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Bihar Budget 2018 : जानें…बिहार बजट की मुख्य बातें…

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी नेमंगलवारको विधानमंडल के दोनों सदनों में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया. विपक्ष के हंगामे के बीच सुशील मोदी ने बजट भाषण पढ़ा और राजद नेता लगातार नीतीश सरकार और सुशील मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. एक नजर में जानिए बजट की मुख्य […]

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी नेमंगलवारको विधानमंडल के दोनों सदनों में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया. विपक्ष के हंगामे के बीच सुशील मोदी ने बजट भाषण पढ़ा और राजद नेता लगातार नीतीश सरकार और सुशील मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. एक नजर में जानिए बजट की मुख्य बातें…

– 1857 के स्वत्रंता संग्राम के महान योद्धा बाबू कुंवर सिंह के 160वें विजयाेत्सव पर 23 अप्रैल से 25 अप्रैल, 2018 तक राज्य में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा.

– वर्ष 2018-19 मेंवेतन,पेंशन, ब्याज भुगतान एवं ऋण वापसी पर कुल 80 हजार 551 करोड़ रुपये व्यय होंगे, जिसमें वेतन हेतु 21,272.02 करोड़ रुपये प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अन्य कर्मियों के लिए वेतन अनुदान हेतु 22,865.80 कराेड़ रुपये संविदा कर्मियों के वेतन पर 2499.69 करोड़ रुपये, पेंशन हेतु 15,828.81 कराेड़ रुपये, ब्याज भुगतान 10,763.49 कराेड़ रुपये एवं ऋण वापसी पर 7,326.42 करोड़ रुपये व्यय अनुमानित है.

– पटना से भागलपुर तक गंगा के किनारे तथा दनियावां से बिहारशरीफ तक राष्ट्रीय/राजकीय मार्ग के किनारे गांवों में जैविक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है.

-जैविक कॉरिडोर के तहत 0.30 एकड़ जमीन पर किसानों को जैविक सब्जी उत्पादन हेतु रुपये6000/– प्रति किसान अग्रिम अनुदान दिया जायेगा. यह योजना पायलट प्राजेक्ट के रूप में नालंदा, पटना, समस्तीपुर एवं वैशाली जिले में प्रारंभ किया जा रहा है.

-पूर्वी चंपारण एवं मुजफ्फरपुर जिलाें में तीन नये कृषि विज्ञान केंद्र एवं राज्य में राष्ट्रीय स्तर के फार्म मशीनरी टेस्टिंग एंडट्रेनिंगइंस्टीच्यूटकीस्थापना के लिए पूसा में जमीन उपलब्ध करायी गयी है.

– वर्ष 2018-19 में बिहार कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गतगयामेंकृषि अभियंत्रण महाविद्यालय तथासामुदायिकविज्ञान-फूड टेक्नोलॉजी महाविद्याल, पटना में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय तथा आरा में जैव प्रोद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी.

– गंडक नदी पर चकिया-केसरीया सत्तरघाट उच्चस्तरीय आरसीसी पुल (263.48 कराेड़), मुजफ्फरपुर-सारण जिला के बीच बंगरा घाट पुल (508.98 कराेड़), धनहा-रतवल घाटपुल के संपर्क पथ (125.24 कराेड़), का कार्य जून से दिसंबर, 2018 तक पूरा कर लिया जायेगा. साथ ही गंगा नदी पर आरा-छपरा के बीच उच्चस्तरीय आरसीसी पुल (676.00 कराेड़) साने नदी पर दाउदनगर-नासरीगंज पुल (1006.56 करोड़) एवं कोशी नदी पर बलुआहा घाट पुल से गंडौल (बिरौल तक) के बीच पुल एवं पहुंच पथ (404.00 कराेड़) करे जून, 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

– राज्य के सभी अविद्युतीकृत गांवाें एवं 1,06,249 टाेलों/बसावटों में से 84,359 टोलों/बसावटों कोपूर्णत: ऊर्जान्वित किया जा चुका है तथा अप्रैल, 2018 तक शेष 21,890 टाेलों/बसावटाें को ऊर्जान्वित करने का लक्ष्य है. साथ ही दिसंबर 2018 तक राज्य के सभी परिवारों काे विद्युत संबंध देने का लक्ष्य है.

– दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत 6324.84 करोड़रुपये की लागत से 275 नया पावर सब स्टेशन, 11केवी के कृषि क्षेत्र में 732 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 795 फिडर का निर्माण कराया जायेगा. खेती के लिए किसानों को अलग से प्वाईंट मुहैया कराने के लिए राज्य में फीडर, तार से लेकर अलग ट्रांसफॉर्मर लगाये जा रहे हैं. फीडर से अलग निकले इन तारों से किसानों को केवल पटवन की सुविधा मिलेगी. 2019 तक इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य है. वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक 6,94,500 कृषि पंप सेटों को ऊर्जान्वित किया जायेगा.

– समेकित ऊर्जाविकासयोजना के तहत राज्य के 133 शहरों में 2100 करोड़रुपये की लागत से 62 नये पावर स्टेशन का निर्माण किया जायेगा तथा2423 सीकेएम की लंबाई में पुराने तरों को एबीकेबल द्वारा बदला जायेगा, जिससे शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता को गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय तथा निरंतर विद्युत की उपलब्धता करायी जा सकेगी.

– राज्य सरकार द्वारा विद्युत कंपनियों को वार्षिक अनुदान के रूप में 4308 करोड़रुपये दिये जा रहे हैं, जिसमें उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति के विरुद्ध सबसिडी हेतु 2832 करोड़रुपये एवं संचारण क्षति हेतु 1476 करोड़रुपये शामिल है.

