21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ED की बड़ी कार्रवाई : संथाल परगना के आयुक्त प्रदीप कुमार की 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त

पटना (संवाददाता) : सीनियर नौकरशाहों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 1991 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार की सभी अवैध संपत्ति जब्त कर ली है. किसी आईएएस अधिकारी के सेवा में रहने के दौरान यह पहला मामला है, जब उसकी सभी अवैध संपत्ति जब्त की […]

पटना (संवाददाता) : सीनियर नौकरशाहों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 1991 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार की सभी अवैध संपत्ति जब्त कर ली है. किसी आईएएस अधिकारी के सेवा में रहने के दौरान यह पहला मामला है, जब उसकी सभी अवैध संपत्ति जब्त की गयी है. बिहार विभाजन के बाद डॉ प्रदीप कुमार झारखंड चले गये थे. वर्तमान में वह संथाल परगना इलाके के आयुक्त हैं. उनके खिलाफ कुछ निजी कंपनियों के माध्यम से अपने करोड़ों की ब्लैकमनी को व्हाइट करने का आरोप है.

ईडी की जांच में मामला सही पाये जाने के बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गयी है, जिसमें 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गयी है. हालांकि इन सभी संपत्तियों का बाजार मूल्य सरकारी मूल्य सेपांच से सात गुना ज्यादा है. उन्होंने अपने अलावा अपने भाई और अन्य परिजनों के नाम पर भी संपत्ति बना रखी है. कोलकाता में कुछ बेनामी संपत्ति भी मिली है, जो है तो किसी दूसरे के नाम पर, लेकिन इनमें पूरा निवेश इनका ही है. किसी आईएएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में ईडी की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कही जा सकती है.

आयुक्त की जहां-जहां संपत्ति जब्त की गयी है, उसमें एक फ्लैट रांची, राजस्थान के उदयपुर में दो आलीशान मकान (एक अपने और दूसरा भाई राजेंद्र कुमार के नाम पर है), बेंगलुरु में उनके भाई राजेंद्र कुमार के नाम पर फ्लैट और कोलकाता में नंदलाल व श्यामल चक्रवर्ती के नाम पर एक फ्लैट शामिल है. बेंगलुरु में चार हजार वर्गफुट में डिलक्स फ्लैट है. उदयपुर में प्रदीप कुमार के नाम से मौजूद दोमंजिला मकान 1650 वर्गफुट में बना हुआ है. इसके अलावा नंदलाल के नाम पर करीब 43 लाख रुपये फिक्स डिपॉजिट और प्रदीप कुमार समेत उनके अन्य परिवार वालों के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में जमा करीब 40 लाख रुपये भी जब्त कर लिये गये हैं.

भाई कंपनी बनाकर मनी लांड्रिंग के जरिये निवेश करता था घूस के रुपये
प्रदीप कुमार रिश्वत के रूप में जो पैसा लेते थे, उसे सफेद करने का काम उनके भाई राजेंद्र कुमार करते थे. राजेंद्र कुमार ने कोलकाता में श्यामल चक्रवर्ती के साथ मिलकर एक निजी कंपनी बनायी थी, जिसका नाम मेसर्स एसआर इंटरपार्टनरशिप है. इस कंपनी में मनी लाॅन्ड्रिंग के माध्यम से प्रदीप के घूस के तमाम पैसे को निवेश के रूप में दिखा दिया जाता है. इस काम में एक अन्य व्यवसायी धर्मेंद्र कुमार धीरज और चार्टर एकाउंटेंट नीरज केजरीवाल की भूमिका बेहद खास रही है. ईडी ने इन सबके खिलाफ भी मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रदीप कुमार ने अपनी सभी ब्लैकमनी को राजेंद्र कुमार को सौंपते हुए इसका पूरा कर्ता-धर्ता बना दिया था. फंड ट्रांसफर करने के लिए वह ट्रांसफर पत्र के जरिये इंदिरा विकास पत्र, किसान विकास पत्र समेत अन्य जरिये में भी निवेश कर रखा है.

ये जब्त

-रांची में एक फ्लैट
-उदयपुर में दो आलीशान मकान
-बेंगलुरु में एक फ्लैट
-कोलकाता में एक फ्लैट
-करीब 43 लाख रुपये फिक्स डिपॉजिट और खातों में जमा 40 लाख रुपये

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें