नक्सली के साथ है मुजफ्फरपुर के एक स्थानीय विधायक का संबंध ! ED ने पत्नी-बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया

पटना: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर बिहार और उत्तर प्रदेश के शीर्ष माओवादी नेताओं में से एक मुसाफिर सहनी, उसकी पत्नी तथा पुत्र को आय के ज्ञात स्रोत से अधिक अचल संपत्ति रखने के मामले में पूछताछ के लिए ईडी के पटना स्थित जोन कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया है. पटना स्थित प्रवर्तन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2018 10:02 PM

पटना: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर बिहार और उत्तर प्रदेश के शीर्ष माओवादी नेताओं में से एक मुसाफिर सहनी, उसकी पत्नी तथा पुत्र को आय के ज्ञात स्रोत से अधिक अचल संपत्ति रखने के मामले में पूछताछ के लिए ईडी के पटना स्थित जोन कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया है.

पटना स्थित प्रवर्तन निदेशालय के जोनल कार्यालय से आज प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुसाफिर सहनी उर्फ आनंद जी उर्फ आलोक उर्फ मलिक जी के साथ उसकी पत्नी चंदेश्वरी देवी और पुत्र बबलू सहनी उर्फ रोहित साहनी को आय के ज्ञात स्रोत से अधिक अचल संपत्ति रखने के मामले में पूछताछ के लिए आगामी छह से आठ मार्च के बीच ईडी के पटना स्थित कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है.

मुसाफिर सहनी वर्तमान में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की वैशाली-मुजफ्फरपुर उप क्षेत्रीय समिति का स्वयंभू एरिया कमांडर है जो कि पूर्व में इस संगठन के बिहार-उत्तर प्रदेश सीमांत क्षेत्रीय समिति का सचिव रह चुका है. मुसाफिर सहनी पर अपनी पत्नी जो कि वर्तमान में आंगनबाड़ी सेविका के पद पर कार्यरत हैं, के नाम पर अचल संपत्ति जमा करने का आरोप है.

मुसाफिर सहनी पर रियल एस्टेट में भी निवेश करने का आरोप है. सहनी के बैंक खाते सहित सभी तरह के निवेश की ईडी द्वारा जांच की जा रही है. ईडी को यह जानकारी भी मिली है कि स्थानीय विधायक अपने व्यवसाय के साथ-साथ राजनीतिक लाभ के लिए मुसाफिर सहनी को कथित रूप से लेवी का भुगतान कर रहे हैं. माओवादी और राजनेताओं के बीच संबंध की भी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही है. मुसाफिर सहनी का पुत्र रोहित सहनी भी भाकपा माओवादी के कोर सदस्य के रूप में काम कर रहा है और विभिन्न माओवादी अभियानों में उसने अपने पिता का सहयोग करने के साथ वह स्थानीय लोगों से लेवी वसूल भी एकत्र करता है. मुसाफिर सहनी और उसके पुत्र के खिलाफ हत्या, रंगदारी, डकैती और विभिन्न आपराधिक षड्यंत्र से जुड़े 20 से अधिक मामले दर्ज हैं.

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