#Biharbudget2018 : शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, किसान और महिला सशक्तिकरण पर होगा सरकार का जोर

पटना :वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी विधानमंडल के दोनों सदनों में वर्ष 2018-19 का बजट पेश करेंगे. जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का यह पहला बजट होगा. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस बार का बजट पौने दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का होगा. यह पिछले बजट की तुलना में 15 से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2018 9:43 AM

पटना :वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी विधानमंडल के दोनों सदनों में वर्ष 2018-19 का बजट पेश करेंगे. जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का यह पहला बजट होगा. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस बार का बजट पौने दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का होगा. यह पिछले बजट की तुलना में 15 से 20 हजार करोड़ रुपये अधिक होगा.वहीं, राज्य का जीडीपी 10 फीसदी के आसपास होने की संभावना जतायी जा रही है.

बजट से उम्मीद

शिक्षा के साथ-साथ रोजगार पर भी होगा ध्यान

सरकार को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार पर भी ध्यान देना होगा. पिछले बजट में शिक्षा के लिए करीब 25 हजार करोड़ रुपये दिये गये थे. इस बार शिक्षा का बजट आकार पिछले वर्ष की तुलना में बड़ा होने की संभावना है. साथ ही नये स्कूलों की घोषणा की जा सकती है. सरकार सूबे की सभी पंचायतों में एक हाईस्कूल खोलने की घोषणा कर सकती है. वहीं, विश्वविद्यालयों का बजट भी बढ़ाये जाने की उम्मीद है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के संबंध में भी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. इसके अलावा प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के छात्रों को योजनाओं की का लाभ देने के लिए योजना की राशि सीधे अकाउंट में देने की घोषणा भी कर सकती है.

प्रखंडों तक स्वास्थ्य सुविधा में बढ़ोतरी लक्ष्य

पिछले बजट में राज्य सरकार ने राशि में कटौती की थी. लेकिन, संभावना जतायी जा रही है कि इस बार स्वास्थ्य सेवाओं में राज्य सरकार पिछले बजट की तुलना में राशि बढ़ा सकती है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री भी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाने की घोषणा कर चुके हैं. इसलिए संभव है कि स्वास्थ्य में बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार बजट में राशि बढ़ा सकती है. राज्य में स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए अनुबंध पर चिकित्सकों और नर्सों की बहाली किये जाने के संबंध में भी सरकार फैसला कर सकती है. साथ ही राज्य सरकार प्रदेश में पांच नये मेडिकल कॉलेज खोलने की बात पहले भी कर चुकी है. इसलिए मेडिकल कॉलेजों के खोलने को लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट बढ़ने की उम्मीद है. केंद्रीय बजट में 50 करोड़ लोगों को नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम दिये जाने की घोषणा की गयी है. इसके तहत बिहार के करीब 4.5 करोड़ लोग स्वास्थ्य बीमा के दायरे में आयेंगे. नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम में बीमा का प्रीमियम 60 फीसदी केंद्र को देना है, जबकि 40 फीसदी राज्य सरकार को वहन करना है. इसलिए नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के लिए भी राशि की घोषणा की जा सकती है.

हर घर बिजली होगी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री हर घर बिजली पहुंचाने के लिए संकल्पित हैं. नीतीश सरकार हर गांव में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हासिल कर चुकी है. अब हर घर तक बिजली पहुंचाने का राज्य सरकार का लक्ष्य है. इसलिए बजट में बिजली को लेकर राशि बढ़ाये जाने की संभावना है.

किसानों की माली हालत सुधारने पर जोर

तीसरे कृषि रोड मैप के मुताबिक वर्ष 2022 तक राज्य सरकार सिर्फ फसल के उत्पादन तक सीमित नहीं होना चाहती है. राज्य सरकार का जोर मत्स्य पालन, पशुपालन और सहकारिता पर भी होगा. तीसरे कृषि रोड मैप में किसानों की माली हालत सुधारने पर जोर दिया गया है. इसलिए सरकार का जोर किसानों की स्थिति सुधारने पर होगा. साथ ही बाढ़ और सुखाड़ से निबटने के लिए भी सरकार के ध्यान देने की उम्मीद है.

गांवों के विकास पर होगा फोकस

मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजनाओं पर फोकस होगा. इसलिए गांवों के विकास के लिए बजट बड़ा होने की उम्मीद जतायी जा रही है. सरकार का फोकस हर घर मकान पर होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार राशि में इजाफा कर सकती है.

दहेज और बाल विवाह को लेकर महिला सशक्तिकरण पर जोर

मुख्यमंत्री ने दहेज और बाल विवाह के खिलाफ अभियान चला रखा है. ऐसे में मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना की राशि बढ़ायी जा सकती है.

Next Article

Exit mobile version