-वर्ष 2015-16 में विद्युत उपभोक्ताओं से 5818 करोड़ रुपये एवं 2016–17 में 6651 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2017–2018 में माह जनवरी तक 6001.53 कराेड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई है. वर्ष 2011-12 में यह राशि 2551.31 कराेड़ रुपये थी.

-एनटीपीसी द्वारा बरौनी थर्मल पावर स्टेशन, नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड के अधिग्रहण की सैद्धांतिक सहमति दी जा चुकी है.

-3नयेविश्वविद्यालयोंयथा पूर्णियां विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय एवं मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर की स्थापना की गयी है जिसका संचालन वर्तमान शैक्षणिक सत्र से शुरू किया जा रहा है.

– राज्य में तीन निजी विश्वविद्यालय यथा अमिटी विश्वविद्यालय, पटना, संदीप विश्वविद्यालय, सिजौल, मधुबनी तथा केके विश्वविद्यालय, बिहारशरीफ की स्थापना हेतु अधिसूचना निर्गत की जा चुकी है एवं तथा अल-करीम विश्वविद्यालय, कटिहार तथा गोपाल नारायण विश्वविद्यालय,सासाराम की स्थापना शीघ्र की जायेगी.

– प्रायोजक निकायऑल इंडिया सोसाइटीफॉर कंप्यूटर टेक्नॉलोजी को निजी क्षेत्र में सीवी रमण विश्वविद्यालय, वैशाली भगवानपुर की स्थापना एवं औपबंधिक रूप से दो वर्ष के लिए वैशाली (भगवानपुर) में किराए पर लियेगये भवन से विश्वविद्यालय संचालन की स्वीकृति दी गयी है.

– डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साईंस सिटी की स्थापना : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साईंस सिटी की स्थापना की स्वीकृति, साईंस सिटी के लिए भवनों के निर्माण, प्रदर्श एवं स्थापना पर व्यय हेतु कुलरुपये 397.00 कराेड़ की स्वीकृति प्रदान की गयी है.

– पटना जिला के मौजा-सैदपुर मुसल्लह में उपलब्ध 20.48 एकड़ भूमि की चहारदीवारी का निर्माण कार्य प्रगति पर है.

– साईंस सिटी के निर्माण कार्यों को अप्रैल 2020 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है.

– रुपया 5.00 कराेड़ की लागत से गया मेंनेशनलकाउंसिल ऑफ साइंसम्यूजियम के सब रीजनल साईंस सेंटर का निर्माण मार्च, 2020 तकपूर्ण करने का लक्ष्य है.

-दरभंगा में तारामंडल सह विज्ञानसंग्रहालय की स्थापना तथा उसके विकास एवं निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति रुपया 164.31 करोड़ के विरूद्ध प्रथम चरण में 100 सीट क्षमता का तारामंडल एवं 200 सीट क्षमता का सभाकक्ष/रंगशाला का निर्माण किया जा रहा है.

– पीएमसीएच, पटना को 5000बेड के अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप उत्क्रमित किया जायेगा.

– राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल एवं जिला अस्पतालों में उपकरणाें का ऑडिट कराया जायेगा.

– सरकारी अस्पतालों के वाह्य एवं अंर्तवासी रोगियों को अब लगभग 240 प्रकार की दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध करायी जायेंगी जिसमें कैंसर, किडनी, मधुमेह एवं जीवन रक्षक दवाआें को शामिल किया गया है.

-सभी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल मेंकंबाइंडट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करते हुए उन्हेंजीरो डिस्चार्ज कैंपस के रूप में विकसित करने हेतु सेंट्रलाइज्ड लॉड्री, संटर स्टेलराइ एंड स्पलाई डिपार्टमेंट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं इफूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जाएगी.

– राज्य के सात चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में अप्रैल 2018 से नेत्र अधिकोष यानि आई बैंक प्रारंभ करने का लक्ष्य है.

– आईजीआईएमएस में 120 करोड़रुपये की लागत सेस्टेटकैंसरइंस्टीट्यूट एवं मुजफफरपुर स्थित एसकेएमसीएच मेंएटॉमिकरिसर्च सेंटर के सहयोग से 150 कराेड़रुपये की लागत से कैंसर अस्पताल बनाया जायेगा.

– राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में बंद सीटी स्कैन एवं एमआरआई मशीन का अधिष्ठापन किया जायेगा.

– राज्य के आम नागरिकों को विषम परिस्थितियों में आवश्यक सेवा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत दूरभाष संख्या–112 के माध्यम से राज्य के नागरिकाें को पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन एवं महिला उत्पीड़न आदि से संबंधित सभी आकस्मिक स्थितियों में मदद की जा सकेगी.

– पुलिस प्रशिक्षण की महत्ता काे ध्यान में रखते हुए राज्य के 8 बिहार सैन्य पुलिस वाहिनी मुख्यालयों में एक-एक हजार प्रशिक्षुआें की क्षमता के 8प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण राज्य सरकार द्वारा लगभग 150 करोड़रुपये की राशि से कराया जा रहा है.

-गृह रक्षकाें की कार्यक्षमता विकसित करने हेतु आवश्यक शैक्षणिक योग्यता बढ़ाकर सिपाही की भांति इंटरमिडिएट कर दिया गया है. साथ ही प्रशिक्षण अवधि को भी बढ़ाकर 4 माह कर दिया गया है. इसके बाद 20 वर्षों की सेवा के उपरांत सेवानिवृति पर गृह रक्षकों के लिए 1.5 लाखरुपये एकमुश्त भुगतान की व्यवस्था की गयी है. राज्य सरकार ने बिहार पुलिस की भांति गृह रक्षा वाहिनी में अराजपत्रित पदों पर कार्यरत कर्मियों को भी वर्ष में एक माह का अतिरिक्त वेतन भुगतान करने का निर्णय लिया है.

