बिहार : बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना का उद्घाटन के बाद CM नीतीश ने कहा, काम खुद बोलता है, कहने की जरूरत नहीं

40 साल बाद बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर परियोजना का उद्घाटन कहलगांव/भागलपुर : विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए हम पैसा देने को तैयार हैं, आप जमीन दीजिए. बिहार में एक तरफ नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्गठन हो रहा है तो दूसरी ओर विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है. इसके लिए सामाजिक स्तर पर अभियान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2018 4:50 AM
40 साल बाद बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर परियोजना का उद्घाटन
कहलगांव/भागलपुर : विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए हम पैसा देने को तैयार हैं, आप जमीन दीजिए. बिहार में एक तरफ नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्गठन हो रहा है तो दूसरी ओर विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है.
इसके लिए सामाजिक स्तर पर अभियान चलाये जाने की जरूरत है. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर परियोजना के उद्घाटन के बाद एनटीपीसी कैंपस में स्थित आम्रपाली क्रीड़ा मैदान में आयोजित जनसभा में कहीं. इससे पहले मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और जल संसाधन मंत्री ललन सिंह कहलगांव विधायकसदानंद सिंह के आवास पर गये.
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का लाभ बिहार के साथ-साथ झारखंड को भी मिलेगा. अभी झारखंड में कैनाल बन रहा है. इसके बनने के बाद उस कैनाल का मुंह बिहार की तरफ मोड़ते हुए बिहार के अन्य क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था की जायेगी. किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए विभिन्न स्तरों पर काम किया जा रहा है. हमें यह जानना होगा कि आखिर क्या कारण है कि 40 साल के बाद इसका उद्घाटन हो रहा है. ललन सिंह के जल संसाधन मंत्री बनने के बाद जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई दोनों विंग को अलग किया गया. इसके बाद काम में तेजी आ गयी है. राज्य में मेकैनिकल इंजीनियर की कमी है, जिसे दूर किया जा रहा है. अब सिंचाई विभाग में संस्थागत सुधार हो रहा है.
काम खुद बोलता है, इसे कहने की जरूरत नहीं होती
सीएम ने कहा कि 2008 से 2012, 2012 से 2017 और 2017 से 2022 तक का तीन कृषि रोड मैप बना है. हम यह मानते हैं कि जो खेत में काम करते हैं, वे किसान हैं. उनकी आमदनी बढ़ाना सरकार का उद्देश्य है. हम यह चाहते हैं कि हिंदुस्तान की हर थाल में बिहारी व्यंजन परोसा जाये. बिहार में 76% लोग कृषि पर निर्भर हैं. सितंबर में जब ट्रायल के दौरान कैनाल टूटा था तो कितनी पीड़ा हुई, नहीं बता सकते हैं. हम लोगों के बिना वजह के तर्क में नहीं उलझते. हम सेवा में और काम करने में विश्वास करते हैं. काम खुद बोलता है, इसे कहने की जरूरत नहीं होती.
सीएम ने सदानंद सिंह का खूब बखान किया
सीएम ने कहलगांव के कांग्रेस विधायक सदानंद सिंह का खूब बखान किया. उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि इस पंप नहर परियोजना के लिए सदानंद सिंह ने काफी मेहनत की है. वे बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं और नौवीं बार यहां से विधायक हैं. वे एक वरिष्ठतम नेता हैं.

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