बिहार : पीएमसीएच के स्थापना दिवस पर बोले डिप्टी सीएम, खुलेंगे और नये आठ मेडिकल कॉलेज

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सूबे में डॉक्टरों की भारी कमी है. स्थिति यह है कि डॉक्टरों के स्वीकृत पद के 57 प्रतिशत पद रिक्त हैं. इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ की भी कमी है. इसकी वजह यह है कि पिछले 25-30 वर्षों तक सरकार में रह कर एक भी मेडिकल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2018 7:33 AM
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सूबे में डॉक्टरों की भारी कमी है. स्थिति यह है कि डॉक्टरों के स्वीकृत पद के 57 प्रतिशत पद रिक्त हैं.
इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ की भी कमी है. इसकी वजह यह है कि पिछले 25-30 वर्षों तक सरकार में रह कर एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं खोलना अपराध की तरह है. उपमुख्यमंत्री मोदी रविवार को पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के स्थापना दिवस सह पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के बाद पावापुरी व बेतिया मेडिकल कॉलेज खाेलने के साथ-साथ आईजीआईएमएस में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो गयी. मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में आने वाले सत्र से पढ़ाई शुरू हो जायेगी.
इसके साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से सूबे में आठ और नये मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद शुरू कर दी गयी है. वहीं, मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग की भी पढ़ाई होगी, ताकि डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ की कमी नहीं रहे. फिलहाल डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर डॉक्टरों की नियुक्ति की जायेगी.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सूबे की 11 करोड़ जनता का पीएमसीएच पर भरोसा है. यह भरोसा इसलिए है कि चिकित्सा सुविधा बेहतर है.
मेडिकल साइंस के क्षेत्र में काफी तकनीकी विकास हुआ है, जिससे पूर्व व अब की मेडिकल शिक्षा में काफी अंतर आ गया है. आधुनिकता के दौर में पीएमसीएच पीछे नहीं छूटे, इसको लेकर नया मॉडल तैयार किया गया है. वर्तमान में पीएमसीएच में 17 सौ बेड हैं, जिन्हें बढ़ा कर नये मॉडल में पांच हजार बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है.
पहले चरण में 11 सौ करोड़ की लागत से भवन तैयार किया जायेगा. छह-सात माह में नये मॉडल पर काम शुरू हो जायेगा और वर्ष 2021 के अंत तक काम पूरा किया जायेगा. इसके बाद दूसरे व तीसरे चरण के काम को पूरा करने की कवायद शुरू की जायेगी. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच से खराब व जर्जर उपकरणों की सूची मांग की गयी थी, जो उपलब्ध करा दी गयी है. उपकरणों के साथ-साथ दवाओं की कमी भी नहीं होने दी जायेगी.
पीएमसीएच का है गौरवशाली इतिहास : आर्यभट्ट विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ एके अग्रवाल ने कहा कि पीएमसीएच का गौरवशाली इतिहास रहा है और हर वर्ष कीर्तिमान स्थापित करता है. कॉलेज से निकले छात्र-छात्राएं सिर्फ देश में ही नहीं, विदेश में भी ख्याति प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि तकनीक के साथ नहीं चलेंगे, तो काफी पीछे छूट जायेंगे.
19 छात्र-छात्राएं गोल्ड मेडल से हुए सम्मानित
टॉपर स्टूडेंट को पूर्ववर्ती छात्र संघ द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. गोल्ड मेडल उपमुख्यमंत्री ने दिया. जाया कुमारी, मरयम अशहेर, प्रकाश कुमार सिंह, खुशबू टेकरीवाल, शुभम ठाकुर, अर्चना शर्मा, जयपाल प्रसाद, उजमा खैनत, श्रेयस जायसवाल, अवनिका, अरुण कुमार सिंह, भूमिका मिश्रा, अल्पना पाठक, पायल कुमारी, स्वास्ती सुंदर प्रसाद, कुमार कशीतीज अभिनव, सृष्टि शिखा, अदिति सिंह और सिद्धार्थ कुमार सिंह शामिल थे.
डॉक्टर व कर्मी हुए सम्मानित : समारोह में पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ प्रो विजय कुमार गुप्ता के साथ साथ डाॅ सत्यजीत कुमार सिंह, डॉ प्रो डीके चौधरी, डॉ प्रो अनिल कुमार जायसवाल, डॉ प्रो विश्वेंद्र कुमार सिन्हा, डॉ सच्चिदानंद कुमार, डॉ प्रो सुरेंद्र नाथ सिन्हा, डॉ दीपक टंडन, आरके जमैयार, डॉ अभिजीत कुमार सिंह, हॉस्पिटल मैनेजर आलोक रंजन, पूर्व कर्मी मदन प्रसाद आदि को सम्मानित किया गया.
नाराज हो गये मंत्री : पूर्ववर्ती छात्र संघ के संयोजक डॉ सच्चिदानंद कुमार पीएमसीएच में दवाओं और डॉक्टरों की कमी बताने लगे. तभी स्वास्थ्य मंत्री नाराज हो गये. डाॅ कुमार से कुछ कहा. उसके बाद कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की.

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