-राज्य में अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम परियाेजना के कार्यान्वयन की कार्यवाई चल रही है. इस परियोजना हेतु वर्ष 2018-19 में 2477.00 लाख रुपये कर्णाकिंत किया गया है.

-बिहार मंदिर चहारदीवारीनिर्माण योजना प्रारंभ की गयी है जिसके तहत 275 मंदिरों की चहारदीवारी हेतु 22.87 करोड़रुपये व्यय किया गया है. वर्ष 2018–19 में मंदिर चहारदीवारी निर्माण निधि योजना के अंतर्गत 30.00 करोड़ रुपये कर्णांकित किया गया है.

-राज्य सरकार की सेवाओं में नियुक्ति एवं शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में दिव्यांगजनों के लिए क्षैतिज आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है.

– सभी राज्यकर्मियाें की कार्मिक संरचना, सेवा शर्त, देय लाभ, ई–सेवा पुस्तिका व अन्य अभिलेखों का संधारण तथा अद्यतनीकरण, वेतन निर्धारण इत्यादि सभी कार्यपूर्ण रूप से पेपरलेस तरीके से किये जाने एवं कर्मियों की विशिष्ट पहचान के आधार पर उनसे संबंधित प्रत्येक कार्रवाई की सूचना उन्हें ई–मेल एवंएसएमएस के माध्यम से तत्क्षण उपलब्ध कराने हेतु सॉफ्टवयेर आधारितकेंद्रीयकृतमानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली विकसित की जायेगी. इसके लिये मंत्रिपरिषद् द्वारा 52.00 करोड़रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई है.

– लोकनायक जय प्रकाश नारायण का जन्मस्थल सिताब दियारा ग्राम की सुरक्षा हेतु रुपये 85.99 कराेड़ की लागत से रिंग बांध का निर्माण कराया जा रहा है.

-उत्तरकाेयलाजलाशययोजनाके अवशेष कार्य के कार्यान्वयन हेतु राज्यांश की राशि हेतुलौंग टर्मइरीगेशन फंड के तहत नाबार्ड से ऋण प्राप्त करने के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार, नाबार्ड एवंएनडब्लूडीए के बीच किये जाने वालेस्पलीमेंट्री मेमेरेंडमऑफ एग्रीमेट प्रारूप की स्वीकृति दी गई है.

– 3790 किमी तटबंध का निर्माण कर 39.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान किया गया है. अगले पांच वर्षों में 1676किमी अतिरिक्ततटबंध का निर्माण कर 23.16 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करने का लक्ष्य है.

– धान अधिप्राप्ति हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रदत ऋण राशि (वर्ष 2016–17 तक 600 करोड़ रुपये) एवं आगामी वर्षों में प्राप्त होने वाली राशि पर निर्धारित ब्याज की दर को 9प्रतिशत से घटाकर 7प्रतिशत किये जाने के संबंध में निर्णय लिया गया है, जिससे पैक्स/व्यापार मंडलों को 11प्रतिशत के बजाय 8प्रतिशत पर कैश–क्रेडिट ऋण प्राप्त हाे सकेगा.

– अधिप्राप्ति कार्य को प्रोत्साहित करने हेतु खरीफ विपणन मौसम 2017–18 में राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति की जाने वालीसीएमआर की मात्र पर पैक्स/व्यापार मंडलो को प्रति क्विटंल 10/–रुपये, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को प्रति क्विटं ल 5/–रुपये एवं बिहार राज्य सहकारी बैंक को प्रति क्विंटल 0.50/–रुपये की राशि प्रबंधकीय अनुदान के रूपमें प्रदान की जायेगी.

– वर्ष 2018–19 में धान की अधिप्राप्ति समय से प्रारंभ करने एवं नमी में कमी लाने हेतु 22 करोड़रुपये की लागत से 100 समितियों तथा पैक्स/व्यापार मंडलों में ड्रायर लगाने एवं प्राप्त धान के प्रसंस्करण हेतु 69.70 करोड़ रुपये के लागत से 90 समितियों मेें चावल मिल सह ड्रायर की स्थापना की याेजना है.

-वर्ष 2018–19 में सुपौल में 1.0 लाख लीटर डेयरी एवं समस्तीपुर में 30.0 मी. टन दैनिक क्षमता के पाउडर संयंत्र तथा 5.0 लाख लीटर दैनिक क्षमता की डेयरी में व्यावसायिक उत्पादन आरम्भ हो जाएगा.

– पटना में पूर्व से स्थापित पशु आहार कारखाना की क्षमता को 100 मी.टन से बढ़ाकर 150 मी.टन करने एवं इसी परिसर में एक 150.0 मी.टन दैनिक क्षमता के पशु कारखाना की स्थापना पूर्ण हो गई है. वर्ष 2018–19 में दुधारू पशुओं को उन्नत गुंणवत्ता का कैटलफीड उपलब्ध कराने हेतु बिहिया में निर्माणाधीन 300 मीव्म्टन दैनिक क्षमता के पशु आहार संयंत्र की स्थापना का लक्ष्य है.

– तृतीय कृषि राेड मैप (वर्ष 2017–22) के अन्तर्गत विभागीयवनरोपण योजनाओं में 9.20 करोड़ तथा कृषकों की भूमि पर कुल 5.30 करोड़ (पॉप्लर प्रजाति के 1.50 करोड़ एवं अन्य प्रजाति के 3.80 करोड़) पौधे लगाये जाएंगे.

