पटना : जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव को ’दागी’ और जीतन राम मांझी को ‘पदलोलुप‘ करार देते हुए कहा कि राजद के शासनकाल में जहानाबाद जिले में हुए नरसंहारों के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन नरसंहारों के दौर में अपने परिवार के सदस्यों को खो चुके लोगों के दर्द आज भी कम नहीं हुए हैं. आज उससमय के कई बच्चे भले ही युवा हो गये, परंतु उस ‘जंगलराज‘ की याद अब भी उन्हें बेचैन करती हैं.
जहानाबाद से अलग होकर आज अरवल अलग जिला हो गया है. लेकिन, अगर आंकड़ों पर गौर करें, तो राजद के शासनकाल के दौरान 1990 से 2000 के बीच जहानाबाद जिले में 25 नरसंहार की घटनाएं हुई थीं. इनमें 146 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. ऐसा नहीं कि इसमें किसी खास जाति और वर्ग के लोग शामिल थे. नरसंहार की इन घटनाओं में केवल दलित, हरिजन ही नहीं, बल्कि सवर्ण जाति के लोग भी शामिल थे. जान गंवानेवालों में कई नाबालिग भी शामिल थे. आज चुनाव के दौरान आप इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए भले ही जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंच रहे हैं, परंतु उन पीड़ित परिवारों से मिलकर और सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगिए.
उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल को आज भी यहां के लोग नहीं भूले हैं. यही कारण है कि यहां के लोग आंकड़ों के जरिये भी राजद और राजग के शासनकाल की तुलना कर रहे हैं. राजद के 15 साल के शासनकाल की तुलना में नीतीश कुमार जी के 12 साल के मुख्यमंत्रित्व काल में जहानाबाद में जहां हत्या के मामलों में 44 प्रतिशत की गिरावट आयी, वहीं फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 77 प्रतिशत तथा सड़क लूट के मामलों में 31 प्रतिशत की गिरावट आयी है. आंकड़ों पर गौर करें, तो आपको भी नजर आ जायेगा कि शिक्षा, सड़क और बिजली के क्षेत्र में भी राजद के शासनकाल की तुलना में राजग के काल में जहानाबाद का विकास तेजी से हो रहा है. आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते.
नीरज कुमार ने कहा कि आपके पिता लालू प्रसाद यादव तो अपने कर्मों की कहानी रांची की अदालत में बता रहे हैं. लेकि, आज जनता की अदालत में आप अपनी बेनामी संपत्ति का तो खुलासा कीजिए कि इतनी कम उम्र में आप इतनी अकूत संपत्ति के मालिक कैसे बन गये? ऐसे भी सार्वजनिक जीवन जीनेवाले व्यक्ति के लिए जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत मानी जाती है.