बिहार : शहीद के जनाजे में उमड़ा जनसैलाब, परिजनों ने लौटाया 5 लाख का चेक, भाई देश के लिए कुर्बान हुआ दारू पीकर नहीं मरा

II संतोष कुमार गुप्ता II पीरो : श्रीनगर के करन नगर में आतंकवादियों से लोहा लेने के दौरान शहीद हुए सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के जवान मो मोजाहिद खान का पार्थिव शरीर बुधवार की सुबह पीरो नगर के वार्ड 14 स्थित उसके घर पहुंचा. गर्व व गम के बीच सरहद पर शहीद भोजपुर का लाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2018 6:34 AM
II संतोष कुमार गुप्ता II
पीरो : श्रीनगर के करन नगर में आतंकवादियों से लोहा लेने के दौरान शहीद हुए सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के जवान मो मोजाहिद खान का पार्थिव शरीर बुधवार की सुबह पीरो नगर के वार्ड 14 स्थित उसके घर पहुंचा. गर्व व गम के बीच सरहद पर शहीद भोजपुर का लाल सुपुर्द-ए-खाक हुआ. शहीद को अंतिम सलामी देने के लिए पीरो में जनसैलाब उमड़ पड़ा. शवयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए. पीरो के ऐतिहासिक पड़ाव मैदान में जनाजे की नमाज पढ़ी गयी, जिसमें हजारों लोग गवाह बने. पीरो के दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बंद रखा और शवयात्रा में शामिल हुए.
शहीद के परिजनों ने लौटाया पांच लाख रुपये का चेक
राज्य सरकार द्वारा भेजे गये पांच लाख रुपये के चेक को शहीद के बड़े भाई इम्तियाज खां ने यह कहते हुए लेने से इन्कार कर दिया कि मेरा भाई देश के लिए कुर्बान हुआ है न कि दारू पीकर मरा है.
सरकार दारू पीकर मरनेवालों को चार लाख रुपये की सहायता राशि देती है और देश के लिए शहादत देनेवाले को उतनी ही राशि भेजी गयी है. शहीद के भाई ने कहा कि उरी हमले में शहीद अशोक कुमार सिंह के परिजनों को 11 लाख रुपये दिये गये थे, फिर मेरे भाई के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है.
नहीं पहुंचा सरकार का कोई मंत्री: शवयात्रा में शामिल होने या शहीद को राज्य सरकार की ओर से श्रद्धांजलि देने के लिए सरकार का कोई मंत्री नहीं पहुंचा.
तिरंगे से पटा था बाजार : पीरो शहर तिरंगे से पट गया था. हर किसी की जुबान पर शहीद मोजाहिद खान की ही चर्चा थी. हर कोई अपने बहादुर बेटे की शहादत पर फक्र महसूस कर रहा था. लोहिया चौक का नजारा तो देखते ही बन रहा था.
तिरंगे से पटा चौक भी शायद मोजाहिद खान की शहादत से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था.उसके दो भाई मो इम्तेयाज और अकलाख तो मंगलवार को ही पीरो पहुंच गये थे, लेकिन तीसरा भाई आफताब घर नहीं आ सका था. इधर बुधवार को पूरे सम्मान के साथ शहीद मोजाहिद का शव पीरो लाया गया और अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू हो गयी.

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