– राज्य में बांस की खेती को प्रोत्साहित करने के उधेश्य से भागलपुर में स्थापित टिशू कल्चर लैब में बांस के पौधों का उत्पादन प्रारम्भ हो गया है. दूसरे लैब की स्थापना सुपौल में की जा रही है.

– बिक्रमशिला गांगये डॉल्फिन आश्रयणी में इकाे टुरिज्म की सुविधायें मई, 2018 से प्रारम्भ की जायेंगी. इस क्रम में 24 सीटर टूरिस्ट मोटरबोट का क्रय किया जा चुका है.

– बिहार देश का पहला राज्य है जहां गांगेय डॉल्फिन के संरक्षण हेतु भागलपुर में कहलगांव से सुल्तानगंज तक गंगा की धारा को बिक्रमशीला गांगये डॉल्फिन आश्रयणी घोषित किया गया है.

– वर्ष 2017–18 में 2.85 करोड़रुपये की लागत से घोड़ा कटोरा पथ, राजगीर एवं 3.00 करोड़ रुपये की लागत से वेणुवन के विस्तार एवं उन्नयन का कार्य किया जा रहा है.

– यहां लगभग 100 सीटों वाले ऑडिटोरियम का निर्माण पूर्ण हाे सका है तथा3डी थियेटर के निर्माण हेतु 2.98 करोड़ रुपये की लागत से भवन बनकर तैयार हा चुका है.

-ऑनलाइनटिकटिंग की सुविधा शीघ्र प्रारम्भ होगी तथा भ्रमण करने वालों को आकर्षक टिकट के साथ सूचनापरक ब्राउसर दिये जायेंगे. उद्यान मेंसाईनेज लगाये जायेंगे तथा टॉय ट्रेन भी चलाये जायेंगे.

– वन्यप्राणिदत्तक ग्रहण योजना के तहत कोई भी व्यक्ति/परिवार/व्यक्ति समूह/प्रतिष्ठान/ संस्था/कंपनी निर्धारित राशि जमाकर पशु–पक्षियों का दत्तक ग्रहण कर सकता है. गोद लेने वाला व्यक्ति दत्तक प्राणी को अपने मित्र एवं सगे–संबंधियों को उपहार भी कर सकता है.

– राजगीर वन्यप्राणी आश्रयणी अंतर्गत राजगीर वन क्षेत्र में स्वर्णगिरी तथा व्याेहार गिरी पहाड़ियों के घाटी क्षत्रे में 191.12 हे0 मे 60 कराेड़रुपये की लागत से जू सफारी का निर्माण/विकास किया जा रहा है.

– इस ‘‘वन्यप्राणी सफारी‘‘ के समीपस्थ उपयुक्त वन क्षेत्र के 500 हे0 में एक ‘‘नेचर सफारी’’ की स्थापना की जा रही है जो इको–टूरिज्म के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा.

– पटना में 4 नये कंटीनियूस एंबियेंट एयरक्वालिटीमॉनिटरिंग स्टेशन की स्थापना.

-अगस्त, 2018 तक सभी इंर्ट भट्ठाें का स्वच्छता तकनीक में सम्परिवर्तन.

– बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के 2 नये क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जाएंगे.

– अक्टूबर, 2014 में शौचालय आच्छादन का 22.81प्रतिशत था जो वर्त्तमान में 40.83प्रतिशत है.

– राष्ट्रीय ग्रामीण जीविकोपार्जन मिशन, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016–17 में के लिए जीविका काे सम्मानित किया गया.

– एक वित्तीय वर्ष में बैंकों द्वाराएसएचजी को वित्तीय सहायता की राशि रू 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख तक कर दी गई. जीविका द्वारा अबतक लगभग 5.10 लाख एसएचजी को 4434 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गई है. वित्तीय वर्ष 2017–18 में जनवरी माह तक 1.45 लाख एसएचजी को लगभग 1650 करोड़ रुपये का वित्तीय पोषण किया गया एवं मार्च, 2018 तक अतिरिक्त 600 करोड़ का वित्तीय पोषण कराये जाने का लक्ष्य है. वर्ष 2018–19 में 2.25 लाख एसएचजी को बैंकों द्वारा 3500 करोड़ रूपये से भी अधिक का वित्तीय पाेषण उपलब्ध कराने का लक्ष्य है.

– ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु जीविका द्वारा विभिन्न बैंकों की मदद से 147 बैंक सखी को प्रशिक्षित कर ग्राहक सेवा केंद्र खोलवाये गये. वर्ष 2018–19 में लगभग 20–25 लाख ग्रामीणाें को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतुनये500 ग्राहक सेवा केंद्र खोले जायेंगे, जिनके माध्यम से बैंक सखियों को लगभग 8 हजार रुपये प्रति 10 लाख रुपये के लेंनदेंन पर प्रतिमाह आमदनी हाेगी.

– बिहार राज्य का विजन डॉक्यूमेंट-2030 की पुस्तिका एवं 3 वर्षीयएक्शनएजेंडा पर मंतव्य एवं3 ईयर एक्शनप्लान तैयार कर नीति आयोग, भारत सरकार को प्रेषित किया गया है.

– राज्य के 45 शहरी अंचलों में 1 दिसम्बर, 2017 से आॅनलाइनदाखिल खारिज प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है तथा 1 अप्रैल, 2018 से पूरे राज्य में ऑनलाईन विधि से दाखिल खारिज वादों के निष्पादन, भू–लगान के भुगतान एवं भू–स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत करने की व्यवस्था प्रारम्भ की जा रही है.

