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बिहार : पीएनबी घोटाले में गीतांजलि ज्वेलर्स पर ED की कार्रवाई, गीतांजलि के क्रेडिट वाले हीरे होंगे जब्त

पटना : पंजाब नेशनल बैंक के 11 हजार 380 करोड़ घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी की कंपनी गीतांजलि ज्वेलर्स के देशभर में मौजूद सभी प्रमुख ठिकानों पर निरंतर छापेमारी चल रही है. इसके तहत बिहार में भी अब तक पटना, मुजफ्फरपुर और किशनगंज में पांच ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है, जिसमें अब तक […]

पटना : पंजाब नेशनल बैंक के 11 हजार 380 करोड़ घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी की कंपनी गीतांजलि ज्वेलर्स के देशभर में मौजूद सभी प्रमुख ठिकानों पर निरंतर छापेमारी चल रही है. इसके तहत बिहार में भी अब तक पटना, मुजफ्फरपुर और किशनगंज में पांच ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है, जिसमें अब तक साढ़े छह करोड़ से ज्यादा के हीरे और जेवरात जब्त हो चुके हैं. गीतांजलि कंपनी की जिन फ्रेंचाइजी या ब्रांच से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) हीरे और जेवरात जब्त कर रही है, वे कंपनी की क्रेडिट पर उठाये हुए माल ही हैं. जिन हीरों को किसी दुकानदारों ने कंपनी को पूरा पेमेंट करके खरीद रखा है, उन्हें जब्त नहीं किया जा रहा है.
फिलहाल ईडी राज्यभर में ऐसे सभी ज्वेलरी स्टोर्स या कंपनी की फ्रेंचाइजी स्टोर्स की सर्वे करने में जुटा हुआ है, जहां इस तरह के क्रेडिट पर लाखों या करोड़ों के माल पड़े हुए हैं. आने वाले कुछ दिनों में अन्य कई शहरों में ईडी की रेड अलग-अलग ज्वेलरी शॉप या इसकी फ्रेंचाइजी में होगी. पूरी तरह से कंपनी की क्रेडिट पर उठाये गये माल को उनके जीएलआइ (जेमोलॉजिकल लैबोरेटरी ऑफ इंडिया) के सर्टिफिकेट के साथ ही जब्त किया जा रहा है.
सभी हीरों का अपना अलग-अलग जीएलआइ टैग या सर्टिफिकेट होता है, जिस पर उसकी शुद्धता, ग्रेड, कैरेट समेत तमाम महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होती है. इसके आधार पर ही उसकी सही कीमत निर्धारित होती है. ईडी भी इस टैग समेत ही हीरों को जब्त कर रही है, ताकि इसकी शुद्धता पर किसी तरह की कोई आशंका नहीं उठ सके. जीएलआइ केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान है, जो हीरों की शुद्धता को जांचकर प्रमाणित करती है़
– कई शहरों में मिलते हैं गीतांजलि के हीरे
सभी बड़े शहरों के ज्वेलरी स्टोर में गीतांजलि के हीरे मिलते हैं. पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया समेत अन्य बड़े शहरों में इसकी फ्रेंचाइजी या एक्सक्लूसिव स्टोर्स भी मौजूद है. जिन शहरों में फ्रेंचाइजी या विशेष स्टोर्स मौजूद हैं, उनमें कंपनी क्रेडिट पर बड़ी संख्या में हीरे हैं़
कंपनी क्रेडिट पर दुकानदारों को देती है हीरे
गीतांजलि कंपनी की बिजनेस पॉलिसी के तहत कंपनी बड़ी मात्रा में क्रेडिट पर माल भी दुकानदारों या ज्वेलरी के रिटेल स्टोर्स को देती थी. इससे कम पूंजी वाले दुकानदारों को भी बिना बड़ा निवेश किये ही हीरे का व्यवसाय करने में सहूलियत होती है. ये हीरे तब तक दुकानदार या किसी अन्य के नहीं होते थे, जब तक पूरे पैसे पेमेंट करके इन्हें खरीद नहीं लिया जाता.
