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बिहार : नया साथी मिलते ही पुराने पर साधा निशाना, मांझी ने कहा, नीतीश के फैसले से दलित को झटका

मांझी ने एनडीए पर चलाये बयानों के तीर, अशोक ने कांग्रेस काे जमकर कोसा बुधवार को राजधानी में हाईबोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा हुआ. एक ओर हम ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया. वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी के नेतृत्व में चार एमएलसी ने जदयू में शामिल होने […]

मांझी ने एनडीए पर चलाये बयानों के तीर, अशोक ने कांग्रेस काे जमकर कोसा
बुधवार को राजधानी में हाईबोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा हुआ. एक ओर हम ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया. वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी के नेतृत्व में चार एमएलसी ने जदयू में शामिल होने की घोषणा कर दी. इसके बाद पुराने साथियों पर दोनों खूब बरसे.
नीतीश के फैसले से दलित को झटका : मांझी
पटना : होली के ठीक पहले राज्य का राजनीति पारा अचानक बढ़ गया और इसकी शुरुआत हम (हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी की घोषणा से हुई. बुधवार को उन्होंने अचानक एनडीए का साथ छोड़ते हुए महागठबंधन का दामन थामने का ऐलान कर दिया.
इस संयुक्त प्रेस वार्ता में जीतन राम मांझी और तेजस्वी यादव समेत दोनों दल के कई नेताओं ने एक ही माले में अपने को समाहित करते हुए एकता का परिचय दिया. एनडीए से अपने को आहत बताते हुए कहा कि दो-तीन मुद्दे पर नीतीश के फैसले से गरीब और दलित वर्ग को काफी बड़ा झटका लगा है. शराबबंदी में 90 हजार गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें 99 फीसदी गरीब और दलित ही हैं.
दंगा के आरोपी को डीजीपी बनाना दुर्भाग्य
जीतन राम मांझी ने नये डीजीपी केएस द्विवेदी के बारे में कहा कि भागलपुर दंगा के आरोपी को डीजीपी बनाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.
इनकी पोस्टिंग से आम लोग खौफजदा हैं. हमारे एससी समुदाय के लोग लाइन में लगे थे, लेकिन उन्हें छोड़ कर इन्हें डीजीपी बना दिया गया. इस तरह के लोगों को शीर्ष पद पर बैठाना सामाजिक न्याय नहीं है. ऐसे लोगों का खुल कर समर्थन नहीं करना चाहिए.
मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि जब इन तीन समस्याओं पर सीएम का ध्यान आकर्षण कराने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने इसका उपहास किया. जीतन राम मांझी ने लालू प्रसाद सराहना करते हुए कहा कि उनकी विचारधारा मजबूत करने की जरूरत है.
राज्य की तीनों उपचुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने के लिए 6 मार्च से भ्रमण करेंगे. मांझी ने भाजपा पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि बीजेपी उनकी बात पर उचित रिस्पांस लेती, तो आज उनकी सरकार नहीं गिरती.
तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है. एनडीए को जुमलेबाजी और तानाशाही सरकार बताते हुए कहा कि एनडीए में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. शिवसेना महाराष्ट्र में निकल गयी. अन्य कई लोग इनसे नाराज चल रहे हैं. खुद नीतीश कुमार काफी प्रेशर में हैं.
मांझी के जाने का कोई असर नहीं
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि जीतनराम मांझी के एनडीए छोड़ने से कोई असर नहीं पड़ने वाला है. एनडीए में उनका सम्मान था. लेकिन व्यक्तिगत लाभ के लिए वे अपने समाज को छोड़ चले गये.
नीतीश कुमार आर्दश नेता: अशोक चौधरी
पटना : बिहार में कांग्रेस ने बुधवार की देर शाम अपने चार विधान पार्षदों को पार्टी से निकालने की घोषणा की. इनमें अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर शामिल हैं. इसके तुरंत बाद शाम साढ़े आठ बजे इन सभी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस करके जदयू में शामिल होने का एलान किया.
इस बाबत अशोक चौधरी ने कहा कि जिस पार्टी में सम्मान ही नहीं, उस पार्टी में रहकर क्या करेंगे. यदि मुझमें मेरिट होगा तो ठीक है, नहीं तो नीतीश कुमार मुझे साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करने के लिए कहेंगे तो वैसा ही करूंगा. उन्होंने नीतीश कुमार को एक आदर्श नेता बताया. कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजनीति में आने के लिए नौजवान प्रोत्साहित होते हैं.
राहुल गांधी की तारीफ की
वहीं अशोक चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ की है और उन्हें नेकदिल इंसान बताया है. उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि राहुल इन दिनों सीपी जोशी जैसे लोगों से घिरे हैं. सीपी जोशी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति विशेष को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए उन्होंने सारा खेल रचा. अब नयी पार्टी में शामिल होने के बाद हम दलितों और अल्पसंख्यकों को ताकत व आवाज देने का काम करेंगे.
– कांग्रेस पर आरोप
