पटना / मुजफ्फरपुर : होली पर इस बार कुछ विशेष संयोग बन रहे हैं. ज्योतिष के अनुसार, होली पर सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ गज केसरी योग का महासंयोग बन रहा है. यह संयोग कई राशि के जातकों के लिए खास रहेगा. ज्योतिषविद अमित कुमार शास्त्री के अनुसार, महीने के सभी दिनों में विभिन्न राशियां अपना गृह परिवर्तन करते हैं. इसके कारण ही दो मार्च को इस बार होली में बेहद खास महासंयोग बन रहा है. यह संयोग करीब सौ वर्षों के बाद आया है. सुख-समृद्धि के लिए भगवान वि ष्णु की आराधना श्रेयस्कर माना जा रहा है. मंदिरों में भगवान को इस दिन पकवान चढ़ाने की परंपरा है.
गजकेसरी योग में भगवान शिव को चढ़ाएं भांग
होली के हुड़दंग को छोड़कर इस बार आप भगवान भोलेनाथ को होली के दिन भांग, गुड़, बेलपत्र और दूध चढ़ायें. पंडित राजेश्वरी मिश्र की मानें, तो एक सौ वर्ष के बाद यह मुहूर्त आया है. इसका लाभ उठायें. होली में जब आप भोलेनाथ के मंदिर पहुंचकर सुबह 7 से 9.30 बजे के बीच जलाभिषेक करें और इसके तत्काल बाद अबीर, रोली के साथ पकवान भी चढ़ायें, ताकि आपके अशांत ग्रह शांत होजायें. सुख-समृद्धि के साथ महादेव की असीम कृपा बनेगी. आपका रुका हुआ कार्य पूरा होगा. आपके इच्छित काम होने लगेंगे.
एक मार्च की शाम 7.15 बजे के बाद जलेगी होलिका
मां सिंहासनी मंदिर, थावे के मुख्य पुजारी पंडित सुरेश पांडेय ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन संध्या काल में भद्रा दोषरहित समय में होलिका दहन किया जाता है. होली जलाने से पूर्व उसकी विधि -विधान से पूजा की जाती है. अग्नि एवं भगवान विष्णु के निमित्त आहुतियां दी जाती हैं. एक मार्च की सुबह 8.05 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी. इसके बाद शाम सवा सात बजे तक भद्रा रहेगा. इसलिए उस दिन भद्रा समाप्त होने पर होलिका का दहन होगा. दो तारीख की सुबह होली खेली जायेगी.
सिद्धि योग शुभप्रद और कल्याणकारी
ज्योतिषविद डॉ विजय ओझा का कहना है कि पूर्णिमा तिथि के बीच बृहस्पतिवार को होलिका दहन हो रहा है, जिससे सिद्धि योग बन रहा है. इसका प्रभाव देश, राज्य एवं समस्त जनों के लिए बहुत ही शुभप्रद व कल्याणकारी होगा. आपस में मेलजोल और सामाजिक सौहार्द कायम होंगे.