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VIDEO : बिहार के सभी थाने बहुत जल्द होंगे ऑनलाइन, क्राइम में कमी के साथ होगा यह फायदा…

पटना : बिहार में अब सभी पुलिस थाने ऑनलाइन होंगे और अपराधियों के डाटा के साथ क्राइम का डाटा भी हर थाने का ऑनलाइन होगा. बिहार के वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार विधानसभा में बजट भाषण पर चर्चा के दौरान इसका जिक्र किया. उसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा […]

पटना : बिहार में अब सभी पुलिस थाने ऑनलाइन होंगे और अपराधियों के डाटा के साथ क्राइम का डाटा भी हर थाने का ऑनलाइन होगा. बिहार के वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार विधानसभा में बजट भाषण पर चर्चा के दौरान इसका जिक्र किया. उसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम सीसीटीएनएस परियोजना के कार्यान्वयन की कार्यवाही चल रही है, बहुत जल्द बिहार के सभी थानों को ऑनलाइन कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस परियोजना हेतु वर्ष 2018-29 में 2477.00 लाख रुपया बजट में कर्णाकिंत किया गया है.

सुशील मोदी ने कहा कि अब देश भर में कहीं भी अपराध होने पर बिहार के थाने और यहां के अपराधी के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिल जायेगी. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के सभी थानों को हाइटेक कर दिया जायेगा. किसी और प्रदेश में अपराध होने के बाद वहां के पुलिस को भी सुविधा होगी और अपराध पर लगाम लगाया जा सकेगा. गौर हो कि अपराध व अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सीसीटीएनएस) एक प्लान स्कीम है, जो एक नॉन-प्लान स्कीम – कॉमन इंटेग्रटेड पुलिस एप्लीकेशन (CIPA) के अनुभव से विकसित हुआ है. सीसीटीएनएस भारत सरकार के राष्ट्रीय इ-गवर्नेंस प्लान के अधीन एक मिशन मोड परियोजना है.

इसके तहत अपराध की जांच एवं अपराधियों की पहचान से संबंधित आइटी आधारित स्टेट ऑफ आर्ट ट्रैकिंग प्रणाली के विकास के लिए इस सिद्धांत को अपनाते हुए पुलिस की कार्यकुशलता तथा प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक व्यापक एवं समेकित प्रणाली का निर्माण करना सीसीटीएनएस का उद्देश्य है. सीसीटीएनएस परियोजना के लिए भारत सरकार द्वारा 2000 करोड़रुपयाबहुत का आवंटन किया गया है.

वैज्ञानिक तथा तकनीकी संगठनों जैसे फिंगर प्रिंट ब्यूरो, फॉरेंसिक लैब इत्यादि सहित पुलिस के पद सोपान में 6000 उच्च कार्यालयों जैसे कि मंडल, उप मंडल, जिला, रेंज, जोन, पुलिस मुख्यालयों, राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो जिनके पास जांच एवं अन्य उद्देश्यों के लिए सहायता एवं सूचना प्रदान करने के लिए अपेक्षित डाटाबेस है, इनके अतिरिक्त सीसीटीएनएस परियोजना के अधीन देशभर में लगभग 14000 पुलिस थानों को स्वचालित किये जाने का प्रस्ताव है. इसमें लगभग आधे से ज्यादा जगहों पर यह लागू कर दिया गया है.

इसके उद्देश्य की बात करें, तो इसके तहत पुलिस के कार्यों को नागरिक केंद्रित बनाना और पुलिस थानों में कार्यों को स्वचालित करके पारदर्शी बनाना. आइसीटी के प्रभावी प्रयोग द्वारा नागरिक केंद्रित सेवाओं के वितरण में सुधार करना,सिविल पुलिस के जांच अधिकारियों को टूल्स, तकनीकी तथा अपराध की जांच एवं अपराधियों की पहचान को सरल बनाने के लिए सूचना प्रदान करना, विभिन्न प्रकार के अन्य क्षेत्र जैसे कानून एवं व्यवस्था, यातायात प्रबंधन इत्यादि में पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार करना शामिल है.

साथ ही पुलिस थानों, जिलों, सं. शा. प्रदेश मुख्यालयों तथा अन्य पुलिस एजेंसियों में परस्पर संवाद को सरल बनाना एवं सूचनाओं को सांझा करने के साथ पुलिस बलों के बेहतर प्रबंधन में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की सहायता करना शामिल है. साथ ही न्यायालयों के मामलों सहित अन्य सभी मामलों की प्रगति का कार्य जारी रखना, नियमावली तथा अनावश्यक रिकॉर्ड के रखरखाव को कम करना शामिल है.

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