-पंचायतसरकारभवन के निर्माण हेतु वर्ष 2017–18 में 300.00 कराेड़रुपये की राशि व्यय की जा रही है जबकि वर्ष 2018–19 में 200.00 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायी जायेगी.

– वर्ष 2018–19 में वाह्य संपोषित योजना के अंतर्गत लोन एवं स्टेटशेयरके रूप में प्राप्त होने वाली क्रमश:रुपये 140.00 करोड़ एवंरुपये 60.00 करोड़ रुपये की राशि से राज्य के 12 जिलों (पटना, नालंदा, भेजपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, गया, रोहतास, औरंगाबाद, समस्तीपुर, दरभंगा एवं मधुबनी) में 330 पंचायत सरकार भवनाें का निर्माण कराया जायेगा.

– राज्य के 18 नगर निकायों में 60.33 करोड़ रुपये की लागत से बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 13 नगर निकायाें में 42.3154 करोड़ रुपये की लागत से बस स्टैण्ड का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है.

– 302.34 करोड़रुपये की लागत से अंतर्राज्जीयबसटर्मिनल,पटना की योजना को संशोधित करते हुए हुडको से ऋण प्राप्त करने के बदले राज्य सरकार की निधि से इसका क्रियान्वयन कराया जा रहा है.

– 1.40 करोड़रुये की प्रति इकाई की लागत से 50 नगर निकायों के लिए बहुउद्देश्यीय सम्राट अशोक भवन के निर्माण की योजना स्वीकृति दी गई है.

– वर्ष 2017–18 में भागलपुर, मुंगेर, मोकामा, सिमरियाघाट एवं पहलेजा घाट में 95.55 करोड़ रुपये की लागत सेविद्युत शवदाह गृहों के जीर्णोद्वार के लिए योजना स्वीकृत की गई है. इसके अतिरिक्त 12 नगर निकायों में शवदाह गृह निर्माण हेतु 17.06 करोड़रुपये की याजेना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है.

– पटना मेट्रो रेल परियोजना हेतुएनआइटी, पटना एंडआरआइटीईएस के संयुक्त तत्वावधान मेंडीपीआर हेतु कप्रिहेंसिवमोबिलिटी तथाअंटरनेटिवएनालिसिस रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है. भारत सरकार द्वाराडीपीआर की स्वीकृति के पश्चात् कार्य प्रारंभ किया जायेगा.

– पटना में बहादुरपुर एवं हनुमाननगर स्थित 244 अनावंटित फ्लैंटों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा जिससे 50 करोड़ रुपये की आय संभावित है. वर्ष 2018–19 में आवास बाेर्ड की सभी अनावंटित संपदाआें को आवंटित करने का लक्ष्य है.

– गर्दनीबाग पटना में विभिन्न श्रेणी के आवासन परियाेजना अंतर्गत 10.22 एकड़ भूखंड में माननीय मंत्री/समकक्ष के लिए 17 अद्द आवास, 11.7 एकड़ भूखंड में माननीय न्यायाधीशों के लिए 17 अद्द आवास, 13 एकड़ भूखंड में पदाधिकारी आवास एवं 7 एकड़ भूखंड में कर्मचारी आवास का निर्माण कार्य वर्ष 2020 तक पूरा कर लिया जायेगा.

– बिहार भवन एवं बिहार निवास के अतिरिक्त द्वारिका, नयी दिल्ली में 78.87 करोड़ रुपये लागत सेबिहारसदन के निर्माण की कार्यवाई की जा रही है.

– खाद्यान्न का प्रतिमाह औसत उठाव 100 प्रतिशत एवं वितरण 98 प्रतिशत है, जाे कि देश के अग्रणी राज्यों के अनुरूप है.

– बिहार लाेक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के तहत अभी तक 28,938 नया राशन कार्ड निर्गत किया गया है एवं 2,54,934 अपात्र लाभुकों का राशन कार्ड रद्द किया गया है.

– राज्य में व्याप्त जाति प्रथा के उन्मूलन तथा अंतर्जातीय विवाह काे प्रोत्सााहित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा अंर्तजातीय विवाह करने वाली महिला को आर्थिक दृष्टि से सबल बनाने हेतु प्रति लाभार्थी प्रोत्साहन अनुदान की राशि 50,000.00रुपये से बढ़ाकर 100000.00 रुपये कर दी गयी है.

– वर्ष 2018–19 में पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्रओं को प्री-मैट्रिक हेतु कुल 1098.47 कराेड़रुपये का प्रावधान किया गया है.

– वर्ष 2017–18 में प्रति विद्यालयरुपये 25.64 करोड़ की दर सेरुपये 102.64 करोड़ का व्यय करते हुए 4 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस 2 उच्च विद्यालय रोहतास, सारण, पूर्णिया एवं समस्तीपुर के भवनों (520 आसन) के निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गयी है.

– वर्ष 2017–18 में प्रति विद्यालय 34.83 करोड़रुपये की दर से अनुसूचित जाति के लिए 21 आवासीय विद्यालयों के भवनों (720 आसन) के लिए 731.43 करोड़रुपये के एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 3अावासीयविद्यालयों के भवनों (720 आसन) के निर्माण हेतु 104.49 कराेड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है.

-आवासीय विद्यालय एवं छात्रावासों के निर्माण के लिए वर्ष 2017–18 में 470.00करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है तथा वर्ष 2018–19 में 457.50रुपये करोड़ का प्रावधान है.

-बिहारराज्य अल्पसंख्यकवित्तियनिगम को सुदृढ़ करने हेतु वर्ष 2017–18 से इसका हिस्सापूंजी 40.00 कराेड़रुपये से बढ़ाकर 80.00 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया गया है.

– मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगारऋण योजनांतर्गत वर्ष 2017–18 से अल्पसंख्यक युवक/युवतियों को अधिकाधिक राेजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 25.00 करोड़ रुपये के स्थान पर 100.00 कराेड़ रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की गई है.

– बिहार राज्य मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी मदरसों में शैक्षणिक सुधार हेतु मुलभूत सुविधाएं एवं आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने हेतु बिहार राज्य मदरसा सुदृढ़ीकरण प्रारंभ की जायेगी.

– श्रम विभाग के पदाधिकारियों एवं अन्य भागीदारों के क्षमता निर्माण, श्रम एवं नियाेजन के मुद्दों पर अध्ययन, शोध एवं मूल्यांकन की कार्रवाई हेतु दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजनअध्ययन संस्थान का निर्माण कार्य पटना में चल रहा है. यह संस्थान वर्ष 2018–19 से कार्य करना शुरू करेगा.

-बिहारभवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत कुल 8.28 लाख निर्माण श्रमिक निबंधित हैं तथा वर्ष 2017–18 में अब तक 40 हजार 754 निर्माण श्रमिकों के बीच विभिन्न याेजनान्तर्गत कुल 61.28 कराेड़ का अनुदान वितरित किया गया है. वर्ष 2018–19 में बोर्ड के अन्तर्गत निर्माण श्रमिकों के निबंधन को दोगुना कर 16 लाख करने का लक्ष्य है.

– राज्य सरकार द्वाराएनसीएस के पोर्टल पर बिहार राज्य के नियोजनालयों में निबंधित 7.88 लाख बेरोजगार युवक/युवतियाें काप्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनांतर्गत प्रीमियम की राशि 26 कराेड़रुपये का भुगतान अपने संसाधनों से किया जायेगा तथा निबंधितव्यक्तियों की प्रीमियम की राशि भुगतान उनके निबंधन की तिथि से अगले 10 साल तक प्रतिवर्ष किया जायेगा. योजना अन्तर्गत बीमित व्यक्तियाें की मृत्यु/पूर्ण विकलांगता के लिये 2 लाख रुपये तथा अर्द्ध विकलांगता के लिए 1 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है.

– वर्ष 2018–19 में कुशल युवा कार्यक्रम के अन्तर्गत कुल 5,00,000 युवाआें को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

-बिहारऔद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति,2016 लागू होने के बाद जनवरी, 2018 तक प्राप्त 718 निवेश प्रस्तावों में से 596 पर स्टेज–1 क्लीयरंसे प्रदान की गयी तथा इसमें रुपये 8848.86 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है. खाद्य प्रसंस्करण के 292 इकाइयों (1467.21 करोड़ रुपये), उर्जा के 08 इकाइयाें (3981.55 करोड़ रुपये) एवं सिमेन्ट उद्योग के 03 इकाइयाें (1002.60 कराेड़रुपये) का निवेश प्रस्तावित हैं. 30 इकाइयां कार्यरत हाे गई हैं.

– बियाडा के अंतर्गत कुल 52औद्योगिक क्षेत्र-प्रांगण-विकास केंद्र एवं मेगा पार्क अवस्थित है. वर्ष 2017 में उद्योग की स्थापना हेतु कुल 35 इकाईयाें के बीच 15.56 एकड़ भूमि का आवंटित की गई है जिसमें 606.04 कराेड़रुपये का निवेश होगा एवं 1259 लोगों को रोजगार की प्राप्ति हाेगी. वर्त्तमान में बियाडा की कुल 2451 औद्याेगिक इकाइयों में से 1589 इकाइयां कार्यरत हैं.

-बरौनीउर्वरक प्लांट के पुनर्वास हेतु 55 वर्षों के लिए हिन्दुस्तान उर्वरक और रसायन लि. को 480 एकड़ भूमि अन्तरण के लिए लीज एग्रीमेंट हेतु देय स्टाम्प शुल्क लगभग 216.00 करोड़ रुपये की छूट की स्वीकृति दी गयी है.

– बक्सर के आईटीआई तथाएमआइटी मुजफ्फरपुर मेंएनआइईएलआइटी की शाखा खोली जायेगी. राज्य सरकार द्वारा बिहटा में उपलब्ध कराये गए 15 एकड़ भूमि पर विकसितएनआइईएलआइटी सेंटर का उद्घाटन 26 फरवरी 2018 को किया गया है.

– पटना मेंसी-डेक की डेवलपमंटे केन्द्र की स्थापना हेतुरुपये 1.95 करोड़ के परियाेजना प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी जा चुकी है.

– नेशनल ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क : राज्य के 5260 पंचायतों में ऑप्टिकल फाइवर बिछाया जा चुका है जिसमें से 4528 पंचायत इंटरनेट सेवा के लिए तैयार हैं.

– वर्ष 2018–19 मेंकॉमनसर्विससेंटर द्वारासाइबरकैफे के रूप में गांव में नागरिक सुविधा प्रदान की जायेगी.

– साथ ही पंचायतों में 4 सार्वजनिक स्थानों परवाइफाई एक्सेस हेतुहॉट स्पॉट स्थापित किये जायेंगे.

– शेष पंचायतों में आगामी 2 वर्षों मेंऑप्टिकल फाइबर बिछाने का कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

– 08 फरवरी, 2018 तक राज्य की चीनी मिलों द्वारा कुल 385.96 लाख क्विटंल गन्ने का क्रय कर निर्धारित दर पर मूल्य 1119.68 करोड़ रुपये के विरुद्ध 704.16 करोड़ रूपये (62.89प्रतिशत ) का भुगतान मिलों द्वारा करा दिया गया है.

