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बिहार : एग्रो बिहार 2018 शुरू, किसानों की साथी होंगी मशीनें
मोबाइल कोल्ड स्टोरेज बना आकर्षण पटना : गांधी मैदान में गुरुवार से चार दिवसीय राज्य स्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला एग्रो बिहार का शुभारंभ हुआ. इसमें मुख्य आकर्षण मोबाइल कोल्ड स्टोरेज है. यह सोलर प्लेट से चलेगा एवं इसकी क्षमता 5 टन है. यह ताजे फल, सब्जी, फूल को अधिक समय तक संरक्षित रखेगा, जो छोटे […]
मोबाइल कोल्ड स्टोरेज बना आकर्षण
पटना : गांधी मैदान में गुरुवार से चार दिवसीय राज्य स्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला एग्रो बिहार का शुभारंभ हुआ. इसमें मुख्य आकर्षण मोबाइल कोल्ड स्टोरेज है. यह सोलर प्लेट से चलेगा एवं इसकी क्षमता 5 टन है. यह ताजे फल, सब्जी, फूल को अधिक समय तक संरक्षित रखेगा, जो छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा. इसके अलावा कंबाइन हार्वेस्टर, स्ट्रा रीपर, स्ट्रा वेलर, पावर वीडर, लेजर लैण्ड लेवलर, जीरो टिलेज, पावर टीलर, रोटावेटर, रीपर कम बाइन्डर, मिनी राइस मिल, बिजली/डीजल/पेट्रोल चालित पम्पसेट, चारा काटने की मशीन, जंगली जानवर भगाने वाले वायोएकॉस्टिक उपकरण आदि हैं.
मेले में 100 से अधिक स्टॉल लगाये गये हैं. इसमें बिहार के अलावा दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं. वहीं, हर दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र व अन्य विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा.
मेले में 19 लाख का कंबाइन हार्वेस्टर है तो 50 रुपये का स्प्रेयर भी : मेले में 19 लाख का कम्बाइन हार्वेस्टर है तो 50 रुपये का स्प्रेयर भी है. मेले में खुरपी- कुदाल से लेकर ट्रैक्टर तक उपलब्ध है. तीन हजार साल पुरानी धान की प्रजाति का बीज लेकर भोजपुर के बहीरो से किसान यशवंत सिंह आये हैं. जमुई के केड़िया के राजकुमार जैविक उत्पाद लेकर यहां आये हैं.
किसानों को मिला अनुदान : बक्सर, नालन्दा, भोजपुर, गोपालगंज, वैशाली, समस्तीपुर, पटना, बेगूसराय एवं गया जिले के किसानों के बीच मेले में 13 कम्बाइन हार्वेस्टर, 17 रीपर–कम–बाइन्डर, 9 पावर टीलर, 34 रोटावेटर, 3 लैंड लेजर लेवलर, 17 थ्रेसर, 14 स्ट्रा/सेल्फ रीपर, 24 चैफकटर, 8 मिनी रबर राइस मिल, 3 कल्टीवेटर, 27 पम्पसेट, 7 डीस्कहैरो, 61 पावर स्प्रेयर, 2 जीरोटिलेज आदि कृषि यंत्र के क्रय पर 1,48,11,000 रुपये अनुदान के रूप में वितरित किये गये.
सब्जी उत्पादन व संरक्षण के लिए को-ऑपरेटिव फेडरेशन
एग्रो बिहार का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगर उत्पादन लागत कम कर किसानों की आमदनी बढ़ानी है तो यांत्रिकरण को बढ़ावा देना होगा. 2019 तक सिंचाई के लिए हर खेत तक बिजली का कनेक्शन पहुंच जायेगा. देश में सब्जी उत्पादन में बिहार तीसरे स्थान पर है.
सब्जी प्रसंस्करण व संरक्षण के लिए दुग्ध की तरह को-ऑपरेटिव फेडरेशन के गठन का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत पांच जिलों वैशाली,समस्तीपुर, बेगूसराय, नालंदा व पटना के 83 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी सहकारी समिति का निबंधन हो चुका है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने की. मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन के तहत टमाटर, प्याज और आलू के संरक्षण की योजना शुरू की है, जिसका बिहार जैसे राज्य को ज्यादा लाभ मिलेगा.
जैविक कॉरिडोर के अन्तर्गत खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रति 1.30 एकड़ पर किसानों को प्रारंभ में ही छह हजार रुपये कृषि इनपुट सब्सिडी दी जायेगी. राज्य व केंद्र सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी कि बटाईदारों को भी सरकार की विभिन्न अनुदान योजनाओं का लाभ मिल सके. जो किसान खेती के लिए यंत्रिकरण को अपनायेंगे उन्हें आने वाले दिनों में परेशानी नहीं होगी. कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि विभाग यांत्रिकरण को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है. किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए विभाग लगा है.
अप्रैल से हर पंचायत में चौपाल लगेगा. विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने एग्रो बिहार पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त सुनील कुमार सिंह, मेयर सीता साहू, नाबार्ड के सीजीएम एसके मजूमदार, कृषि निदेशक हिमांशु राय, उद्यान निदेशक अरविंदर सिंह, सीआईआई के प्रभात कुमार सिन्हा आदि उपस्थित थे.
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