साइबर क्राइम का मास्टरमाइंड धराया

बैकिंग सिस्टम में सेंध लगा कर लाखों कमाये पटना : नामी गिरामी कंपनियों के बिजनेस सिस्टम में सेंधमारी करके साइबर क्राइम को अंजाम देने वाला एक मास्टर माइंड युवक पुलिस के हत्थे चढ़ा है. रूपक ओझा नाम के इस शातिर बदमाश ने तमाम ग्राहकों के बैंक खातों और निजी दस्तावेजों को हैक करके लाखों कमाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2018 9:07 AM
बैकिंग सिस्टम में सेंध लगा कर लाखों कमाये
पटना : नामी गिरामी कंपनियों के बिजनेस सिस्टम में सेंधमारी करके साइबर क्राइम को अंजाम देने वाला एक मास्टर माइंड युवक पुलिस के हत्थे चढ़ा है. रूपक ओझा नाम के इस शातिर बदमाश ने तमाम ग्राहकों के बैंक खातों और निजी दस्तावेजों को हैक करके लाखों कमाया है.
केवल इंटर पास शातिर युुवक के कारनामों से पुलिस के एक्सपर्ट भी हतप्रभ हैं. दरअसल पकड़े गये मास्टर माइंड ने अपने शातिराना दिमाग को धार देने के लिए बाकायदा एथिकल हैकिंग का कोर्स भी किया है. पुलिस इस मामले में अभी और जांच कर रही है. पुलिस ने इस युवक को बजाज फिनसर्व कंपनी के एक मामले में शिकायत के बाद गिरफ्तार किया है. पुलिस की जानकारी के मुताबिक इस युवक ने बजाज फिनसर्व कंपनी को 40 लाख का चूना लगाया है.
पुलिस इसे झारखंड का जूनियर नटवर लाल बता रही है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक झारखंड के जूनियर नटवरलाल रूपक ओझा को पटना पुलिस ने गांधी मैदान इलाके से गिरफ्तार किया. इसके पास से एक फर्जी आईकार्ड, एक आईफोन, छह मोबाइल, एक सोनी कंपनी का कैमरा, एक कैमरा स्टैंड, एक लैपटॉप, एक म्यूजिक सिस्टम, एक मिक्सर ग्राइंडर, एक बैग व 5 विभिन्न बैंकों का एटीएम बरामद किया गया है. रूपक ओझा मूल रूप से झारखंड के देवघर के मधुपुर के कुर्मीडीह का रहने वाला है. पिता का नाम किशोरी प्रसाद ओझा है. इसके संपर्क झारखंड के जामताड़ा में सक्रिय व जेल में बंद साइबर क्राइम गिरोह के पंकज सिंह से हैं.
झारखंड के साथ ही यह राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के बजाज फिन सर्व के कई ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड का पिन पता कर लाखों रुपये की खरीदारी कर चुका है. इसके खिलाफ इन राज्यों में भी प्राथमिकी दर्ज है.
इसके अलावा झारखंड पुलिस जब तक इसके करीब पहुंचती, इसने अपना ठिकाना पटना में बेऊर के गंगा नगर में बना लिया. यहां भी लाखों के सामान धोखाधड़ी और जालसाजी करके ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि से दूसरे व्यक्ति के बजाज फिनसर्व के क्रेडिट कार्ड से खरीदारी की.
इसके बाद सामान को रिसीव करने के बाद आेएलएक्स पर भी बेच दिया. इससे संबंधित एक केस एयरपोर्ट थाने में दर्ज हुआ है. फिर सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी के नेतृत्व में गांधी मैदान पुलिस ने गांधी मैदान इलाके में गिरफ्तार कर लिया. जिस समय पकड़ा गया उस समय वह एक व्यक्ति को सैमसंग का महंगा मोबाइल बेचने जा रहा था.
खातों से पैसे कटते थे तो होती थी जानकारी
कार्ड की सारी जानकारी लेकर सामान जब ले लेता था तो फिर ईएमआई की राशि कार्ड होल्डर के एकाउंट से कटने लगती थी. उसे आश्चर्य होता था कि उसने सामान लिया ही नहीं, तो फिर उसके खाते से पैसे कैसे कट रहे हैं. इसके बाद जब वह कंपनी से संपर्क करता, तो यह जानकारी होती कि किसी जालसाज ने कार्ड की सारी जानकारी लेकर ऑनलाइन शॉपिंग कर ली है.
ओटीपी की मदद से मिलती थी जानकारी
बजाज फिनसर्व ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराती है. उक्त कार्ड की मदद से ग्राहक किस्त पर सामान खरीद सकते हैं. बजाज फिनसर्व कंपनी के ऑनलाइन माध्यम में सेंध लगा कर चालाकी से रूपक ओझा ने लाखों रुपये के सामान ऑनलाइन कंपनी से ले लिया. चूंकि ग्राहकों ने वह सामान नहीं लिया था, इसलिए चूना कंपनी को लगा. वह बजाज फिनसर्व के एप्लीकेशन पर चला जाता था और वहां कस्टमर के लॉगइन पर जा कर रेंडमली मोबाइल नंबर डालता था.
कई नंबर डालने पर कोई न कोई मोबाइल नंबर सटीक बैठ जाता था, जो किसी ग्राहक का होता था. इसके बाद उस नंबर को डालने पर फिर नेक्स्ट का ऑप्शन पर क्लिक करने पर एक ओटीपी नंबर उक्त मोबाइल नंबर पर जाता था, जो किसी भी ग्राहक के आवश्यक जानकारी की फाइल को खोलने के लिए जरूरी होता है. उक्त मोबाइल नंबर पर फोन कर अपने आप को बजाज फिनसर्व कंपनी का अधिकारी बताते हुए यह जानकारी देता था कि आप मेरे सबसे अच्छे कस्टमर हैं.
आपका इनाम निकला है. आपके मोबाइल नंबर का सत्यापन करने के लिए एक ओटीपी नंबर भेजा गया है, कृप्या इसकी जानकारी दे दें. ग्राहक भी इनाम के लालच में तुरंत ही ओटीपी नंबर रूपक झा को बता देता था. रूपक तुरंत ही ओटीपी नंबर को एप्लीकेशन में डालता था. इससे ग्राहक की तमाम डिटेल सामने आ जाती थी. 12 अंक के सीक्रेट नंबर, जन्मतिथि, पता, नाम सभी कंप्यूटर के स्क्रीन पर दिखने लगते थे.

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