शिवानंद ने बिहार सरकार पर शहीदों के साथ भेद-भाव करने का लगाया गंभीर आरोप

पटना : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने आज एक प्रेस वार्ता कर केंद्र सरकार के साथ बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी-बड़ी बातें कही गयी थीं. उनमें से एक था, लोगों के खाते में 15 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2018 4:46 PM

पटना : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने आज एक प्रेस वार्ता कर केंद्र सरकार के साथ बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी-बड़ी बातें कही गयी थीं. उनमें से एक था, लोगों के खाते में 15 लाख रुपये का आना, जिसे बाद में अमित शाह ने जुमला करार दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि खायेंगे और न खाने देंगे, लेकिन यह बात भी पूरी तरह जुमला सिद्ध हुई. उन्होंने कहा कि ताजा उदाहरण है, जिस तरह से पंजाब नेशनल बैंक का 11 हजार करोड़ रुपये नीरव मोदी डकार कर देश सेपलायनकर गया. वह क्या दर्शाता है. यह व्यक्तिपीएमके दावोसदौरे पर उनके साथ तस्वीर में दिख रहा है.

राजद नेता ने कहा कि पूर्व में यूपीए दो के समय केंद्रीय स्तर की रक्षा सौदों की समिति द्वारा राफेल विमान का सौदा किया गया था और उसकी उस वक्त एक विमान की कीमत मात्र पांच सौ करोड़ रुपये थी और अब उस विमान की कीमत 1500 करोड़ रुपये हो गयी. केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए. शिवानंद तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार की लोकप्रियता लगातार गिर रही है. कई सर्वे बताते हैं कि मोदी सरकार को आने वाले दिनों में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. राजद नेता ने श्रीनगर के करन नगर में हुए आतंकी हमले में मारे गये शहीद जवान मुजाहिद के प्रति बिहार सरकार के रवैये को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार सरकार संवेदनहीन सरकार है, जो देश देश की रक्षा में प्राणों की आहूति दोने वाले वीर जवानों के साथ भी भेदभाव करती है, इससे खराब क्या होगा?

सरकार एक नियम के तहत फौज के शहीद जवानों के परिजनों को 11 लाख और अर्धसैनिक बलों के जवानों के शहीद होने पर पांच लाख रुपये देती है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह बिल्कुल उचित नहीं है. आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवान वह चाहे सीआरपीएफ के हों या फिर सेना के, दोनों देश के लिए अपनी शहादत देते हैं. वैसे में सरकार का यह भेदभाव पूर्व रवैया पूरी तरह अनुचित है. इससे पूर्व भोजपुर जिले का एक जवान जब उड़ी आतंकी हमले में शहीद हुआ था, तो उसके परिजनों ने सरकार के पांच लाख रुपये को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह कोई शराब पीकर नहीं मरा है. मुजाहिद के परिजनों ने भी कुछ ऐसा ही किया है और राशि लेने से इनकार कर दिया है.

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