बिहार : स्वास्थ्य सेवाओं में पटना 10वें पायदान पर, लखीसराय पहले, जानें अन्‍य जिलों की स्थिति के बारे में

पटना : स्वास्थ्य सेवाओं में बिहार की राजधानी पटना 10वें पायदान पर है. राजधानी को स्वास्थ्य सेवा देने के मामले में दसवें स्थान पर होना हैरत की बात है. हालांकि इसके पिछड़ने की मुख्य वजह कैजुअलिटी की दर है. दरअसल समूचे बिहार से हजारों मरीज रेफर होकर आते हैं. ये वह मरीज होते हैं, जिनका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2018 7:48 AM
पटना : स्वास्थ्य सेवाओं में बिहार की राजधानी पटना 10वें पायदान पर है. राजधानी को स्वास्थ्य सेवा देने के मामले में दसवें स्थान पर होना हैरत की बात है.
हालांकि इसके पिछड़ने की मुख्य वजह कैजुअलिटी की दर है. दरअसल समूचे बिहार से हजारों मरीज रेफर होकर आते हैं. ये वह मरीज होते हैं, जिनका प्रारंभिक इलाज कहीं और हुआ होता है. रेफर होने के बाद जब तक वे पटना के किसी सरकार अस्पताल में पहुंचते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. लिहाजा कैजुअलिटी की दर पटना में सबसे ज्यादा होने से स्वास्थ्य सेवाओं में पटना दसवें स्थान पर है.
हालांकि राज्य स्वास्थ्य समिति इस तथ्य से वाकिफ है कि मरीज बेहद गंभीर स्थिति में होते हैं, उन्हें बचाना बेहद कठिन कार्य है.
चूंकि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े इंडीकेटर्स में कैजुअलिटी यानी इलाज के दौरान मौत शामिल है और पटना में इसकी संख्या अधिक होने से यह दसवें पायदान पर पहुंच गया है. अधिकतर मौतें उन्हीं मरीजों की होती हैं जाे बाहर से आते हैं. चूंकि मौत का स्थान पटना के अस्पताल होते हैं, इसलिए रेटिंग में पटना पिछड़ गया है.
स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर टॉप 10 जिले…
लखीसराय
शेखपुरा
खगड़िया
सीवान
मधेपुरा
नालंदा
समस्तीपुर
बांका
भागलपुर
पटना
खर्च में फिसड्डी है
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के बजट व व्यय का लक्ष्य 87 करोड़ 61 लाख है. मिशन के तहत 21 करोड़ 99 लाख रुपये ही खर्च हुआ है जो बजट का मात्र 25.10 प्रतिशत है. जननी बाल सुरक्षा योजना अंतर्गत प्रसव का लक्ष्य 99 हजार 790 है. 50 हजार 463 प्रसव हुआ है. जो लक्ष्य का 56.20 प्रतिशत है. जिलाधिकारी कुमार रवि ने असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति करें. किसी तरह की लापरवाही न बरती जाये.
वहीं दवाओं को लेकर जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने बताया कि 145 दवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल 133 दवाएं ही उपलब्ध हैं.
31 इंडिकेटर्स के आधार पर तय की गयी रैंकिंग
बेहतर सेवाओं के लिए पहली बार हुए सर्वे में लखीसराय जिला को पहला स्थान मिला है. दूसरे नंबर पर शेखपुरा जबकि पटना दसवें नंबर पर है. ये आंकड़े राज्य स्वास्थ्य समिति ने नवंबर-2017 के आंकड़ों के आधार पर रैंकिंग जारी किये हैं. बता दें कि रैंकिंग के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने पूरे प्रदेश से 31 इंडिकेटर्स के आधार पर सभी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों से जानकारी जुटायी थी.इंडिकेटर्स में टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, दवाओं की उपलब्धता सहित अन्य सेवाएं की गयी थीं शामिल.

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