बिहार : एडवांस कॉर्डियक सेंटर में शुरू होने जा रही है यह सुविधा, जानें कब आती है वाल्व ट्रांसप्लांट की नौबत

पटना : हृदय की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मासूम बच्चों के लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि अब उन बच्चों के खराब वाल्व को आईजीआईएमएस में बदला जायेगा. अस्पताल प्रशासन की ओर से यह सुविधा बहाल करने के लिए कवायद शुरू कर दी गयी है. आईजीआईएमएस के कार्डियक सेंटर में यह सुविधा मिलेगी. अस्पताल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2018 8:45 AM
पटना : हृदय की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मासूम बच्चों के लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि अब उन बच्चों के खराब वाल्व को आईजीआईएमएस में बदला जायेगा. अस्पताल प्रशासन की ओर से यह सुविधा बहाल करने के लिए कवायद शुरू कर दी गयी है. आईजीआईएमएस के कार्डियक सेंटर में यह सुविधा मिलेगी. अस्पताल अधिकारियों की मानें, तो अप्रैल महीने से बच्चों के वाल्व ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू कर दी जायेगी.
कब आती है वाल्व ट्रांसप्लांट की नौबत
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार ने बताया कि हार्ट वाल्व में खराबी आने का कारण रूमेटिक हार्ट डिजीज(आरएचडी) का होना है.आरएचडी गले में स्ट्रेप्टोकोकस नामक बैक्टीरिया के इन्फेक्शन के कारण होता है. यह बीमारी ज्यादातर बच्चों और किशोरों को होती है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण गर्भवती महिलाओं का प्रेग्नेंसी में बिना डॉक्टरी सलाह के दवा का सेवन करना है. इसके अलावा जिन माताओं को पहले से हृदय रोग की समस्या है, उनके बच्चों को वाल्व में लीकेज, सिकुड़न और धड़कन तेज होने की आशंका अधिक हो जाती है.
नतीजा कुल चार वाल्व में एक या दो वाल्व खराब हो जाते हैं. डॉ अशोक ने कहा कि अगर बच्चों की धड़कन तेज चले तो परिजनों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर इलाज कराना चाहिए, ताकि वाल्व समय रहते जांच हो जाये और खराब वाल्व के ट्रांसप्लांट की नौबत नहीं आये.
एडवांस कॉर्डियक सेंटर में हृदय से संबंधित सभी तरह का इलाज शुरू होने जा रहा है. वहीं वाल्व ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने से मरीजों का काफी फायदा होगा. यहां 70 से 80 हजार रुपये से भी कम खर्च में इलाज हो जायेगा. जबकि, प्राइवेट अस्पतालों में दो से चार लाख रुपये तक खर्च करना पड़ता है.
-डॉ बीपी सिंह, एचओडी, हृदय रोग विभाग, आईजीआईएमएस

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