JDU की सलाह, लालू परिवार अपनी बेनामी संपत्ति का करे यह उपयोग

पटना: जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने लालू यादव और पूरे परिवार को बेनामी संपत्ति को लेकर एक सलाह दी है. नीरज कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बेनामी संपत्ति के युवराज तेजस्वी यादव जी को अपने परिवार की बेनामी संपत्ति दान करने की घोषणा करनी चाहिए. ऐसे भी रहीम कह चुके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2018 12:48 PM

पटना: जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने लालू यादव और पूरे परिवार को बेनामी संपत्ति को लेकर एक सलाह दी है. नीरज कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बेनामी संपत्ति के युवराज तेजस्वी यादव जी को अपने परिवार की बेनामी संपत्ति दान करने की घोषणा करनी चाहिए. ऐसे भी रहीम कह चुके हैं – तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान. कहि रहीम पर काज हित, संपत्ति संचहि सुजान. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा है कि वैसे भी आपके पिता राजनीति को संपत्ति सृजन का साधन बनाकर ही इतनी संपत्ति इकट्ठा की है. संपत्ति इकट्ठा करने के माध्यम के कारण ही राजद एक ‘पारिवारिक‘ राजनीतिक पार्टी बनकर रह गयी है.

नीरज ने तेजस्वी को कहा है कि आपके पिता जब पहली बार जेल गये थे तब उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री का पद सौंप दिया था. यही नहीं कई वरिष्ठ नेताओं को रहते आपको उपमुख्यमंत्री का पद मिला, परंतु भ्रष्टाचार के कारण आपको हटना पड़ गया. तेजस्वी जी, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना आज भी जदयू की प्राथमिकता सूची में है. परंतु राजद को इसका भी जवाब देना चाहिए कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार के पिछड़े रहने के क्या कारण रहे? आखिर आज बिहार अन्य राज्यों से विकास के मामले में पिछड़ा क्यों रह गया? आज राजग के शासनकाल में बिहार ने अपनी क्षमता का सदुपयोग कर अपने विकास दर को राष्ट्रीय स्तर से ऊंचा कर दिया है.

नीरज कुमार ने कहा है कि राजद भी 15 साल तक बिहार की सत्ता में रही है, उस समय राजद ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की पहल क्यों नहीं की? यही नहीं, तेजस्वी जी जब उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की क्या पहल की? तेजस्वी जी, राजद के 15 साल का हिसाब भी आपको देना चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि आपके पिता जी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद जी आज जेल में क्यों हैं? उन्होंने कहा है कि चुनाव आते रहेंगे और होते रहेंगे. मतदाता अपने जनप्रतिनिधि भी चुनकर भेजते रहेगी, परंतु राजद के उस शासनकाल में लगे ‘जंगलराज‘ और ‘नरसंहार‘ के उस काले धब्बे को कैसे हटाएंगे ? यह भी तो बताईए.

यह भी पढ़ें-
राज्यसभा चुनाव : बिहार कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं अशोक चौधरी, दावेदारों में आपसी खींचतान बढ़ी

Next Article

Exit mobile version