बिहार : औरंगाबाद के डीएम पर एफआईआर, छह ठिकानों पर छापेमारी, ये हुआ बरामद, 10 घंटे तक पूछताछ

पटना : औरंगाबाद डीएम कंवल तनुज के स्तर पर नवीनगर में तैयार हो रही बिजली परियोजना में जमीन अधिग्रहण से संबंधित काफी बड़ी धांधली सामने आयी है. इस मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की. सीबीआई ने डीएम के िखलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही औरंगाबाद, नयी दिल्ली, नोएडा और लखनऊ में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2018 7:23 AM
पटना : औरंगाबाद डीएम कंवल तनुज के स्तर पर नवीनगर में तैयार हो रही बिजली परियोजना में जमीन अधिग्रहण से संबंधित काफी बड़ी धांधली सामने आयी है. इस मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की. सीबीआई ने डीएम के िखलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही औरंगाबाद, नयी दिल्ली, नोएडा और लखनऊ में छह ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की. इन स्थानों में औरंगाबाद डीएम के आवास के अलावा लखनऊ और नोएडा में डीएम का पैतृक घर एवं ससुराल तथा नयी दिल्ली स्थित इस धांधली में संलिप्त बीआरबीसीएल (भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड) के सीईओ सी. शिव कुमार का दफ्तर और आवास शामिल हैं.
इन पर आरोप है कि इन्होंने नवीनगर बिजली परियोजना के लिए जमीन के अधिग्रहण में किसी दूसरे की 7.09 एकड़ जमीन को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर दिखाकर जमीन मुआवजा के लिए जारी दो करोड़ सात लाख 84 हजार रुपये को हड़प लिया है. इस मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करते हुए डीएम कंवल तनुज और सीईओ सी.शिव कुमार के अलावा कंपनी तथा जिला प्रशासन के कुछ अज्ञात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है.
छापेमारी में कई दस्तावेज भी बरामद
छापेमारी के दौरान औरंगाबाद डीएम के आवास से दर्जनों जमीन के कागजात और जमीन के कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किये गये हैं.
फिलहाल इन कागजातों की जांच चल रही है. इसके बाद जमीन अधिग्रहण से जुड़े इस व्यापक स्तर के फर्जीवाड़ा में कई अहम मामले सामने आयेंगे. सीबीआई को सूचना मिली थी कि बिजली परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण और इसके मुआवजा वितरण के मामले में बड़े स्तर पर धांधली चल रही है.
जिसे बताया जमीन का मालिक, उसकी हो चुकी मौत
औरंगाबाद के नवीनगर में एनटीपीसी और बीआरबीसीएल के संयुक्त उपक्रम में 250 मेगावॉट की चार यूनिटों का निर्माण चल रहा है. करीब आठ हजार 100 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में एनटीपीसी की 26 फीसदी तथा बीआरबीसीएल की 74 फीसदी हिस्सेदारी है, जो 2008-09 से ही चल रहा है. इसके अंतर्गत डेढ़ हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है.
जमीन अधिग्रहण के सिलसिले में यहां के कजरीना मौजा की प्लॉट संख्या एक का रकवा 7.09 एकड़ है. यह पता चला कि इस जमीन का मालिकाना हक किसी के पास नहीं है. इसका फायदा उठाते हुए डीएम कंवल तनूज ने अपने कुछ पदाधिकारियों के साथ मिल कर इस प्लॉट का फर्जी दस्तावेज गोपाल प्रसाद सिंह के नाम पर बनवा दिया और बीआरबीसीएल के सीईओ को इसका मुआवजा जारी करने के लिए जून 2017 में पत्र लिखा, जिस पर कंपनी ने दो करोड़ सात लाख 84 हजार रुपये भी जारी कर दिये गये. जबकि तथाकथित इस जमीन के मालिक गोपाल प्रसाद सिंह का वर्तमान में निधन हो चुका है.
फिर भी उनके नाम से खोले गये बैंक खाते में राशि कंपनी ने ट्रांसफर कर दी. बाद में ये रुपये दूसरे अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिये गये. डीएम के स्तर पर इस जमीन की खरीद इलाके के जमींदार मुकुंद लाल से दिखाया गया था, लेकिन हकीकत में इस इलाके में न तो कोई मुकुंद लाल नाम का कभी कोई जमींदार रहा है और न ही यह जमीन कभी बेची गयी है. 7.09 एकड़ की इस जमीन के रकवा में 0.905 एकड़ सरकारी जमीन को भी निजी बताकर इसे भी अधिग्रहण की सीमा में ले आया गया है.
