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विशेषज्ञों के अनुसार देश व समाज के हित में सही नहीं है प्रिया का वायरल वीडियो बच्चों को सिखा रहा ‘गंदी बात’

स्कूली बच्चों की मनोदशा पर विपरीत असर पड़ेगा पटना : मलयालम फिल्म अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर का इन दिनों वायरल वीडियो जितना लोकप्रिय हुआ, उतनी ही तेजी से यह विवादों का कारण भी बन गया है. स्कूलों में पढ़ाई की बजाय प्यार-मोहब्बत जैसी हरकतों को दिखाने वाले इस वीडियो को लेकर अभिभावक, शिक्षा जगत से […]

स्कूली बच्चों की मनोदशा पर विपरीत असर पड़ेगा
पटना : मलयालम फिल्म अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर का इन दिनों वायरल वीडियो जितना लोकप्रिय हुआ, उतनी ही तेजी से यह विवादों का कारण भी बन गया है. स्कूलों में पढ़ाई की बजाय प्यार-मोहब्बत जैसी हरकतों को दिखाने वाले इस वीडियो को लेकर अभिभावक, शिक्षा जगत से जुड़े लोग और समाजशास्त्रियों ने गहरी नाराजगी जतायी है.
उनका कहना है कि यह स्कूली बच्चों को गलत हरकतें करने को प्रेरित कर सकता है. कम उम्र के स्कूली बच्चे कक्षा में आंख मारना या फ्लाइंग किस देना जैसी चीजें देखेंगे तो उनके कोमल मन में इसका खराब असर पड़ेगा. दरअसल 18 वर्षीया प्रिया प्रकाश वारियर के लगातार आए दो वीडियो मलयालम फिल्म ‘ओरु अदार लव’ के गाने के छोटे-छोटे हिस्से हैं. जिनमें वह अपने क्लासमेट को कभी आंख मारते हुए तो कभी फ्लाइंग किस देते हुए बंदूक चलाने जैसा इशारा करते दिख रही हैं.
एक्सपर्ट सवाल उठा रहे हैं कि ऐसी फिल्में किस तरह अनुमति पा रही हैं. एजुकेशनल संस्थाओं में इस तरह के घटनाक्रम बच्चे फॉलो कर सकते हैं, जो कि पढ़ाई के माहौल के विपरीत होगा.
पटना के जागरूक लोग वायरल वीडिया के मैसेज को गलत मान रहे हैं. इस वायरल वीडियो ने सभ्य समाज में चिंता में डाल दिया है. जागरूक लोगों का सवाल है कि अाखिर इस तरह के स्कूल का क्या होगा?जहां, हम स्कूल में बच्चों को पढ़ने भेजते है. स्कूल यूनिफॉर्म में मलयालम एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश के आंख मारने जैसे वीडियो को लोग तव्वजो दे रहे हैं. बच्चों को अच्छे संस्कार और नैतिक शिक्षा व अच्छा नागरिक बनाने जैसी सभी बातें इस वीडियो के जरिये हवा-हवाई साबित करने जैसी है. प्रिया प्रकाश के कभी आंख मारने के तो कभी अपने भौंहें के इशारों से करोड़ों फॉलोअर्स की संख्या आज समाज और बच्चों के नैतिक शिक्षा पर सवाल भी खड़ा कर रही है.
यह उम्र ही एेसी है, इसे सही दिशा देने की जरूरत: इसका सबसे अधिक असर टीएनएज बच्चों पर देखा जा रहा है. किशोरों द्वारा पंसद किये जा रहे इस वीडियो को आदर्श मान रहे हैं, क्योंकि इन्हें इसकी समझ नहीं है कि इस वीडियो में क्या संदेश देने की कोशिश की जा रही है. उनके मन-मस्तिष्क में यह एक सामान्य प्रक्रिया के रूप में घर करने का काम कर रहा है.
ऐसे में जब उन्हें ऐसा करने से रोका-टोका जाता है तो वह इसका विरोध जताते हैं, क्योंकि उनके मन में प्रिया प्रकाश दुनिया के तीसरी सबसे पाेपुलर इंस्टाग्राम सेलिब्रिटी बन चुकी है. इस वीडियो को देखने के बाद वे भी इस तरह की फेशियल एक्सप्रेशंस देने को अच्छा मान रहे हैं.
उनकी शिक्षा को यह वीडियाे एक ऐसी दिशा दे रहा है, जो न केवल बच्चों के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, बल्कि समाज पर भी इसका बुरा प्रभाव छोड़ने जैसा है. टीनएज एक ऐसी ही उम्र है, जिसमें हार्मोनल चेंज अपोजिट सेक्स के प्रति आकर्षित करता है. ऐसे में यदि उनके इस अाकर्षण में वायरल वीडियो उसे गलत करने के लिए प्रेरित करने जैसा है. इस तरह के वीडियो पर पूरी तरह से सोशल मीडिया पर रोक लगाने की जरूरत है, क्योंकि यूनिफॉर्म में इस तरह की हरकत स्कूल की एकेडमिक करिकुलम को भी गलत साबित करने जैसा है.
प्रिया प्रकाश का वायरल वीडियाे पूरी तरह से बैन होना चाहिए, क्योंकि यह वीडियो टीनएजर्स को गलत संदेश दे रहा है. हो सकता है कि इस वीडियो के सबसे अधिक फॉलोअर्स भी टीनएजर्स ही हों. क्योंकि उनकी उम्र ही ऐसी है कि वे इस तरह की चीजों के प्रति आकर्षित हो सकते हैं. ऐसे में उन्हें गलत चीजों के प्रति आकर्षित होने से रोकने की जरूरत है, न कि इस तरह के वीडियो को दिखाकर बढ़ावा देने की.
डॉ रेणु रंजन, समाजशास्त्री
इस तरह का वायरल वीडियो बच्चों पर गलत प्रभाव छोड़ रहा है. बच्चे इसे सामान्य रूप से ले रहे हैं. ऐसे में यदि वे स्कूल और कॉलेज में इस तरह की हरकतें करते हैं तो वह उनकी अपनी नजर में कहीं से गलत नहीं होगा, क्योंकि वह इसे आदर्श रूप में मान रहे हैं. जबकि इस तरह की चीजें बच्चों को गलत मार्गदर्शन देने जैसी बातें हैं.
स्निगधा, शिक्षिका

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