– वज्रपात आपदा से निपटने के लिएपूर्व चेतावनी तंत्र की स्थापना हेतु कार्रवाई की जा रही है ताकि वज्रपात हाेने के पूर्व ही प्रभावित क्षेत्र के लोगों को इसकी पूर्व चेतावनी देकर जान माल की रक्षा की जा सके.

– वर्ष 2005 में देशी पर्यटकों की संख्या 68.80 लाख, 80 थी, जो वर्ष 2017 में 371.08 प्रतिशत बढ़कर 3.24 करोड़ हो गई है. इसी प्रकार वर्ष 2005 में विदेशी पर्यटकों की संख्या 6.33 लाख, थी, जो वर्ष 2017 में 70.95 प्रतिशतबढ़कर 10.82 लाख हो गई है.

-बोधगया में कल्चरल सेंटर के निर्माण हेतु 145.14 करोड़ रुपये की वृहत याेजना स्वीकृत की गयी है, जिसके अन्तर्गत कल्चरल सेंटर, 2000 सिटर ऑडिटोरियम, यूटिलिटी भवन, गार्ड रूम, स्थल विकास, चहारदिवारी आदि के निर्माण कार्य का शिलान्यास 01 फरवरी 2018 काे किया जा चुका है.

– पटना में श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज की 350वीं जयन्ती के अवसर पर बहुउद्देशीय प्रकाश केंद्र एवं उद्यान के निर्माण हेतु 50.88 करोड़ रुपये की लागत से एक्जीविशन हॉल, खंदा साहिब, बाबा अजीत सिंह द्वार, बाबा फतेह सिंह द्वार, पर्यट सूचना केंद्र, मल्टीमीडिया सेंटर, गार्ड रूम, शौचालय परिसर आदि का निर्माण कराया जायेगा.

– प्रधानमंत्री पैकेज के अन्तर्गत 500 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत हैं, जिसके तहत जैन परिपथ (52.38 करोड़), कांवरियों परिपथ (52.35 करोड़), गांधी परिपथ (42.41 करोड़) एवं मदार हिल व अंग प्रदेश सर्किट (53.49 कराेड़) का विकास किया जा रहा है.

– राजगीर में 633 करोड़ की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्पोटर्स एकेडमी एवं क्रिकट स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है.

-मोईनुल हक स्टेडियमपटना को विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम के रूप में विकसित किये जाने हेतु सरकार एवं बीसीए के बीच एमओयू किये जाने की कार्रवाई की जा रही है.

– 661.00 लाख प्रति इकाई की लागत से 8 जिलों में व्यायामशाला सह खेल भवन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है.

-सांस्कृतिक संरचना निर्माण योजना के तहत प्रति प्रेक्षागृह–सह–आर्ट गैलरी 8.19 करोड़ की दर से दरभंगा, सहरसा, मुंगेर एवं पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय तथा बेगूसराय जिला मुख्यालय में 600 क्षमता वाले आधुनिक प्रेक्षागृह एवं चाक्षुष कला की प्रदर्शनी हेतु आर्ट गैलरी का निर्माण कराया जा रहा है. गया, भागलपुर एवं सारण प्रमंडलीय जिला मुख्यालय में इनके निर्माण हेतु अगले चरण में स्वीकृति दी जायेगी.

– 14 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रहण की स्थिति में केन्द्र सरकार जीएसटी में समाहित राजस्व को संरक्षित करते हुए 5 वर्षों तक प्रतिवर्ष शेष राशि की भरपाई करेगी. इस संबंध में निर्धारित फार्मूला के अनुसार वर्ष 2018–19 से वर्ष 2021–22 तक क्रमश: 18,702 करोड़ 21,320 करोड़, 24,305 करोड़ एवं 27,707 करोड़ की राशि संरक्षित रहेगी एवं इनमें कमी होने की स्थिति में इसकी प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार द्वारा की जायेगी. वर्ष 2017–18 में 1 जुलाई, 2017 से 31 मार्च, 2018 तक जीएसटी मद में 12,994 करोड़ का राजस्व संरक्षित है तथा जनवरी, 2018 तक केन्द्र से बिहार को 2,119 करोड़ की राशि प्राप्त हाे चुकी है. जीएसटी मद में संरक्षित राजस्व की राशि एवं गैरजीएसटी मद में अब तक प्राप्त राजस्व में पिछले वित्तीय वर्ष के विरूद्ध 15.16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

– पेट्राे उत्पादाें एवंजीएसटी लागू हाेने के पूर्व के मामलों मेंवैट मद में कुल मिलाकर लगभग 7000 करोड़ की राशि इस वित्तीय वर्ष में प्राप्त हाेने की सम्भावना है. इस प्रकार वर्ष 2017–18 मेंजीएसटी एवंनॉन जीएसटी से कुल लगभग 20,000 करोड़ राजस्व संग्रहण संभावित है.

-परिवहन विभाग का वर्ष 2015–16 मेें राजस्व संग्रहण 1070.96 करोड़, वित्तीय वर्ष 2016–17 में राजस्व संग्रहण 1249.61 करोड़ था, जो पिछले वर्ष से 16.84 प्रतिशत अधिक है. वर्ष 2017–18 के जनवरी माह तक राजस्व संग्रहण 1204.78 करोड़ की वसूली हो चुकी है. वर्ष 2018–19 हेतु 2000 कराेड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य है.