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी के बारे में अशोक चौधरी ने कहा कि उन्हें राजनीतिक अनुभव की कमी है. जब हमने शाम पांच बजे ही विधान परिषद के उपसभापति से मिलकर कांग्रेस से अलग होने की सूचना दे दी थी, उसके तीन घंटे बाद हमें पार्टी से निकालने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी पर यूज एंड थ्रो का आरोप लगाया. कहा कि करीब चार साल तक कांग्रेस की सेवा करने के बाद उन्हें अलग-थलग कर दिया गया.
– कोई असर नहीं : सदानंद सिंह
कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय शंकर दुबे का कहना है कि इनलोगों को पार्टी ने पहले ही निष्कासित कर दिया था. कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, इनके जाने से कोई असर नहीं पड़ेगा.
अशोक चौधरी को छोड़ अन्य तीनों एमएलसी अभी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष थे. कांग्रेस विधायक व विधानमंडल दल के पूर्व नेता डा अशोक कुमार ने अशोक चौधरी के पार्टी छोड़ने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि अशोक चौधरी पार्टी के ऊपर बोझ थे. इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि अशोक चौधरी के एनडीए में आने से एनडीए मजबूत होगा.
सरकार के सेहत पर कोई असर नहीं
एनडीए व महागठबंधन में नेताओं की मची भगदड़ से सरकार के सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है. विधानसभा में जीतन राम मांझी के अलग होने से विधानसभा में सरकार को कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है.
उधर विधान परिषद में कांग्रेस के चार सदस्यों के जदयू में शामिल होने का लाभ सरकार को मिला है. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजद के कुल 79 विधायक हैं. इसी तरह से जदयू के 70, भाजपा के 52, कांग्रेस के 27, स्वतंत्र चार, सीपीआइ के तीन, आरएलएसपी के दो, हम के एक और तीन सीटें रिक्त हैं. जीतन राम मांझी के चले जाने से सदन के अंदर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसी तरह से विधान परिषद में सरकार बहुमत में है. परिषद में जदयू के 31, भाजपा के 22, लोजपा के दो, आरएलएसपी के एक और विपक्ष में राजद के नौ, कांग्रेस के पांच, सीपीआइ के दो, स्वतंत्र एक और रिक्त दो पद हैं.
भगदड़ में किसको है क्या उम्मीद
दोनों गठबंधनों में मची भगदड़ में सभी ने अपने गणित से पार्टी छोड़ा है. जानकारों का कहना है हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी को राज्यसभा सीट को लेकर संभावना दिख रही है. साथ ही उनके पुत्र को विधान परिषद में राजद कोटे से जगह मिलने की उम्मीद है.
हम के नेता वृषिण पटेल को मुंगेर लोकसभा सीट पर दावेदारी की संभावना बन रही है. इधर कांग्रेस नेता अशोक चौधरी को जमुई लोकसभा सीट एनडीए कोटे से मिलने की संभावना है. अशोक चौधरी को एक दलित नेताके नाते राज्यसभा सीट को लेकर भी संभावना जतायी जा रही है. यह सभी तस्वीर अभी साफ होना बाकी है. इस भगदड़ में शामिल दिलीप चौधरी अशोक चौधरी के सहारे फिर से विधान परिषद में वापसी की संभावना देख रहे हैं. रामचंद्र भारती कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. उनको भी फिर से विधान परिषद लौटने की उम्मीद लगायी जा रही है.
‘हम’ में ही नाराजगी
मांझी का निर्णय एकतरफा
पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में जाने को लेकर उनके ही दल में नाराजगी है. नाराज नेताओं ने कहा है कि अपने और बेटे का राजनीतिक हित की पूर्ति को लेकर उन्होंने इस तरह का एकतरफा निर्णय लिया है.
पार्टी के प्रदेश महासचिव धनंजय सिंह, राजकुमार दास, हम के युवा दलित प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष गोल्डेन अांबेडकर, प्रदेश सचिव नगीना पासवान आदि नेताओं ने कहा कि मांझी का फैसला पूरी तरह अलोकतांत्रिक है. उनका निर्णय एकतरफा है. कोई भी निर्णय राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राजनीतिक समिति की बैठक में होता. लेकिन एेसा नहीं किया गया. आठ अप्रैल को रैली के बाद कोई निर्णय होता तो बेहतर होता.
हम छोड़ जदयू में कई शामिल
हम (से) पार्टी के कई नेता बुधवार को जदयू में शामिल हो गये. इन्होंने जदयू के बिहार विधान परिषद सदस्य संजय कुमार सिंह के समक्ष सदस्यता ग्रहण की. इनमें पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव शरीफुल हक, पूर्व युवा कार्यकारी अध्यक्ष मुजफ्फरपुर अमित विक्रम, मुजफ्फरपुर महानगर अध्यक्ष जाकिर हुसैन बाबू भाई, प्रदेश उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक सेल मो काजीम, प्रदेश सचिव अल्पसंख्यक सेल मो हामीद, जिला उपाध्यक्ष (मुजफ्फरपुर) मो0 नजरे आलम, जिला महासचिव (मुजफ्फरपुर) जमाल हाशिम एवं जिला महासचिव अल्पसंख्यक सेल (मुजफ्फरपुर) सैयद इसरार हुसैन रिजवी शामिल हैं.
सदस्यता ग्रहण करने वाले सभी नेताओं ने कहा कि नीतीश
कुमार के नेतृत्व में इस समय बिहार में अमन-चैन कायम है. सामाजिक सौहार्दपूर्ण वातावरण, न्याय के साथ विकास की धारा बह रही है.
सदस्यता ग्रहण करने के बाद सभी नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश महासचिव सह मुख्यालय प्रभारी डाॅ नवीन कुमार आर्य और अनिल कुमार
उपस्थित थे.

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