पटना : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के एनडीए छोड़ कर महागठबंधन में आने के बाद विवाद उत्पन्न होने लगा है. एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मांझी की मांगों पर विचार करने की बात कही है, वहीं कांग्रेस पार्षद ने महागठबंधन में आने का विरोध जताते हुए कहा कि कौन-सा पहाड़ तोड़ लेंगे. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद की टीम में बिखराव की बात कही जा रही थी, जबकि एनडीए में ही बिखराव देखने को मिल रहा है.
‘जो मेरा नहीं हो सका, वो तेरा क्या होगा?’ यह कहना है जदयू प्रवक्ता संजय सिंह का. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया. मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्हें कुछ करना भी नहीं पड़ा. सब बैठे-बिठाये मिल गया. उन्हें मेहनत का दर्द कहां है. इसलिए जहां जाएं, उन्हें मुबारक हो. उनके जाने से एनडीए को कोई नुकसान नहीं होगा और ना राज्य में होनेवाले उपचुनाव में कोई असर पड़ेगा. ‘जो मेरा नहीं हो सका, वो तेरा क्या होगा?’ यह कहना है जदयू प्रवक्ता संजय सिंह का. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया. मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्हें कुछ करना भी नहीं पड़ा. सब बैठे-बिठाये मिल गया. उन्हें मेहनत का दर्द कहां है. इसलिए जहां जाएं, उन्हें मुबारक हो. उनके जाने से एनडीए को कोई नुकसान नहीं होगा और ना राज्य में होनेवाले उपचुनाव में कोई असर पड़ेगा.
वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने अभी कुछ भी खुल कर कहने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि आज शाम आठ बजे होनेवाले संयुक्त संवाददाता सम्मेलन तक इंतजार कीजिए. वहीं, मांझी के एनडीए छोड़े जाने पर उन्होंने कहा कि संयुक्त संवाददाता सम्मेलन पहले गुरुवार को जीतन राम मांझी के आवास पर सुबह 10 बजे होना था. लेकिन, अब आज ही शाम को आठ बजे प्रेस कॉन्फ्रेन्स आयोजित किया जायेगा. राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्यसभा के लिए जो भी उम्मीदवार होगा, उसके नाम की विधिवत घोषणा की जायेगी. हमारा गठबंधन विचारधारा को लेकर हुआ है.
राजद नेता व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि मांझी जी अपने घर लौट कर आ गये हैं. हम जीतन राम मांझी का स्वागत करते हैं. हम उनकी मांगों पर विचार करेंगे. अब उपेंद्र कुशवाहा भी जल्दी ही महागठबंधन में आ जायेंगे. मांझी को राज्यसभा भेजने पर भी विचार होगा. उन्होंने कहा कि एनडीए में मांझी घुटन महसूस कर रहे थे. इसलिए अपने पुराने जगह पर आ गये हैं. यह बेहतर है.
जीतन राम मांझी के महागठबंधन में आते ही विवाद भी शुरू हो गया है. कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दिलीप चौधरी ने मांझी के महागठबंधन में आने का विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि मांझी महागठबंधन में आकर कौन-सा पहाड़ तोड़ लेंगे. उनके आने से महागठबंधन को कुछ भी फायदा नहीं होगा.
वहीं, कांग्रेस के बक्सर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि एनडीए से अलग होकर जीतन राम मांझी आ रहे हैं, उनका स्वागत है. हम मजबूत हैं और मजबूत होंगे.
बिहार के श्रम मंत्री व लखीसराय से विधायक विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राजद के लोग घबराये हुए हैं. अस्तित्व की रक्षा के लिए हरतरफ दरबार में दौड़ रहे हैं. जीतन राम मांझी के एनडीए छोड़े जाने पर उन्होंने कहा कि अभी तक सूचना नहीं मिली है. ना ही उन्होंने (जीतन राम मांझी) कोई औपचारिक घोषणा की है. इसलिए अभी नहीं माना जा सकता कि उन्होंने एनडीए का दामन छोड़ दिया है.
विधायक प्रमोद कुमार ने कहा कि राजनीति समंदर है. यहां आना-जाना लगा रहता है. यह विचारधारा का संगम है. जिसकी विचारधारा जिसके साथ सही बैठती है, वह उसके साथ होता है.
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