स्पॉट वेरीफिकेशन के दौरान गांव वाले ने किया हंगामा
जमीन अधिग्रहण के बाद जब कंपनी के लोग इस पर काम शुरू करने के लिए बाउंड्री करने गये, तब गांव वालों ने हंगामा शुरू कर दिया. गोपाल प्रसाद सिंह को बुलाया गया, तो वह अपनी इस जमीन को ही नहीं पहचान पाये. इसके बाद गांव वालों ने बताया कि यह जमीन तो इनकी कभी रही ही नहीं है. इस जमीन का मालिकाना हक पर किसी ने स्पष्ट रूप से दावा नहीं किया है. इसके बाद जांच शुरू होने के बाद पूरी हकीकत सामने आयी. गांव वालों के इस पूरे विरोध का वीडियो फुटेज भी सीबीआई के पास है.
इस तरह के अन्य कई मामले भी आ सकते सामने
जांच में यह भी पता चला कि यह महज एक प्लॉट का मामला नहीं है. बल्कि, गहन जांच करने के बाद इस तरह के अन्य कई मामले भी सामने आ सकते हैं. गांव वालों का कहना है कि कई लोगों के साथ मुआवजा वितरण में फर्जीवाड़ा हुआ या उन्हें कम मुआवजा दे दिया गया है. कई लोगों को अधिक या कम मुआवजा भी मिला है. इस तरह के अन्य कई मामले भी सामने आ सकते हैं. ऐसे में इस तरह के सभी मामले की जांच हो सकती है.
सीबीआई टीम ने डीएम से 10 घंटे तक की पूछताछ
औरंगाबाद नगर : औरंगाबाद के डीएम कंवल तनुज के आवास पर शुक्रवार सुबह आठ बजे सीबीआई की टीम ने छापेमारी की. तीन वाहनों पर सवार होकर आयी सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम जब डीएम आवास पर पहुंची, तो उस समय डीएम अपने आवास पर ही थे.
टीम ने आवास के मुख्य द्वार को बंद करा कर करीब 10 घंटे तक डीएम से पूछताछ की और आवास के साथ-साथ समाहरणालय स्थित उनके कार्यालय के रेकॉर्ड भी खंगाले. इसके बाद शाम करीब छह बजे सीबीआई की टीम डीएम को अपने साथ लेकर चली गयी. छापे के दौरान कुछ मोटी रकम भी पकड़े जाने की चर्चा है.
डीएम आवास पर सीबीआई की छापेमारी के दौरान काफी संख्या में सुरक्षाबल भी तैनात रहे. दोपहर करीब एक बजे सीबीआई एसपी राजेश रंजन डीएम आवास से बाहर निकले. जब मीडिया ने उनसे छापेमारी से संबंधित जानकारी मांगी, तो एसपी ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी चल रही है. विशेष जानकारी वरीय पदाधिकारी ही देंगे.
इसके अलावे उन्होंने कुछ भी नहीं बताया. इधर, सूत्रों का कहना है कि सीबीआई की टीम ने जिलाधिकारी से पूछताछ करने के साथ औरंगाबाद में लगनेवाली बिजली घर परियोजना से संबंधित फाइलों की भी जांच की है. यह भी जानकारी मिली है कि कजराइन गांव के एक किसान ने जमीन के मुआवजे में हुई हेराफेरी से संबंधित शिकायत सीबीआई से की थी. शाम करीब छह बजे सीबीआई टीम डीएम को अपने साथ लेकर चली गयी.
l 21 फरवरी को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
एनटीपीसी की जमीन के साथ हेराफेरी व करोड़ों रुपये घूस लेने के आरोप में 21 फरवरी को डीएम कंवल तनुज व एनटीपीसी के सीईओ शिव कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसके बाद 23 फरवरी को देश भर में डीएम के छह ठिकानों पर सीबीआई की एक साथ छापेमारी पड़ी है.
कमरे से लेकरबाथरूम तक को खंगाला
जानकारी के अनुसार, सीबीआई की टीम जैसे ही डीएम कंवल तनुज के सरकारी आवास में घुसी, तो डीएम के मोबाइल को जब्त कर लिया गया. साथ ही सभी कर्मचारियों को गोपनीय शाखा से बाहर कर दिया गया. इसके बाद एक-एक कर कार्यालय व कमरे की तलाशी लेते हुए सीबीआई की टीम ने बाथरूम को भी खंगाला. छोटी-छोटी चीजों की भी गहनता से जांच की गयी. डीएम कंवज तनुज के आवास व अन्य ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी की जानकारी मिलते ही वहां लोगों की भी भीड़ एकत्रित हो गयी.

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