बिहार : गीतांजलि ज्वेलर्स के पटना फ्रेंचाइजी का कलस्टर मैनेजर अंडरग्राउंड, गिरफ्तारी कभी भी
पटना : नीरव मोदी की कंपनी गीतांजलि ज्वेलर्स के पटना स्थित फ्रेंचाइजी पर सबसे पहले ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापेमारी की थी, जिसमें 2.90 करोड़ के हीरे-जेवरात जब्त किये गये थे. इस दौरान यहां तैनात कलस्टर मैनेजर संतोष कुमार होदा और स्टोर मैनेजर उपेंद्र यादव से गहन पूछताछ की गयी थी. इसके बाद से कलस्टर […]
पटना : नीरव मोदी की कंपनी गीतांजलि ज्वेलर्स के पटना स्थित फ्रेंचाइजी पर सबसे पहले ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापेमारी की थी, जिसमें 2.90 करोड़ के हीरे-जेवरात जब्त किये गये थे. इस दौरान यहां तैनात कलस्टर मैनेजर संतोष कुमार होदा और स्टोर मैनेजर उपेंद्र यादव से गहन पूछताछ की गयी थी. इसके बाद से कलस्टर मैनेजर संतोष कुमार होदा अचानक अंडर ग्राउंड हो गया है.
ईडी ने जब दोबारा उनसे पूछताछ करने की कोशिश की गयी, तो उसका अता-पता ही नहीं मिल रहा है. उसके खिलाफ यह जानकारी मिल रही है कि वह कंपनी के बचे हुए फ्रेंचाइजी या ब्रांच स्टोर को सूचित करके उनके यहां क्रेडिट पर मौजूद हीरे-जेवरात को चाहे तो छिपा लें या उन्हें रसीद पर बिका हुआ दिखा दें. इस तरह से वह गीतांजलि कंपनी के मार्केट में मौजूद सभी क्रेडिट के सामानों को बचाने या छिपाने में जुटा हुआ है. उसकी इस तरह की गतिविधि को देखते हुए ईडी के हत्थे वह कभी भी चढ़ सकता है. ईडी उसकी गिरफ्तारी के लिए कभी भी प्रयास शुरू कर सकती है.
ईडी पांच स्थानों पर अब तक कर चुकी है छापेमारी
ईडी गीतांजलि कंपनी के अब तक पटना में दो स्थानों के अलावा मुजफ्फरपुर में भी दो और किशनगंज में एक स्थान समेत पांच स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है. इसमें पटना के फ्रेंचाइजी से दो करोड़ 90 लाख और दूसरे स्थान से करीब डेढ़ करोड़ तथा मुजफ्फरपुर में दोनों स्थानों से एक करोड़ आठ लाख रुपये के हीरे जब्त किये गये हैं. वहीं, किशनगंज से पांच-छह लाख के ही हीरे जेवरात जब्त हुए हैं. क्योंकि किशनगंज वाला स्टोर अभी नया ही खुला था. इस तरह इन पांच ठिकानों से करीब पांच करोड़ 49 लाख रुपये के हीरे-जेवरात जब्त किये जा चुके हैं
इसके अलावा गया, भागलपुर समेत अन्य कई बड़े शहरों में मौजूद ऐसे स्टोर की जांच चल रही है, जहां क्रेडिट पर कंपनी के हीरे पड़े हुए हैं. ऐसे में कलस्टर मैनेजर होदा अगर इस तरह की स्थिति पैदा करता है, तो ईडी के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जायेगी. जब्ती में बहुत बड़ा हिस्सा बाजार से गायब से हो सकता है. गौरतलब है कि बिहार में गीतांजलि कंपनी का सालाना 150 से 200 करोड़ रुपये का कारोबार है. एक अनुमान के अनुसार, इसमें 30 से 40 फीसदी क्रेडिट आधारित कारोबार ही है.