बिहार में दो वर्षों में केवल 45 वर्ग किलोमीटर बढ़ा वन

पटना़ : सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज (एमओसीएफसीसी) की स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2017(आईएफएसआर) इसी सोमवार को जारी कर दी गई है़ इसके मुताबिक बिहार के वनीकरण में नाम मात्र के लिए इजाफा हुआ है़ वर्ष 2015 में इसी तरह की रिपोर्ट की तुलना में बिहार के वन आच्छादित इलाके में एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2018 7:52 AM
पटना़ : सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज (एमओसीएफसीसी) की स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2017(आईएफएसआर) इसी सोमवार को जारी कर दी गई है़
इसके मुताबिक बिहार के वनीकरण में नाम मात्र के लिए इजाफा हुआ है़ वर्ष 2015 में इसी तरह की रिपोर्ट की तुलना में बिहार के वन आच्छादित इलाके में एक फीसदी से भी कम (0.002 फीसदी) का इजाफा हुआ है़ प्रदेश में कुल पैंतालीस वर्ग किलोमीटर वन बढ़ा है.
प्रदेश के सोलह जिलों में जहां 57 वर्ग किलोमीटर वन विस्तार हुआ़ वहीं पांच जिलों के वनों में 12 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र घटा है़
शेखपुरा और जहानाबाद में एक वर्ग फीट भी वन नहीं : प्रदेश में दो जिले ऐसे भी हैं जहां रत्ती भर जंगल या वन क्षेत्र नहीं हैं. ये जिले शेखपुरा और जहानाबाद हैं. ऐसी ही स्थति की ओर बक्सर और सीवान है, जहां क्रमश: केवल 6 और 7 फीसदी ही वन है़ जहां तक पटना जिले का सवाल है, जिले में वन विस्तार की दर शून्य है़ यहां दो साल पहले की स्थिति जस की तस है.
जहां वनीकरण का विस्तार हुआ
औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, जमुई, कैमूर , किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नवादा, पश्चिमी चम्पारन, छपरा, सीवान, वैशाली
जहां घट गया जंगल
बक्सर और रोहतास में सबसे ज्यादा क्रमश: चार से पांच फीसदी वन घटे हैं. इसके अलावा अररिया,अरवल, पूर्वी चंपारण में वन घटा है़
पटना जिले में कुल वनों का विस्तार 26 वर्ग किलोमीटर में है़ इसमें मोडरेट वन 21 वर्ग किलोमीटर में और खुला वन क्षेत्र केवल पांच वर्ग किलोमीटर का है़ यहां घने वन नहीं हैं.
प्रदेश में देश का 0.78 फीसदी कार्बन
जहां तक कार्बन स्टॉक का सवाल है, बिहार में इसकी मात्रा 55.397 मिलियन टन है़ ये देश का 0.78 फीसदी है़ रिपोर्ट में कार्बन की मात्रा पहली बार आधिकारिक रूप से शामिल की गई है़ सूबे में कार्बन स्टॉक की ये मात्रा 203.122 मिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर होती है़ आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में प्रति व्यक्ति वनों की हिस्सेदारी 0.01 हैक्टेयर है़

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