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जब, बात बजट से शुरू हुई और मंदिर के घेराबंदी से होते हुए श्मशान तक जा पहुंची, जानें

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बिहार विधानसभा में बजट पेश किया. बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि अध्यक्ष महोदय आपकी अनुमति से मैं वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बजट का अनुमान प्रस्तुत कर रहा हूं. सुशील मोदी ने जैसे ही यह बात कही, विपक्षी सदस्यों ने […]

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बिहार विधानसभा में बजट पेश किया. बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि अध्यक्ष महोदय आपकी अनुमति से मैं वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बजट का अनुमान प्रस्तुत कर रहा हूं. सुशील मोदी ने जैसे ही यह बात कही, विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. उनके हंगामे का असर ऐसा रहा कि सुशील मोदी बजट पढ़ते जा रहे थे, लेकिन किसी सदस्य को बजट की बातें सुनायी नहीं दे रही थीं. कई बार बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी सदस्यों से अपील की और कहा कि वे बैठ जाएं. विपक्षी सदस्य नहीं मानें और जब तक सुशील मोदी ने बजट भाषण पढ़ा, तब तक विपक्षी सदस्य वेल में आकर टेबल पीटते रहे और हंगामा होता रहा.

सवाल उठता है कि यह हंगामा आखिर क्यों बरपा. विपक्षी सदस्यों ने पहले से ही सरकार को बजट सत्र में घेरने का प्लान बना रखा था. सुबह से ही तेजस्वी यादव हमलावर थे और उन्होंने विधानसभा पोर्टिको में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यदि सुशील मोदी मुजफ्फरपुर में भाजपा नेता की गाड़ी से कुचलकर मारे गये बच्चों के लिए माफी नहीं मांगते हैं, विपक्षी सदस्य अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे. तेजस्वी यादव ने यहां तक कह दिया कि दुर्घटना के आरोपी और भाजपा नेता मनोज बैठा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुशील मोदी संरक्षण दे रहे हैं. हालांकि, उसके थोड़ी देर बाद सत्ता पक्ष की ओर से जदयू के नीरज कुमार ने कहा कि यह सारा काम होटवार जेल रांची से होता है, इसलिए तेजस्वी को इस बात का अनुभव है. खैर, हंगामा जारी रहा और सुशील मोदी ने इसी बीच अपना बेजट पेश किया.

सुशील मोदी ने कहा कि बिहार एक महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक दौर से गुजर रहा है और जहां राष्ट्र के विकास में बिहार राज्य की सहभागिता कई गुना बढ़ी है. विगत कुछ वर्षों में बिहार ने अपने प्रबल मानव संसाधन के बल पर एक अभूतपूर्व मुकाम हासिल किया है. जिसमें सरकार के कुशल आर्थिक प्रबंधन और सामाजिक योजनाओं की भूमिका अद्वितीय है. सुशील मोदी ने विपक्षियों पर कटाक्ष करते हुए अपने बजट भाषण का अंत इस शेर के साथ किया कि उनकी शिकवा है कि मेरी उड़ान कुछ कम है, मुझे यकीन है कि ये आसमां कुछ कम है, वाकिफ कहां जमाना, हमारी उड़ा से. रख हौसला, वह मंजर भी आयेगा. प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा. थक कर ना बैठ, ऐ मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा. सुशील मोदी के शेर पढ़ते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थप थपाकर स्वागत किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हौले-हौले ही सही मुस्कुराते रहे.

