बिहार : निजी कॉलेजों ने खरीदे प्रश्नपत्र, SIT के हाथ लगे हैं डीलिंग के वीडियो क्लिप

पटना : आईटीआई पेपर लीक कांड की जड़ें दिल्ली में ही हैं. इसके कुछ सबूत एसआईटी के हाथ लगे हैं. यह जांच पटना से लेकर दिल्ली तक चल रही है. अब एसआईटी की तैयारी एनसीबीटी (नेशनल काउंसिल फॉर वाेकेशन ट्रेनिंग) तक पहुंचने की है. दिल्ली में टीम ने डेरा डाल दिया है. बहुत जल्द इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2018 8:32 AM
पटना : आईटीआई पेपर लीक कांड की जड़ें दिल्ली में ही हैं. इसके कुछ सबूत एसआईटी के हाथ लगे हैं. यह जांच पटना से लेकर दिल्ली तक चल रही है. अब एसआईटी की तैयारी एनसीबीटी (नेशनल काउंसिल फॉर वाेकेशन ट्रेनिंग) तक पहुंचने की है. दिल्ली में टीम ने डेरा डाल दिया है.
बहुत जल्द इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो जायेगा. अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि दिल्ली में पेपर लीक होने के बाद देश भर के कई सरकारी आईटीआई कॉलेजों के ओहदेदारों तक लीक हुए पेपर की प्रति व्हाट्सएप, ई-मेल के जरिये पहुंच गयी थी. इसमें एक नाम लखनऊ के सरकारी आईटीआई में तैनात लल्लन वर्मा का भी था. वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. खबर है कि सरकारी कॉलेज के ओहदेदारों ने मोटी रकम लेकर पेपर की प्रति को निजी आईटीआई कॉलेज के केंद्राधीक्षकों को बेचा है. फिर यहां से खूब खरीद-फरोख्त हुई है. राज लल्लन वर्मा और विश्वजीत राम व आधा दर्जन लोगों के मोबाइल फोन के सीडीआर से खुला है.
फोन पर हुई डीलिंग की आॅडियो क्लिप भी है पुलिस के पास
आईटीआई का पेपर लीक हाेने के बाद फोन पर खूब डीलिंग हुई है. बाकायदा इसके रेट लगे हैं. मनमानी कीमत पर इसे बेचा गया है. इस डीलिंग के पुख्ता सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं. जी हां, एसआईटी के हाथ कुछ वीडियो क्लिप भी लगे हैं, जिनमें खुलेआम पेपर के लिए डीलिंग की जा रही है. अब इन वीडियो क्लिप की जांच एक्सपर्ट से करायी जायेगी. इसके लिए कोर्ट से परमिशन लिया जायेगा. जिन मोबाइल नंबराें पर डीलिंग हुई वे चिह्नित हो गये हैं.
लल्लन वर्मा ने गायब कर दिया है अपना फोन
लखनऊ के अलीगंज से गिरफ्तार किया गया लल्लन वर्मा ने पुलिस के हत्थे आने से पहले अपने एंड्राॅइड मोबाइल फोन को गायब कर दिया. एसआईटी सूत्रों की मानें, तो उन्होंने फोन को कहीं फेंक दिया है. हालांकि इसकी तलाश जारी है. फोन से कई राज हाथ लगने की उम्मीद है. वहीं उनके कब्जे से बरामद किये गये साधारण फोन में लगे नंबर का सीडीआर निकाल लिया गया है. एक और नंबर का तीन महीने का सीडीआर निकालने के लिए कंपनी को पुलिस ने पत्र लिखा है
नालंदा से उठाये गये निशांत, सत्येंद्र समेत आधा दर्जन लोगों से पूछताछ जारी
एसआईटी ने नालंदा से निशांत और सत्येंद्र को उठाया था. उनसे पूछताछ जारी है. इसके अलावा नवादा, जमुई, नालंदा में छापेमारी जारी है. कई केंद्राधीक्षक एसआईटी के टारगेट पर हैं. एसआईटी कुछ लोगों को सरकारी गवाह भी बना चुकी है. अब तक की जांच से साफ है कि इसमें बाहरी सेटरों से ज्यादा अंदर के ही लोग हैं, जिनके ऊपर सिस्टम को चलाने की जिम्मेदारी है. इसमें एनसीबीटी, सरकारी आईटीआई, निजी आईटीआई का प्रबंधन शामिल है.

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