको राजधर्म और राष्ट्रधर्म की बात आपके बस के बाहर की बात है.
नीरज ने कहा कि आप अपने रैली में व्यस्त हैं और आपकी मां पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, आपका शंख बाजक भाई और बहन जो सांसद हैं, वह लोग क्यों नहीं वहां गये. शहीदों के प्रति अगर आपकी थोड़ी सी भावना थी, तो आप उसे ट्वीटर पर इस तरह से हल्के में अभिव्यक्त नहीं करते. इससे यह साफ जाहिर होता है कि आपमें अभी सियासत के संस्कार का बीजारोपण नहीं हुआ है.