जब बजट भाषण खत्म हो गया और उसके बाद उस पर प्रतिपक्ष के नेता की बोलने की बारी आयी, तो तेजस्वी यादव ने सरकार को चारों तरफ से घेरा. तेजस्वी शराबबंदी से लेकर सृजन घोटाले के अलावा मुजफ्फरपुर में हुए 10 स्कूली बच्चों की मौत का मामला उठाया. तेजस्वी यादव ने सदन में कहा कि सुशील मोदी जी आप माफी मांगिये. सुशील मोदी उसके बाद भड़क उठे और अपनी सीट से उठकर कहा कि माफी उसे मांगनी चाहिए, जिसने 28 साल की उम्र में 28 बेनामी संपत्ति अर्जित कर ली. सुशील मोदी के जवाब पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुस्कुरा रहे थे. इधर, तेजस्वी यादव सुशील मोदी को लेकर सदन के पटल पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा रहे थे. तेजस्वी यादव ने कहा कि बजट में गरीबों, दलितों और महादलितों के लिए कुछ भी नहीं है. सरकार ने गरीब विरोध बजट पेश किया है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि जब हम इधर बैठते थे, तो भाजपा के हमारे साथी संजय सरावगी बिहार में श्मशान की घेराबंदी की मांग करते थे. अब श्मशान कहां गया, यह मैं सरकार से पूछना चाहता हूं. तेजस्वी यादव ने कहा कि बजट में मंदिर परिसर के घेराबंदी की बात कही गयी है, उससे पहले मैं श्मशान की स्थिति जानना चाहता हूं. तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी के सृजन घोटाले में शामिल होने के सारे सबूत राजद ने दे दिये हैं, कहां है सीबीआइ, दर्ज करे मामला और गिरफ्तार करे इनको. तेजस्वी ने कहा कि ऐसा नहीं होगा. सिर्फ लालू यादव और मेरे परिवार को टारगेट किया जायेगा. तेजस्वी ने कहा कि आपलोग काम कीजिए, हमारा पूरा समर्थन मिलेगा. मुख्यमंत्री कहते हैं कि केंद्र सरकार शहर को स्मार्ट बना रही है, तो वह गांव को स्मार्ट बना देंगे. जरा बताईए बिहार में कौन सा गांव स्मार्ट हुआ है.

तेजस्वी यादव ने बजट पर बोलते हुए मंत्री विनोद सिंह के बारे में कहा कि यह लोग शहीदों का अपमान करते हैं और वहां जाते नहीं हैं. पूछने पर कहते हैं कि मेरे जाने से वह जिंदा हो जायेगा. इस बात पर विनोद सिंह अपनी सीट से खड़ा होकर चिल्लाने लगे और उन्होंने तेजस्वी की बात का विरोध किया. तेजस्वी ने बैठने की बात कही,औरमनोज बैठा की गिरफ्तारीका मुद्दा उठाने लगे. तब तक नंदकिशोर यादव ने कहा कि तेजस्वी आप अपनी चिंता करें, उनकी छोड़ दें. तेजस्वी यादव ने कहा कि बालू बंदी से पूरे बिहार में हाहाकार मचा और सरकार के कई प्रोजेक्ट बंद हो गये और निर्माण कार्य ठप हो गया. तेजस्वी ने कहा किबिहारसरकार के मंत्री सुरेश शर्मा कोलकाता के होटल में जाकर क्या-क्याकिये और बिहार का नाम रोशन किया. इस पर अध्यक्ष बिहार विधानसभा ने तेजस्वी के साथ बाकी सदस्यों को मना किया कि वे किसी पर व्यक्तिगत टोका-टोकीनकरें.

विपक्ष के नेताओं ने बजट पर कम और श्मशान के साथ मंदिर की घेराबंदी पर ज्यादा बात की. मनोज बैठा के मुद्दे पर पूजा बजट सत्र गर्म रहा और विपक्षी पूरी तरह हमलावर बने रहे. वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष की ओर से तेजस्वी की बात को अनसुना करने की कोशिश की गयी. गौरतलब हो कि इस बजट के 2018-19 के प्रमुख कार्यक्रम में बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण योजना प्रारंभ करने की बात कही गयी है. जिसके तहत 275 मंदिरों की चहारदीवारी हेतु 22.87 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है. जबकि वर्ष 2018-19 में मंदिर चहारदीवारी निर्माण निधि योजना के अंतर्गत तीस करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बजट पेश करने का आज का दिन दूसरी बातों में बीत गया, विपक्ष आरोप लगाता रहा और सत्ता पक्ष हंगामे के बीच बोलता रहा. बात बजट से निकलते हुए मंदिर और श्मशान के अलावा व्यक्तिगत आरोपों तक गयी. अंत में, एक दूसरे को किसी और दिन, किसी और मुद्दे पर घेरने की बात कह कर जन प्रतिनिधि अपने-अपने आवास के लिए चल निकले.

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