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शिक्षा विभाग के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने की घोषणा, एक महीने में मिलेगा सभी शिक्षकों को बकाया वेतन

पटना : बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधान परिषद की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, तो अल्पसूचित और तारांकित प्रश्नों के माध्यम से शिक्षा विभाग के सवालों की झड़ी लग गयी. इस दौरान शिक्षकों को वेतन समय पर नहीं मिलने समेत अन्य मामलों पर जमकर हंगामा हुआ, लेकिन परिषद की कार्यवाही बाधित नहीं […]

पटना : बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधान परिषद की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, तो अल्पसूचित और तारांकित प्रश्नों के माध्यम से शिक्षा विभाग के सवालों की झड़ी लग गयी. इस दौरान शिक्षकों को वेतन समय पर नहीं मिलने समेत अन्य मामलों पर जमकर हंगामा हुआ, लेकिन परिषद की कार्यवाही बाधित नहीं हुई. इस दौरान सत्तापक्ष के संजीव कुमार सिंह, दिलीप कुमार चौधरी, नवल किशोर यादव, देवेश ठाकुर समेत अन्य कई सदस्यों ने ही शिक्षा के मामले पर सरकार को घेरा.

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि शिक्षा की हालत राज्य में क्या हो गयी है. भाजपा और जदयू के लोगों का शिक्षा के मुद्दे पर आमने-सामने आना पोल खोल रहा है. कॉलेज शिक्षकों की इतनी ज्यादा कमी है, तो इन्हें बहाली करने से कौन रोक रहा है. बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरू करनी चाहिए. शिक्षा की बदतर स्थिति के कारण पूरे देश में बिहार की छवि खराब हो रही है.

संजीव कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सभी स्तर के शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए सरकार की तरफ से लगातार पैसे जारी किये गये हैं. इसके बाद भी अगर किसी जिले में शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिला है, तो इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी. विभागीय स्तर पर समीक्षा करके एक महीने के अंदर सभी शिक्षकों का बकाया वेतन जारी कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में अब तक 27 हजार आठ करोड़ रुपये स्वीकृत किये जा चुके हैं. पांच हजार 76 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की प्रक्रिया चल रही है. विश्वविद्यालयों या क्षेत्रीय कार्यालयों से स्वीकृत राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर महालेखाकार से समायोजित कराने की प्रक्रिया में विलंब होने से कभी-कभी वेतन भुगतान में देरी हो जाती है.

मंत्री के इस जवाब पर सत्ता और विपक्ष के कई सदस्य हंगामा करने लगे. शिक्षकों का पिछले तीन से चार महीने का वेतन बकाया है. संजीव कुमार सिंह ने कहा कि राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के हाईकोर्ट का इस मामले में एक अहम फैसला है, जिसमें समय पर शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने पर उन्हें बाद में सूद समेत वेतन भुगतान करने के लिए कहा गया है. जितने दिन की देरी होगी, सरकार को उतने समय का ब्याज जोड़कर वेतन देना होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था यहां भी लागू करने की जरूरत है.

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