बिहार : मक्के की बाली में नहीं आये दाने, किसान परेशान

मोकामा : प्रखंड की कसहा दियारा में मक्के की बाली में दाने नहीं लग सके. इसको लेकर तकरीबन 500 एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गयी. मक्के की खेती में पूंजी भी डूब जाने से किसान परेशान हैं. इस बाबत दर्जनों किसानों ने गुरुवार को प्रखंड कृषि कार्यालय में फसल निरीक्षण की गुहार लगायी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2018 3:54 AM
मोकामा : प्रखंड की कसहा दियारा में मक्के की बाली में दाने नहीं लग सके. इसको लेकर तकरीबन 500 एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गयी. मक्के की खेती में पूंजी भी डूब जाने से किसान परेशान हैं. इस बाबत दर्जनों किसानों ने गुरुवार को प्रखंड कृषि कार्यालय में फसल निरीक्षण की गुहार लगायी है.
किसानों का कहना है कि फसल का विकास भी समय के मुताबिक बेहतर हुआ, लेकिन तकरीनब एक फुट की बाली में महज पांच-छह दाने आये हैं. उन्होंने उन्नत पैदावार के लिए 1500 रुपये प्रति किलो की दर से मक्के की हाईब्रीड बीज खरीदी थी. बीज कंपनी ने प्रति बीघे 40 क्विंटल मक्के की उपज का दावा किया था. किसानों ने अच्छी उपज के लिए भरपूर मेहनत की, लेकिन बाद में बालियों को देख कर निराशा हाथ लगी.
किसान बच्चू बिंद, रंजीत निषाद, रेखा देवी, भोला बिंद आदि ने बताया कि एक बीघे मक्के की खेती में केवल बीज पर 6000 रुपये खर्च किये. अधिकतर किसानों ने बीज बेगूसराय से खरीदे थे. इस संबंध में बीएओ रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि फसल का जायजा लेकर जांच रिपोर्ट विभाग में भेजी जायेगी.
इधर पौधा संरक्षण विभाग उपनिदेशक एसएन मल्लिक ने जानकारी दी कि कृषि विशेषज्ञों की टीम मक्के में दाने नहीं उगने की वजह की पड़ताल कर रही है. अनुमान लग रहा है कि निर्धारित समय के मुताबिक हाईब्रीड बीज की बुआई नहीं हो सकी. अनुकूल मौसम नहीं रहने से यह समस्या हुई है. बाजार में उपलब्ध बीजों की गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है.
िवभाग को भेजेंगे िरपोर्ट
फसल का जायजा लेकर जांच रिपोर्ट विभाग में भेजी जायेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
रवींद्र कुमार सिंह, बीएओ, मोकामा
दानापुर में किसानों ने कर्ज पर पैसे लेकर की थी मक्के की खेती
दानापुर : प्रखंड के दियारे के सोन-सोती स्थित दिलीपचक व रघुनाथ टोला में इस बार चालीस एकड़ में लगी मक्के की फसल में दाना ही नहीं है.
इससे किसानों निराश व परेशान हैं. किसान अनूप राय, मगरू राय, राम सिंह राय, निर्मल राय व बलम राय समेत आदि ने बताया कि पट्टे पर खेत लेकर मक्का फसल का बीज बोया था. किसानों ने बताया कि इसके लिए महाजन से कर्ज लिया था, परंतु फसल होने के बाद मक्के में एक भी दाना नहीं आया है. इसको लेकर वे चिंतित हैं कि कैसे महाजन का कर्ज चुकायेंगे. किसानों ने बताया कि थाना मोड़ स्थित बीज दुकान से मक्का के बीज का खरीदारी की थी.
खेत में पूरे परिवार के साथ दिन-रात मेहनत की थी कि अच्छी फसल आयेगी तो महाजन का कर्ज चुका देंगे. अब मक्के की फसल में दाना नहीं आने से पूंजी भी डूब गयी है ऊपर से माथे पर हजारों का कर्ज है. किसानों ने इसकी शिकायत प्रखंड कृषि पदाधिकारी से भी की है, परंतु अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है.
कहते हैं अधिकारी
मक्के की फसल की जांच करायी जायेगी. जांच में शिकायत सही पाये जाने के बाद किसानों को उचित मुआवजा विभाग द्वारा दिया जायेगा. किसानों कहां से बीज की खरीदारी की है इसकी जांच करायी जायेगी.
वीरेंद्र कुमार सिंह, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, दानापुर

जिन किसानों की मक्का फसल में नहीं आये दाने, उन्हें मुआवजा

पटना : विधानसभा में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के जिन-जिन जिलों में किसानों की मक्के की फसल में दाने नहीं आये हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिया जायेगा. इस तरह की बीज सप्लाई करने वाले सभी दोषियों कंपनियों के खिलाफ भी राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.
फिलहाल इस मामले की गंभीरता से जांच करवायी जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कहां कितने की फसल नष्ट हुई है. इसके बाद ही मुआवजा की भरपाई की जायेगी. इस मामले को तारकिशोर प्रसाद ने उठाया था. उन्होंने कटिहार जिले के कोढ़ा प्रखंड के भटवारा पंचायत के किसानों की समस्या उठाते हुए मुआवजा देने की मांग की.
मंत्री ने कहा कि इसके लिए विभागीय स्तर पर अधिकारियों और विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर इसकी जांच करवायी गयी. यह पाया गया कि जिन किसानों ने नवंबर महीने के पहले सप्ताह या इसके बाद मक्का की बुआई की है, उनके दाने आ गये हैं. परंतु इससे पहले जिन्होंने बुआई की है, उनके दाने नहीं आये हैं.
इसका कारण सात डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान में इस मक्के की बुआई करने पर इसमें दाने नहीं निकल पाये हैं. कम तापमान में यह बीज बेकार हो गया. इसके लिए दोषी कंपनी पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. इस पर विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे. मंत्री ने जब मुआवजा और कार्रवाई दोनों का आश्वासन दिया, तब मामला शांत हुआ.

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