पटना : जदयू ने सोशल मीडिया के जरिये राजद पर हमला बोला है. जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए हमला किया है. उन्होंने लिखा है कि ‘राजद के प्रमुख लालू प्रसाद जी की भ्रष्टाचार की विरासत संभालने के लिए उनके पुत्र और ’दागी युवराज’ तेजस्वी प्रसाद जी दांव-पेच सीख रहे हैं. यही कारण है कि कांग्रेस की घुड़की के सामने पूरा राजद दंडवत दे रहा है. इसी घुड़की के कारण राजद को उपचुनाव में कांग्रेस के लिए भभुआ सीट भी छोड़नी पड़ी.’
तेजस्वी के मधुबनी पहुंचने से पहले ही किया हमला
वहीं, उन्होंने मधुबनी में तेजस्वी यादव की न्याय यात्रा को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने वर्ष 1991 से 2005 तक राजद के कार्यकाल में हुए आपराधिक घटनाओं को लेकर आंकड़ा भी पेश किया है. साथ ही उन्होंने कबीर के दोहे का उल्लेख भी किया है. उन्होंने लिखा है कि ‘जीएसटी (गुंडा सर्विस टैक्स) वसूलने के लिए चर्चित राजद की विरासत संभाल रहे तेजस्वी जी, आज अपनी फर्जी न्याय यात्रा के तहत मधुबनी में हैं. यहां की शांतिप्रिय जनता आज भी 1991 से 2005 तक के उस बिहार को नहीं भूल पा रही है, जब यहां 5,243 लोगों को फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया था और फिर इन अपहरणकर्ताओं से भी जीएसटी वसूला जाता था. कई लोग आज कहते भी हैं, कि इसी करनी का फल है कि लालू प्रसाद जी जेल में हैं. राजद भले ही इसके लिए दोष किसी को दे दें. संत कबीर ने एक दोहे में कहा है – ‘जैसी करनी आपनी, तैसा (वैसा) ही फल लेय (होय), बुरे करम (कर्म) कमाईके, साईं दोष न देय.’
वर्तमान सरकार से की राजद सरकार से तुलना
नीरज कुमार ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मधुबनी में हुए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. उन्होंने लिखा है कि ‘तेजस्वी जी, विकास के मामले में राजद वर्तमान शासनकाल की तुलना में बहुत पीछे है. नीतीश जी की सरकार मधुबनी जिले में अब तक 1,834 लाख रुपये खर्च कर 177 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा चुकी है, राजद के शासनकाल में यह उपलब्धि शून्य थी. आज मधुबनी जिले के 97 मदरसों में 20,765 बच्चे शिक्षाग्रहण कर रहे हैं. यही नहीं, अल्पसंख्यक बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना (अल्पसंख्यक) के तहत 3.33 करोड़ रुपये मधुबनी जिले के लिए आवंटित किये हैं. इसी तरह इस जिले में एसटी, एससी छात्रवृत्ति के तहत 12 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को जबकि पिछड़ा, अतिपिछड़ा समुदाय के 1.09 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जा चुकी है.
उन्होंने लिखा है कि ‘किसी भी क्षेत्र की तरक्की का पैमाना वहां की सड़क होती है. इस सरकार के कार्यकाल में मधुबनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 4,103 किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसमें 2,846 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है.’ ‘लालू प्रसाद जी और उनकी पत्नी राबड़ी देवी जी के 15 साल के शासनकाल की तुलना में नीतीश कुमार जी के 12 साल के कार्यकाल में मधुबनी जिले में हत्या के मामलों में पांच प्रतिशत की गिरावट आयी. वहीं, फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 60 प्रतिशत की गिरावट आयी है.’
‘नीतीश कुमार जी के नेतृत्व वाली सरकार में मधुबनी जिले में 2005-06 में 2,593 स्कूलों में 6,71,221 विद्यार्थी पढ़ते थे, वहीं 2015-16 में यहां के 3,279 स्कूलों में 10 लाख से ज्यादा बच्चे अध्ययनरत हैं. इसी तरह शिक्षकों की संख्या उस दौर में जहां 11,761 थी, वहीं अब यह संख्या बढ़ कर 19,008 तक पहुंच गयी है. यही नहीं, मधुबनी जिले में नीतीश जी के शासनकाल में 96 उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय हुए, जबकि 16 मध्य से माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित किये गये हैं.’