गीतांजलि कंपनी क्रेडिट पर माल बेचने वालों को अच्छा-खासा कमीशन भी देती थी. जो लोग कंपनी को पूरा पेमेंट करके हीरे खरीद लेते थे, उन्हें अपेक्षाकृत थोड़ा कम कमीशन मिलता था. परंतु इस स्थिति में दुकानदार का मुनाफा मनमाना रेट के कारण ज्यादा होता है. इस वजह से देशभर के ज्वेलरी शॉप में उसके हीरे बिखरे पड़े हैं. हालांकि इस पूरी कार्रवाई में कई बड़े या मध्यम श्रेणी के दुकानदारों के रुपये भी डूबने का खतरा भी काफी बढ़ गया है. ये वे रुपये हैं, जिन्हें इन व्यवसायियों ने कंपनी को एडवांस या सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करा रखा है.
कंपनी अपनी फ्रेंचाइजी या एक्सक्लूसिव स्टोर खोलने के लिए 50 लाख रुपये जमा पूंजी के रूप में लेती थी.
गीतांजलि जेम्स के शेयर धड़ाम
पिछले कुछ दिनों से निवेशकों के लिए अच्छा समय नहीं चल रहा है. पीएनबी घोटाले में विश्व की प्रतिष्ठित कंपनी गीतांजलि जेम्स का नाम आने के बाद संबंधित निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब चुके हैं. बाजार विशेषज्ञों की मानें, तो गीतांजलि जेम्स के शेयर के मूल्य धड़ाम हो चुके हैं. गीतांजलि कंपनी के शेयर का मूल्य लगभग 70 फीसदी रह गया है. बाजार को देखते हुए उम्मीद है कि उसके शेयर का वैल्यू जीरो तक जा सकता है. गीतांजलि जेम्स के शेयर में कोई भी खरीदार नहीं है. केवल बिकवाली के कारण शेयर में लगातार गिरावट जारी है.
सोचा था होगा फायदा, लगी चपत
इससे महज कुछ दिन पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का प्रावधान किये जाने के बाद से बाजार को जोरदार झटका लगा था. देखते-देखते निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब गये थे. अभी निवेशक कुछ समझ पाते कि इस बीच पीएनबी में हुए 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले के उजागर होने से एक बार फिर निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब चुके हैं. इस कारण एक बार फिर शेयर बाजार के प्रति निवेशकों का नजरिया बदल-सा गया है.
– निवेशकों में है काफी बेचैनी
पीएनबी घोटाले के बाद निवेशकों में काफी बेचैनी हैैै. जिन निवेशकों ने गीतांजलि या पीएनबी के शेयर में निवेश कर रखा है. फिलहाल जो बाजार को हाल है तो पैसा डूब गया ही समझे.
-सौरव साकेत, क्षेत्रीय प्रबंधक, एलिस ब्लू
– डूबने से बचा पैसा
अब निवेशकों के पास कोई उपाय नहीं है. वे अपने शेयर को बेचना चाह रहे हैं लेकिन खरीददार नहीं है. संयोग ये कि मई माह में गीतांजलि ग्रुप कंपनी का आईपीओ बाजार में आने वाला था.
-पराग जैन, एलकेपी सिक्यूरिटीज
– डायमंड कंपनियों के कारोबार पर भी पड़ेगा असर
ज्वेलरी में खासकर डायमंड कारोबार में अधिकतर कच्चा माल भारत के बाहर से आता है. इसका असर अन्य डायमंड कंपनियों के कारोबार पर पड़ेगा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने 2013 में इसके शेयरों की खरीद -बिक्री में गड़बड़ी पकड़ी थी. उसके बाद एनएसई ने कंपनी के प्रमोटर मेहुल चोकसी और अन्य को गीतांजलि जेम्स के शेयरों में कारोबार करने पर रोक लगा दी थी.
-सर्वजीत राठौर, निदेशक, वित्त छाया फिनांशियल सर्विसेज
– कोई क्यों खरीदेगा शेयर
घोटाले में नाम आने के बाद गीतांजलि जेम्स का शेयर जो 104 रुपये के स्तर पर पहुंच गया था. आज 33 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. घोटाले में नाम आने के बाद भला कोई शेयर क्यों खरीदेगा?
-सुरेश रुंगटा, पूर्व अध्यक्ष, मगध स्टॉक एक्सचेंज

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