– वाहनों की बिक्री एवं निबंधन के क्षेत्र में भी प्रतिवर्ष उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2006–07 में जहां मात्र 1,47,309 वाहनाें का निबंधन हुआ था, वहीं वित्तीय वर्ष 2016–17 में 7.63 लाख वाहनाें का निबंधन हुआ है. वित्तीय वर्ष 2017–18 के दिसम्बर माह तक 6.93 लाख वाहनों का निबंधन किया जा चुका है

-वाहन निबंधन के सभी कार्य वर्तमान में वाहन-4.0 सॉफ्टवेयर के माध्यम से किये जाने की कार्रवाई 35 जिलों में प्रारंभ की गई है. शेष 3 जिलों में भी कार्य यथा शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा. इस सुविधा के लागू होने से डीलर प्वाइंट पर ही निबंधन की व्यवस्था प्रारंभ हो जायेगी तथा सभी सुविधाए ऑनलाईन उपलब्ध हाेगी.

– महिलाओं की सशक्तीकरण के लिए व्यवसायिक अनुज्ञप्तिधारी महिला चालकों को महिलाओं के नाम पर निबंधित तिपहिया वाहन, टैक्सी, माेटर कैब, मैक्सी कैब आदि के चालन में शत–प्रतिशत वाहन कर में छुट दी गई है.

– नि:शक्तजनों के लिए उनके द्वारा प्रयाेग में लाए जा रहे वाहनाें पर लगनेवाले कर को पूर्ण रुप से विलोपित कर दिया गया है.

– पर्यावरण की शुद्धता एवं संतुलन काे कायम रखने के लिए मोटर वाहन जनित प्रदूषण नियंत्रण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है. वर्तमान में राज्य में 299 जांच केन्द्राें को अनुज्ञप्ति दी गई है. तथा राज्य के सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केन्द्राें की स्थापना की जा रही है.

– ऑनलाइन पेमेंट पर नागरिकों काे देय स्टाम्प ड्यूटी की राशि में 1प्रतिशत, अधिकतम 2000रुपये तक,
की छूट देने का निर्णय लिया गया है.

– छात्र एवं आम नागरिक को शिक्षा एवं चिकित्सा ऋण हेतु दस्तावेजों पर देय निबंधन शुल्क (2 प्रतिशत) एवं स्टाम्प ड्यटूी (1 प्रतिशत) काे घटाकर 0.5प्रतिशत कर दिया गया है.

– महिलाओं के पक्ष में दस्तावेज अंतरण हेतु विक्रय–पत्र एवं दान–पत्र से संबंधित दस्तावेजों के निबंधन पर देय स्टाम्प ड्यटूी एवं निबंधन शुल्क में 5: की छूट की गयी है.

– 03 फरवरी, 2018 तक पुलिस द्वारा 4.07 लाख छापामारी किया गया है एवं 75.97 हजार अभियुक्तों को जेल भेजा गया है. इस अवधि के दौरान 6.37 लाख लीटर विदेशी शराब एवं 1.82 लाख लीटर चुलाई शराब जब्त किया गया है.

– अबतक 5 जिलों में कुल 49 पत्थर खनन पट्टों की पांच वर्षों के लिए बंदोबस्ती लोक नीलामी के माध्यम से की गयी है, जिसकी राशि 916.84 करोड़ है.

– बिहार स्टुडेंट कार्ड याेजनांतर्गत विद्यार्थियों को ससमय ऋण उपलब्ध कराने हेतु बिहार राज्य शिक्षा वित्तीय निगम की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है तथा इसके संचालन एवं कार्यालय प्रबंधन हेतु 131 पदों का सृजन किया गया है.

– बेहतर वित्तीय प्रबंधन हेतु सीटीएमआइएस के स्थान पर उन्नत तकनीक एवं परिष्कृत प्रणाली के रूप में समेकित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को अप्रैल, 2018 से लागू करने का निर्णय लिया गया है, जिसका का विकास एवं सम्बर्द्धन चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा.

– सीएफएमएस लागू होने के बाद राज्य का संपूर्ण वित्तीय कार्य एवं कोषागार की कार्य प्रणाली पूर्णत: ऑन लाईन हो जायेगा. इसके माध्यम से बजट प्रबंधन की क्षमता में वृद्धि होगी,लेखा व अंकेक्षण, प्राप्ति व व्यय तथा बजट प्रबंधन में सुधारहोगा, ई–पेमेंट के माध्यम से सरकारी राशि सीधे लाभुकों के खाते में अंतरित किया जा सकेगी तथा ई–रिसीट के माध्यम से सरकारी खाते में राशि आनॅलाईन जमा की जा सकेगी.सीएफएमएस लागू होने पर वित्तीय लने–देन में पारदर्शिता आयेगी. इससे राज्य के वित्तीय प्रबंधन में मदद मिलेगी तथा सटीक लेखांकन संभव हो सकेगा.

– जीइएम :-सरकारी खरीद में दक्षता, मितव्ययिता, निष्पक्षता, प्रतिस्पर्धात्मक दर एवं पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों/कार्यालयों द्वाराजीइएमपोर्टल से सामग्रियों/सेवाओं की अधिप्राप्ति को अनिवार्य किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

– इसके प्रथम चरण में 1 अप्रैल, 2018 से सचिवालय स्थित विभागों एवं अन्य कार्यालयों मेंजीइएमपोर्टल से सामग्रियों/सेवाओं की अधिप्राप्ति की जायेगी.

– जीइएम के तहत पोर्टल पर उपलब्ध सप्लायर सेरुपये 50,000.00 तक की सामग्री की खरीद सीधे की जा सकेगी. 50,000रुपये से अधिक की सामग्रियों की खरीद, न्यनूतम कीमत रखने वाले आपूर्तिकर्ता के माध्यम सेऑनलाइनबिडिंग एवं ऑनलाइन रिजर्व ऑक्शन का उपयोग करते हुए की जा सकेगी.

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