छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान बिहार का सपूत शहीद, शोक में डूबा बेगूसराय
बेगूसराय : छत्तीसगढ़ में हुए नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बिहार के एक सपूत के शहीद होने का समाचार मिला है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कांकेर में बीएसएफ जवानों और नक्सलियों के बीच भारी मुठभेड़ हुई थी, इस घटना में बीएसएफ के एक अधिकारी और एक जवान के शहीद होने की खबर है. मुठभेड़ […]
बेगूसराय : छत्तीसगढ़ में हुए नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बिहार के एक सपूत के शहीद होने का समाचार मिला है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कांकेर में बीएसएफ जवानों और नक्सलियों के बीच भारी मुठभेड़ हुई थी, इस घटना में बीएसएफ के एक अधिकारी और एक जवान के शहीद होने की खबर है. मुठभेड़ के दौरान आईईडी ब्लास्ट हो गया, जिसमें असिस्टेंड कमांडर जितेंद्र और जवान अमरेश कुमार शहीद हो गये.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके रावघाट में आइडी विस्फोट हो गया. आईईडी विस्फोट में ही सीमा सुरक्षा बल के एक असिस्टेंट कमांडेंट और जवान शहीद हो गये. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के रावघाट इलाके में यह घटना हुई है. बीएसएफ सूत्रों के अनुसार रावघाट से दक्षिण इलाके के एक गांव मासपुर में यह घटना हुई है. ये मुठभेड़ कांकेर जिले के रावघाट स्थित किलेनार इलाके में हुई थी. बस्तर के आइजी विवेकानंद सिन्हा ने मीडिया के सामने घटना की पुष्टि की थी. असिस्टेंड कमांडर जितेंद्र हरियाणा और अमरीश कुमार बिहार से हैं.
जानकारी के मुताबिक, रावघाट क्षेत्र में बीएसएफ की 134 नंबर की एक बटालियन तैनात है. बुधवार को बटालियन से जवानों की एक टीम अस्टिटेंट कमांडेंट के नेतृत्व में ऑपरेशन के लिए गयी थी. जवानों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने 5 आईईडी सेट किया था. इसी दौरान एक के बाद एक कई आईईडी ब्लास्ट होने लगे. आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से ही सहायक कमांडेंटजितेंद्र सिंह और सिपाही अमरेश कुमार वीरगति को प्राप्त हो गये. बीएसएफ ने दोनों जवानों की शहादत की पुष्टि की है.
बिहार के जिस वीर जवान की शहादत छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में हुई है वे बेगूसराय के रहने वाले हैं. शहीद सिपाही उमेश कुमार बेगूसराय जिला के मंझौल निवासी थे और फिलहाल उनकी तैनाती नक्सल प्रभावित इलाके में थी और वे नक्सलियों से लोहा ले रही बीएसएफ की 134 बटालियन में तैनात थे.घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है.
छत्तीसगढ़ की बड़ी नक्सली वारदातें एक नजर में
-नक्सलियों ने 11 मार्च 2014 को इसी तरह टाहकवाड़ा में सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया था, जिसमें 16 जवान शहीद हो गए थे.
-सितम्बर 2005 में गंगालूर रोड पर एंटी-लैंडमाइन वाहन के ब्लास्ट – 23 जवान शहीद हुए थे.
– जुलाई 2007 में एर्राबोर अंतर्गत उरपलमेटा एम्बुश में 23 सुरक्षाकर्मी मारे गए.
– अगस्त 2007 में तारमेटला में मुठभेड़ में थानेदार सहित 12 जवान शहीद हुए.
– 12 जुलाई, 2009 को जिला राजनांदगांव में एम्बुश में पुलिस अधीक्षक वीके चौबे सहित 29 जवान शहीद हुए. इसी प्रकार नारायणपुर के घौडाई क्षेत्र अंतर्गत कोशलनार में 27 सुरक्षाकर्मी एम्बुश में मारे गए थे.
– 6 अप्रैल 2010 को ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए.
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