अमेरिकी संस्था ‘एथनिक आर्ट्स फाउंडेशन’ के पास बिहार के मशहूर कलाकारों की बनाई पेंटिंग्स थीं, जिन्हें मंगलवार को बिहार म्यूजियम लाया गया है. ये सभी पेंटिंग्स अपने आप में बेहद खास हैं, क्योंकि इन्हें 1960-1980 के दशक के कलाकारों ने बनाया था. बिहार म्यूजियम में इन सभी पेंटिंग्स के आने से यह देश का पहला म्यूजियम बन गया है, जिसमें मिथिला पेंटिंग्स का सबसे बड़ा संग्रह है. जल्द ही यहां आने वाले विजिटर्स इन सभी पेंटिंग्स को देख सकेंगे.
इन कलाकारों ने बनायी थी पेंटिंग
अमेरिका से आये इन पेंटिंग्स में कलाकार कृष्णकांत झा, जमुना देवी, चानो देवी, उत्तम पासवान, संतोष कुमार दास, रजनी, बिमला दत्त, जोगमाया देवी, रंजीत पासवान, अमृता झा, हीरा देवी, ललिता देवी, शशिकला देव, कर्पूरी देवी आदि के दुर्लभ पेंटिंग्स मौजूद है. इन पेंटिंग्स को नेचुरल कला और ऐक्रेलिक कलर से तैयार किया गया था. इससे पहले से बिहार म्यूजियम के रीजनल गैलेरी में पहले से छह से ज्यादा पेंटिंग मौजूद है.
कला के प्रचार-प्रसार के लिए लगाया जाता था एग्जीबिशन
अमेरिका के रेमंड ली वोएन्स ने 1970 में ‘एथनिक आर्ट्स फाउंडेशन’ की स्थापना की थी. इसका उद्देश्य मिथिला पेंटिंग और कलाकारों की गुणवत्ता के साथ-साथ उनकी आर्थिक समृद्धि में योगदान देना था. वोएन्स 1977 में भारत आए और मधुबनी के कलाकारों से मिल कर उनकी बनाई सैकड़ों पेंटिंग्स को अमेरिका ले गए. जहां वे इस कला को बढ़ावा देने के लिए एग्जीबिशन लगाते थे, ताकि इस कला का प्रचार-प्रसार हो सके.
बिहार म्यूजियम ने लिखा था पत्र
वर्ष 2000 में वोएन्स की मृत्यु के बाद इस संस्था का संचालन एक समिति द्वारा किया जा रहा था. वर्ष 2024 में समिति ने इस संस्था को बंद करने का निर्णय लिया. संस्था के पास पहले से मौजूद मधुबनी पेंटिंग्स को विदेश के विभिन्न संग्रहालयों को सौंप दिया गया. जब बिहार संग्रहालय को इन पेंटिंग्स के बारे में पता चला तो उन्होंने इस संस्था को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने इन पेंटिंग्स को धरोहर के रूप में वापस लाने की बात कही. जिसके बाद वहां बची 113 पेंटिंग्स अब पटना आ गई हैं.
अमेरिकी संस्था की ओर से सभी पेंटिंग बिहार संग्रहालय में पहुंच चुकी है. यहां पहले से छह से ज्यादा मधुबनी पेंटिंग मौजूद है. उस समय के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बनायी गयी यह 113 पेंटिग्स के आ जाने से मधुबनी पेटिंग्स का संग्रहालय में अच्छा कलेक्शन हो जायेगा. यह सभी पेंटिंग बेहद बेशकीमती है.
– अंजनी कुमार सिंह, महानिदेशक, बिहार म्यूजियम.
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