पटना : राजद ने बसपा सुप्रीमो मायावती को बिहार से राज्यसभा भेजने का आॅफर दिया है. जिसे मायावती ने ठुकरा दिया है और कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के रहते वे संसद में नहीं जाना चाहती है. दरअसल, मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया था, तब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने घोषणा की थी कि वह मायावती को बिहार से राज्यसभा भेज सकते हैं. तेजस्वी ने उसी संदर्भ में मायावती को प्रस्ताव दिया, लेकिन मायावती ने इन्कार कर दिया है.
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बिहार में राज्यसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद मायावती को फोन किया था. संत रविदास जयंती समारोह में तेजस्वी ने इस बात का दावा किया कि राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही बसपा प्रमुख मायावती को उन्होंने फोन कर राजद की ओर से राज्यसभा सदस्य बनाने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि केंद्र में भाजपा की सरकार रहते वह संसद में नहीं जाना चाहती हैं.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संत रविदास जयंती के बहाने एनडीए सरकार और उनके सहयोगियों पर भी जमकर हमला बोला.तेजस्वी ने केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान और उनके सांसद बेटे चिराग पासवान पर निशाना साधा और कहा कि वो आरक्षण की समीक्षा की बात करते हैं. मैं पूछता हूं कि चिराग पासवान आरक्षित सीट से चुनाव क्यों लड़ते हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि आज जातिवाद बढ़ रहा है, ये वही लोग हैं जो पिछड़ों को आगे बढ़ता नहीं देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मेरे पिता के कार्यकाल में गरीबों के साथ पिछड़ों को समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का मौका मिला. कुछ लोग बिहार समेत देश में बाबा साहब भीम राव अंबेदकर के सपनों को पूरा नहीं होने देना चाहते हैं. ये मनुवादी सोंच के लोग हमेशा पिछड़ों को दबाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि देश में आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है, लेकिन हम कभी ऐसा नहीं होने देंगे.
नेता प्रतिपक्ष ने तमिलनाडु की तर्ज पर बिहार में भी 70 फीसदी आरक्षण की मांग की और कहा कि संविधान बचाओ न्याय यात्रा से भाजपा के लोग घबराये हुए हैं. उन्होंने नीतीश पर जनादेश के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और कहा कि4 साल में चार सरकारें बदलकर उन्होंने विकास को चौपट कर दिया.
जदयू का तेजस्वी से सवाल, मायावती को राज्यसभा भेजने के लिए क्या शर्त रखी
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पूछा है कि आपने बसपा सुप्रीमो मायावती को राज्यसभा का ऑफर दिये जाने का खुलासा तो कर दिया. अब जरा यह खुलासा भी कर दीजिए कि मायावती जी को बिहार से राज्यसभा भेजे जाने के लिए आपने उनके सामने शर्त क्या रखी. उन्होंने कहा, दुनिया जानती है कि आपके परिवार ने जब भी पॉलिटिकल एडजस्टमेंट किया तो उसके बदले कुछ न कुछ लिया जरूर है. गिफ्ट में संपत्ति से लेकर ब्रीफकेस तक के बूते ही आपके परिवार ने कइयों को संसद और विधानसभा भेजा. आप पिछड़ा और दलित राग अलाप कर फिर से सत्ता का सुख भोगना चाहते हैं. जिनके वोट पर राज करते रहे, उन्हें ही हाशिये पर रखा. बताइए, आपके परिवार में ऐसा कौन सा टैलेंट था कि वो कॉरपोरेट बन गया और आपको वोट देने वाले गरीब ही रह गये?
राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में आपके उम्मीदवारों का चयन बता देगा कि आपके परिवार की जरूरतों को किसने पूरा किया. उन्होंने तेजस्वी से कहा कि युवराज समझकर दूसरों से ईर्ष्या मत रखिये. चिराग पासवान जैसे युवा सांसद को जनता ने चुना है. 35 साल के चिराग पासवान पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं और 28 साल में आप अकूत संपत्ति के मालिक हैं.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि जब महादलित को कुछ सम्मान और हक देने की बारी आती है तो आप सभी को पहले अपना स्वार्थ नजर आता है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के निर्वाचन के वक्त भी आपकी पार्टी ने उनका समर्थन नहीं किया. आज यदि एक दलित देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ पद पर विराजमान है तो उसमें नीतीश कुमार का भी सहयोग है.
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