15.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार : आतंकवाद पर नकेल कसने की बन रही रणनीति, एटीएस सीख रहा उर्दू जुबान और अरबी लिपि

पटना : कुछ आतंकवादी घटनाओं में मुठभेड़ के दौरान आतंक निरोधक दस्ता यानी एटीएस को कागज के कुछ खास परचे मिले. वे सभी अरबी या किसी दूसरी लिपि में थे. उसको जानने के लिए एटीएस के अफसरों को कई दिन लग गये. इस बीच आतंकवादियों ने कुछ आतंकी वारदातों को अंजाम दे दिया. अफसरों का […]

पटना : कुछ आतंकवादी घटनाओं में मुठभेड़ के दौरान आतंक निरोधक दस्ता यानी एटीएस को कागज के कुछ खास परचे मिले. वे सभी अरबी या किसी दूसरी लिपि में थे. उसको जानने के लिए एटीएस के अफसरों को कई दिन लग गये. इस बीच आतंकवादियों ने कुछ आतंकी वारदातों को अंजाम दे दिया. अफसरों का मानना था कि उस लिपि को अगर समय रहते पढ़ लेते तो संभवत: आतंकवादी गतिविधियों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता था. उनकी मंशा भांपी जा सकती थी.
कुछ इसी तरह की परिस्थितियों में बिहार एटीएस ने अपने जवानों और अफसरों को उर्दू जुबान और अरबी लिपि जानने के लिए कोचिंग दिलाने का निर्णय लिया. इन दिनों वे शहर के मौजूदा उर्दू निदेशालय में उर्दू जुबान और अरबी लिपि सीखते हुए देखा जा सकते हैं. आज-कल यह आतंकवादी विरोधी दस्ता (एटीएस) अपने ऑपरेशन काे सफल बनाने के लिए उर्दू की बारिकियों को समझ और सीख रहे हैं. ताकि वह आतंकवादियों के
अरबी लिपी में लिखे कोडों पर भी उनकी पैनी नजर रख सकें. साथ ही आतंकवादियों के हर मंसूबे पर पानी फेरा जा सके. हमारे यहां पुलिस विभाग की कई खुफिया एजेंसी उर्दू सीख रही है. हमारी कोशिश है कि हम तीन महीने में उन्हें इतना एक्सपर्ट बना दें कि वह उर्दू में लिखे कोड वर्ड को पकड़ सकें.
-मोहम्मद नूर इस्लाम, सहायक अधिकारी, उर्दू निदेशालय
खुफिया एजेंसी भी प्रशिक्षण ले रहे हैं. कई साहित्यकार, शिक्षक व युवा भी इसे सीख रहे हैं. वर्तमान में हमारे पास 28 लोगों की बैच चल रही है.
इम्तियाज अहमद करीमी, निदेशक, उर्दू निदेशालय
कोड की बारीकी भी सीख रही खुफिया एजेंसी
उनके इस ऑपरेशन को सफल बनाने में मदद कर रहा उर्दू निदेशालय जो राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में पुलिस विभाग और उसके खुफिया एजेंसी, एटीएस और अफसरों को उर्दू की तालीम दे रहा है.
न केवल उर्दू पढ़ना सिखाया जा रहा है, बल्कि उन्हें लिखना और बोलना भी सिखा रहे हैं, जिससे कि ये सीमा पार से आने वाले आतंकवादियों के संदेशों को पकड़ कर उनका मतलब निकाल सकें और अलग-अलग तरह के ऑपरेशनों में जरूरत के अनुसार इस प्रशिक्षण का लाभ उठा सकें. बेली रोड स्थित उर्दू निदेशालय में प्रशिक्षण ले रहे एटीएस टीम की पुलिस पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें अपने आॅपरेशन में कई बार उर्दू में लिखे गये कोड मिलते हैं पर उर्दू की जानकारी नहीं होने से परेशानी होती है.उर्दू सीखने के बाद हमें अपने कार्य में अधिक सफलता मिलेगी.
वहीं, भोजपुर जिला से आये जवान ने बताया कि हरेक थाने में एक उर्दू अनुवादक को रखा जाना है. क्योंकि कई बार पुलिस को उर्दू में लिखी कई दस्तावेज मिलते हैं. जिसका अनुवाद किसी के पास नहीं होता. ऐसे में इसी उद्देश्य से मैं उर्दू सीख रहा हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें